• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • उपलब्धियों का सदुपयोग करना सीखें
    • भावना सर्वोपरि है, विधि−विधान नहीं
    • सहृदयता के संवर्धन से ही विश्व कल्याण सम्भव होगा
    • विज्ञान और दर्शन के समन्वय की आवश्यकता
    • सच्चा समर्पण (kahani)
    • हमारी बुद्धिमत्ता भयावह किस्म की मूर्खता सिद्ध न हो
    • साधन तो चाहिए ही! (कहानी)
    • प्रकृति का उपहार−अनुदान मक्खी जैसे जन्तुओं को भी मिला है
    • दधिची की पुण्य परम्परा फिर प्रचलित की जाय
    • हम पुरखों से हर क्षेत्र में पिछड़ ही नहीं रहें
    • गर्मी गर्मी ही नहीं शान्ति और शीतलता भी आवश्यक है
    • सन् 1849 की बात है (kahani)
    • गंदगी की आदत छूटे तो कृमि कीटकों से जान बचे
    • रासायनिक आवेश हमें कठपुतली न बनाने पाये
    • श्रेय (kahani)
    • Quotation
    • कम खायें− अधिक जीयें
    • क्या सचमुच धर्म और राजनीति के दिन लद गये?
    • अनीति को जीवित रहते सहन नहीं करना चाहिये (kahani)
    • हमारा दृष्टिकोण दुराग्रही न हो
    • Quotation
    • मनोविकारों का अवरोध हमें अपँग बना देता है
    • उद्विग्नता ही स्वास्थ्य को चौपट करती है
    • देवताओं का धरती पर आगमन एक तथ्य
    • अन्धकार को चुनौती (kahani)
    • आत्मबोध जीवन का सर्वोपरि लाभ
    • भारतेंदु हरिश्चंद्र का सहयोगभाव (कहानी)
    • योग शब्द के अर्थ का अनर्थ न किया जाय
    • राजेन्द्र बाबू की सादगी और सज्जनता (kahani)
    • अभीष्ट फलदायिनी गायत्री माता
    • Quotation
    • अपनों से अपनी बात - शान्ति कुँज में पाँच स्तर के शिक्षण शिविरों की शृंखला
    • VigyapanSuchana
    • प्राण प्रतिष्ठा
    • प्राण प्रतिष्ठा (kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • उपलब्धियों का सदुपयोग करना सीखें
    • भावना सर्वोपरि है, विधि−विधान नहीं
    • सहृदयता के संवर्धन से ही विश्व कल्याण सम्भव होगा
    • विज्ञान और दर्शन के समन्वय की आवश्यकता
    • सच्चा समर्पण (kahani)
    • हमारी बुद्धिमत्ता भयावह किस्म की मूर्खता सिद्ध न हो
    • साधन तो चाहिए ही! (कहानी)
    • प्रकृति का उपहार−अनुदान मक्खी जैसे जन्तुओं को भी मिला है
    • दधिची की पुण्य परम्परा फिर प्रचलित की जाय
    • हम पुरखों से हर क्षेत्र में पिछड़ ही नहीं रहें
    • गर्मी गर्मी ही नहीं शान्ति और शीतलता भी आवश्यक है
    • सन् 1849 की बात है (kahani)
    • गंदगी की आदत छूटे तो कृमि कीटकों से जान बचे
    • रासायनिक आवेश हमें कठपुतली न बनाने पाये
    • श्रेय (kahani)
    • Quotation
    • कम खायें− अधिक जीयें
    • क्या सचमुच धर्म और राजनीति के दिन लद गये?
    • अनीति को जीवित रहते सहन नहीं करना चाहिये (kahani)
    • हमारा दृष्टिकोण दुराग्रही न हो
    • Quotation
    • मनोविकारों का अवरोध हमें अपँग बना देता है
    • उद्विग्नता ही स्वास्थ्य को चौपट करती है
    • देवताओं का धरती पर आगमन एक तथ्य
    • अन्धकार को चुनौती (kahani)
    • आत्मबोध जीवन का सर्वोपरि लाभ
    • भारतेंदु हरिश्चंद्र का सहयोगभाव (कहानी)
    • योग शब्द के अर्थ का अनर्थ न किया जाय
    • राजेन्द्र बाबू की सादगी और सज्जनता (kahani)
    • अभीष्ट फलदायिनी गायत्री माता
    • Quotation
    • अपनों से अपनी बात - शान्ति कुँज में पाँच स्तर के शिक्षण शिविरों की शृंखला
    • VigyapanSuchana
    • प्राण प्रतिष्ठा
    • प्राण प्रतिष्ठा (kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1974 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
SCAN TEXT


