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Magazine - Year 1989 - Version 2

Media: TEXT
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क्कद्मद्भद्मह्यड्ड क्द्मह्यद्भ द्यह्न[द्म 'द्मद्मड्डद्धह् स्रद्म रुशद्ध.र्द्मंद्ग शद्मह्द्मशद्भ.द्म हृद्म ह्लद्म,फ्द्म्न क्द्मज्श्च; स्रद्ध ष्द्मह् द्दस् द्धस्र द्यद्मह्यब्द्दशद्धड्ड 'द्मह्द्मष्टठ्ठद्ध स्रह्य ठ्ठभ्"कद्म द्गह्वद्ध"द्मद्ध ह्वद्मह्यरुंकऊद्मरुह्यद्गद्य त्त्द्मद्भद्म ष्ह्द्म;ह्य फ्;ह्य द्यड्डस्रह्यह्॥द्मद्ध ड्ढद्यद्ध क्शद्ध/द्म द्यह्य द्यड्डफ्द्धह् [द्मद्मह्ह्य द्दस््न ह्लद्दद्मँ द्वद्दद्मह्यड्डह्वह्य,.कद्धयद्मड्ढरुंक स्रद्ध श्चश्चद्मभ् स्रद्ध द्दस्] शद्दद्मँ द्यस्कद्मद्धह्वस्र द्बद्मंखशद्भ दज्द्मस्ह्द्मह्व स्रद्ध 'द्मद्धष्ठह्ड्ट स्रह्य ह्द्धशभ्ह्द्ग द्दद्मह्यह्वह्य श द्धक्तद्भ ह्व"क द्दद्मह्यह्वह्य स्रद्म द्बभ्द्यड्डफ्॥द्मद्ध द्धब्[द्मद्म द्दस््न

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  • क्ठ्ठक्वज्; ह्लफ्ह् स्रद्म ब्ह्य[द्मद्म ह्लद्मह्य[द्मद्म्न
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  • श्रद्धा मानवी गरिमा का उत्कृष्ट अलंकार
  • कछुए ने डुबकी लगाई (Kahani)
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  • अन्न से बनता है मन
  • नथ पहनने लायक (kahani)
  • समष्टि से प्रभावित व्यष्टि के क्रिया कलाप
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  • घ्राणेन्द्रियाँ बदलेंगी अब मानव की वृत्तियों को!
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  • मनःशक्ति बढ़ाये, तनाव से मुक्ति पायें।
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  • अपनी जैविक लय को जानिए कार्यक्षमता बढ़ाइये।
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