• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • बहिरंग से अधिक अंतरंग की खोज अभीष्ट
    • श्रद्धाँजलि स्वीकार करो!
    • श्रद्धाँजलि स्वीकार करो (Kavita)
    • तस्य वाचकः प्रणवः
    • पतन की कैसी परिणति?
    • वेदाँत के विज्ञान में निहित है सारा तत्वज्ञान
    • हृदय-परिवर्तन
    • जब आसमान से हुई रुधिर की वृष्टि
    • जीवन पद्धति वही ठीक, जो “मूड” को सही रखे
    • दलदल से उबरने की रीति नीति
    • ईर्ष्याग्नि को शाँत करना ही सच्ची बुद्धिमत्ता
    • मनोनिग्रह का नाम ही संन्यास (Kahani)
    • “देह नहीं, देहासक्ति का त्याग”
    • कैसे नकारेंगे आप पुनर्जन्म को?
    • नारी ही लायेगी अब सतयुग
    • अवरोधों से जूझें तो आदतें छूटें
    • VigyapanSuchana
    • सफलता-असफलता से राजर्षि के अधिकारी का निश्चय (Kahani)
    • क्या बुढ़ापा रोका जा सकता है?
    • ज्योति साधना की सिद्धिमय फलश्रुतियाँ
    • लक्ष्य सिद्धि
    • जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे
    • पंज प्यारों का आश्वासन
    • पंज प्यारों का आश्वासन (Kavita)
    • सुख जीवन का गान बन गया
    • सुख जीवन का गान बन गया (Kavita)
    • परम पूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी- - कैसे हो आध्यात्मिक कायाकल्प-2
    • None
    • विशेष लेख-2 - ऋषि युग्म का सुनियोजित लीला-संदोह
    • विशेष लेख-3परम वंदनीया माताजी की जीवन-यात्रा - ममत्व लुटाकर जिस महासत्ता ने यह विराट् परिवार बनाया
    • परम वंदनीया माताजी का अपने स्वजनों के लिए अंतिम संदेश
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • बहिरंग से अधिक अंतरंग की खोज अभीष्ट
    • श्रद्धाँजलि स्वीकार करो!
    • श्रद्धाँजलि स्वीकार करो (Kavita)
    • तस्य वाचकः प्रणवः
    • पतन की कैसी परिणति?
    • वेदाँत के विज्ञान में निहित है सारा तत्वज्ञान
    • हृदय-परिवर्तन
    • जब आसमान से हुई रुधिर की वृष्टि
    • जीवन पद्धति वही ठीक, जो “मूड” को सही रखे
    • दलदल से उबरने की रीति नीति
    • ईर्ष्याग्नि को शाँत करना ही सच्ची बुद्धिमत्ता
    • मनोनिग्रह का नाम ही संन्यास (Kahani)
    • “देह नहीं, देहासक्ति का त्याग”
    • कैसे नकारेंगे आप पुनर्जन्म को?
    • नारी ही लायेगी अब सतयुग
    • अवरोधों से जूझें तो आदतें छूटें
    • VigyapanSuchana
    • सफलता-असफलता से राजर्षि के अधिकारी का निश्चय (Kahani)
    • क्या बुढ़ापा रोका जा सकता है?
    • ज्योति साधना की सिद्धिमय फलश्रुतियाँ
    • लक्ष्य सिद्धि
    • जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे
    • पंज प्यारों का आश्वासन
    • पंज प्यारों का आश्वासन (Kavita)
    • सुख जीवन का गान बन गया
    • सुख जीवन का गान बन गया (Kavita)
    • परम पूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी- - कैसे हो आध्यात्मिक कायाकल्प-2
    • None
    • विशेष लेख-2 - ऋषि युग्म का सुनियोजित लीला-संदोह
    • विशेष लेख-3परम वंदनीया माताजी की जीवन-यात्रा - ममत्व लुटाकर जिस महासत्ता ने यह विराट् परिवार बनाया
    • परम वंदनीया माताजी का अपने स्वजनों के लिए अंतिम संदेश
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1994 - October 1994