उपलब्धियों का सदुपयोग करना सीखें

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


1 Last
प्राप्त करना उतना कठिन नहीं है— जितना उपलब्धि का सदुपयोग करना। सम्पत्ति अनायास या परिस्थिति वश भी मिल सकती है पर उसका सदुपयोग करने के लिए अत्यन्त दूरदर्शी विवेकशीलता और सन्तुलित बुद्धि की आवश्यकता पड़ेगी। सुयोग्य व्यक्ति यों की समीपता तथा सद्भावना प्राप्त कर लेना उतना कठिन नहीं है, जितना उस सान्निध्य का सदुपयोग करके समुचित लाभ उठा सकना।

मनुष्य में बीज रूप से वे समस्त सम्भावनाएँ विद्यमान हैं जो अब तक कहीं भी किसी भी व्यक्ति में देखी−पाई गई हैं। प्रयत्न करने पर उन्हें जगाया और बढ़ाया जा सकता है। कोई भी लगनशील मनस्वी व्यक्ति अपने को इच्छित दिशा में सफलता प्राप्त करने की आवश्यक क्षमताएँ उत्पन्न कर सकता है और उनका सदुपयोग करके मनचाही सफलता प्राप्त कर सकता है।

जो नहीं है उसे पाने के लिए अधिकाँश मनुष्य लालायित देखे जाते हैं। अप्राप्त को पाने के लिए व्याकुल रहने वालों की कमी नहीं। पर ऐसे कोई बिरले ही होते हैं जो आज की अपनी उपलब्धियों और क्षमताओं की गरिमा का मूल्याँकन करं सकें। उनके सदुपयोग की सुव्यवस्थित योजना बना सके। जो मिला हुआ है, वह इतना अधिक है कि उसका सही और सन्तुलित उपयोग करके प्रगति के पथ पर बहुत दूर तक आगे बढ़ा जा सकता है। अधिक पाने के लिए प्रयत्न करना उचित है पर इससे भी अधिक आवश्यक यह है कि जो उपलब्ध है उसका श्रेष्ठतम सदुपयोग करने के लिए योजनाबद्ध रूप से आगे बढ़ा जाये। जो ऐसा कर सके उन्हें जीवन में असफल रहने का दुर्भाग्य कभी भी सहन नहीं करना पड़ा है।

1 Last


Other Version of this book



Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...

Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • उपलब्धियों का सदुपयोग करना सीखें
  • भावना सर्वोपरि है, विधि−विधान नहीं
  • सहृदयता के संवर्धन से ही विश्व कल्याण सम्भव होगा
  • विज्ञान और दर्शन के समन्वय की आवश्यकता
  • सच्चा समर्पण (kahani)
  • हमारी बुद्धिमत्ता भयावह किस्म की मूर्खता सिद्ध न हो
  • साधन तो चाहिए ही! (कहानी)
  • प्रकृति का उपहार−अनुदान मक्खी जैसे जन्तुओं को भी मिला है
  • दधिची की पुण्य परम्परा फिर प्रचलित की जाय
  • हम पुरखों से हर क्षेत्र में पिछड़ ही नहीं रहें
  • गर्मी गर्मी ही नहीं शान्ति और शीतलता भी आवश्यक है
  • सन् 1849 की बात है (kahani)
  • गंदगी की आदत छूटे तो कृमि कीटकों से जान बचे
  • रासायनिक आवेश हमें कठपुतली न बनाने पाये
  • श्रेय (kahani)
  • Quotation
  • कम खायें− अधिक जीयें
  • क्या सचमुच धर्म और राजनीति के दिन लद गये?
  • अनीति को जीवित रहते सहन नहीं करना चाहिये (kahani)
  • हमारा दृष्टिकोण दुराग्रही न हो
  • Quotation
  • मनोविकारों का अवरोध हमें अपँग बना देता है
  • उद्विग्नता ही स्वास्थ्य को चौपट करती है
  • देवताओं का धरती पर आगमन एक तथ्य
  • अन्धकार को चुनौती (kahani)
  • आत्मबोध जीवन का सर्वोपरि लाभ
  • भारतेंदु हरिश्चंद्र का सहयोगभाव (कहानी)
  • योग शब्द के अर्थ का अनर्थ न किया जाय
  • राजेन्द्र बाबू की सादगी और सज्जनता (kahani)
  • अभीष्ट फलदायिनी गायत्री माता
  • Quotation
  • अपनों से अपनी बात - शान्ति कुँज में पाँच स्तर के शिक्षण शिविरों की शृंखला
  • VigyapanSuchana
  • प्राण प्रतिष्ठा
  • प्राण प्रतिष्ठा (kavita)
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj