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Magazine - Year 1981 - Version 2

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तप के फलस्वरूप (kahani)

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First 9 11 Last
एक बार कुछ तपस्वी एक वट वृक्ष के नीचे बैठे यह विचारने लगे कि तप के फलस्वरूप क्या वरदान माँगा जाय?

एक ने कहा- ‘‘विपुल अन्न माँगना चाहिए ताकि जीवन आनन्द से कटे।” दूसरे ने कहा- ‘‘बल माँगा जाय, क्योंकि बल बिना कैसे अन्न उपजाया जा सकेगा?” तीसरा बोला- ‘‘बुद्धि क्यों न माँगे? बुद्धि बिना बल भी किस काम का?” चौथे ने कहा- ‘‘शान्ति माँगनी चाहिए। अन्यथा अशान्त की बुद्धि भी कुण्ठित हो जाती है।”

विवाद लम्बा हो गया, पर किसी निर्णय पर न पहुँच सके। तब वट वृक्ष ने कहा- ‘‘उलझन में समय नष्ट करने की अपेक्षा आप अपनी-अपनी अभिरुचि का वरदान माँग लें तो भी क्या बुरा है?’’

First 9 11 Last


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Type: TEXT
Language: HINDI
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Type: SCAN
Language: HINDI
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