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


सफलता-असफलता से राजर्षि के अधिकारी का निश्चय (Kahani)

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 17 19 Last
राजा पुरुषोत्तमदास टंडन उन दिनों बीमार थे। उन्हें देखने के लिए उनके एक पुराने सहपाठी मित्र प्रयाग गये। तब राजर्षि ने बातों ही बातों में अपना एक संस्मरण सुनाया-किसी समय में देशी रियासतों में राजाओं का सुधार करने के लिए एक आदर्श योजना बना रहा था। ताकि यह दिखाने का अवसर मिले कि भारतीय अंग्रेजों से अच्छा शासन कर सकता है। इसी उद्देश्य के लिए बनायी गयी योजना को क्रियान्वित करने हेतु मैंने नाभा रियासत में नौकरी की, परंतु मैं असफल रहा। उनके मित्र ने कहा-’यह तो बड़ा अच्छा रहा।’ यही तो मैं भी कहना चाहता था। अंग्रेजों के कारण मैं असफल हुआ, तो मैंने अपना ध्यान अंग्रेजों, को यहाँ से हटाने में लगाया। ईश्वर के प्रति मैं धन्यवाद से भर गया हूँ। नाभा में सफल होने पर संभव था कि मैं कूप मण्डूक बना रह जाता। इस असफलता ने मेरे लिए सफलता और साधन का नया द्वार खोल दिया-टंडन जी बोले।

अपने कार्य में मिली सफलता-असफलता के प्रति यह सृजनात्मक दृष्टि भर अपनाने से ही वे राजर्षि उपाधि के अधिकारी सिद्ध होते रहे। यह प्रसंग हर उस व्यक्ति के लिए जीवनमुक्ति के समान है, जो प्रगतिपथ पर असफलताओं से जूझते हुए आगे बढ़ना चाहता है।

First 17 19 Last


Other Version of this book



October 1994
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • बहिरंग से अधिक अंतरंग की खोज अभीष्ट
  • श्रद्धाँजलि स्वीकार करो!
  • श्रद्धाँजलि स्वीकार करो (Kavita)
  • तस्य वाचकः प्रणवः
  • पतन की कैसी परिणति?
  • वेदाँत के विज्ञान में निहित है सारा तत्वज्ञान
  • हृदय-परिवर्तन
  • जब आसमान से हुई रुधिर की वृष्टि
  • जीवन पद्धति वही ठीक, जो “मूड” को सही रखे
  • दलदल से उबरने की रीति नीति
  • ईर्ष्याग्नि को शाँत करना ही सच्ची बुद्धिमत्ता
  • मनोनिग्रह का नाम ही संन्यास (Kahani)
  • “देह नहीं, देहासक्ति का त्याग”
  • कैसे नकारेंगे आप पुनर्जन्म को?
  • नारी ही लायेगी अब सतयुग
  • अवरोधों से जूझें तो आदतें छूटें
  • VigyapanSuchana
  • सफलता-असफलता से राजर्षि के अधिकारी का निश्चय (Kahani)
  • क्या बुढ़ापा रोका जा सकता है?
  • ज्योति साधना की सिद्धिमय फलश्रुतियाँ
  • लक्ष्य सिद्धि
  • जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे
  • पंज प्यारों का आश्वासन
  • पंज प्यारों का आश्वासन (Kavita)
  • सुख जीवन का गान बन गया
  • सुख जीवन का गान बन गया (Kavita)
  • परम पूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी- - कैसे हो आध्यात्मिक कायाकल्प-2
  • None
  • विशेष लेख-2 - ऋषि युग्म का सुनियोजित लीला-संदोह
  • विशेष लेख-3परम वंदनीया माताजी की जीवन-यात्रा - ममत्व लुटाकर जिस महासत्ता ने यह विराट् परिवार बनाया
  • परम वंदनीया माताजी का अपने स्वजनों के लिए अंतिम संदेश
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj