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Magazine - Year 1998 - Version 2

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श्रम बड़ा है या बुद्धि (Kahani)

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श्रम बड़ा है या बुद्धि? इस विषय पर दो स्नातकों में विवाद चल पड़ा। दोनों ही अपनी-अपनी बातों पर दृढ़ थे और अपने-अपने दावे की पुष्टि में दृष्टान्त न कर पा रहे थे। निर्णय न कर पा रहे थे। दीर्घतपा ने दोनों को अपने पास बुलाया और कहा “वत्स! श्रम और बुद्धि की सार्थकता पास-पास रहने में ही है, दोनों में से कोई भी न बड़ा है, न छोटा, दोनों का महत्व समान है।”

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Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
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Type: TEXT
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