• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • सावधानी और सुरक्षा
    • जागरूकता का महत्त्व
    • लापरवाही की हानिकारक आदत
    • असावधानी का प्रतिकार
    • नियमबद्ध बनने की आवश्यकता
    • आत्म-रक्षा और नैतिकता
    • कुमार्गगामियों के सुधार का उपाय
    • आसुरी शक्तियों से संघर्ष करने में छल का प्रयोग
    • पाप से सावधान रहो
    • आलस्य और प्रमाद से बचकर रहिए
    • बकवाद करना हानिकारक है
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • सावधानी और सुरक्षा
    • जागरूकता का महत्त्व
    • लापरवाही की हानिकारक आदत
    • असावधानी का प्रतिकार
    • नियमबद्ध बनने की आवश्यकता
    • आत्म-रक्षा और नैतिकता
    • कुमार्गगामियों के सुधार का उपाय
    • आसुरी शक्तियों से संघर्ष करने में छल का प्रयोग
    • पाप से सावधान रहो
    • आलस्य और प्रमाद से बचकर रहिए
    • बकवाद करना हानिकारक है
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Books - सावधानी और सुरक्षा

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT


सावधानी और सुरक्षा

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


2 Last
गायत्री मंत्र का बीसवाँ अक्षर 'न' सदैव सावधानी रखने और अपनी रक्षा को उचित व्यवस्था करने की शिक्षा देता हैं-

न: श्रण्वेकामिमां वार्ता सदाभव । स्वपमाणं नरं नूनं ह्याक्रामन्ति विपक्षिणः।।

अर्थात्-"इस शिक्षा को ध्यानपूर्वक सुनो कि ''सदा सावधान रहना चाहिए । असावधान मनुष्य पर ही शत्रुगण प्राय: आक्रमण कर देते हैं ।"

असावधानी, आलस्य, बेखबरी अदूरदर्शिता ऐसी भूले हैं जिन्हें अनेक प्रकार की आपत्तियों का उद्गम स्थल कह सकते हैं । गफलत में रहने वाले पर किसी भी तरफ से हमला हो सकता है । असावधानी में एक ऐसा दूषित तत्व पाया जाता है कि उसके फल से अनेक प्रकार की हानियाँ एवं विपत्तियाँ एकत्रित हो जाती हैं ।

असावधान आलसी मनुष्य एक प्रकार का अर्द्धमृत है । मरी हुई लाश को पड़ी हुई देखकर जैसे चली, कौए, कुत्ते, सियार गिद्ध आदि दूर-दूर से दौड़ कर जमा हो जाते हैं, वैसे ही असावधान मनुष्य के ऊपर आक्रमण करने वाले तत्व कहीं न कहीं से आकर घात लगाते हैं । जो स्वास्थ्य-रक्षा के लिए जागरूक नहीं है उसे देर-सबेर में बीमारियाँ आ दबोचेंगी । जो नित्य आने वाले उतार-चढ़ावों से बेखबर रहता है वह किसी दिन दिवालिया बन कर रहेगा । जो काम क्रोध लोभ, मोह, मद, मत्सर सरीखे मानसिक शहरों की गतिविधियों की ओर से आँखें बन्द किए रहता है वह कुविचारों और कुकर्मों के गर्त में गिरे बिना न रहेगा । जो दुनियाँ के छल, फरेव, ठगी, लूट, अन्याय, स्वार्थपरता, शैतानी आदि की ओर से सावधान नहीं रहता उसे उल्लू बनाने वाले, ठगने वाले, सताने वाले अनेकों पैदा हो जाते हैं । जो जागरूक नहीं, जो अपनी रक्षा के लिए प्रयत्नशील नहीं रहता, उसे दुनियाँ के शैतानी तत्व बुरी तरह नोंच खाते हैं ।

इसलिए अन्य सद्गुणों और हितकारी शक्तियों के साथ मनुष्य में सावधानता का गुण रहना भी अत्यावश्यक है । विवेकपूर्वक त्याग करना और उदारता से परोपकार करना तो उचित है पर अपनी बेवकूफी अथवा असावधानी से दुष्ट लोगों का शिकार बनना सर्वथा अवांछनीय और पापमूलक है । जहाँ इच्छाओं की ओर प्रयत्न करना आवश्यक है वहाँ बुराई से सावधान रहने बचने और उनसे संघर्ष करने की भी आवश्यकता है ।


2 Last


Other Version of this book



सावधानी और सुरक्षा
Type: SCAN
Language: EN
...

सावधानी और सुरक्षा
Type: TEXT
Language: HINDI
...


Releted Books



गहना कर्मणोगतिः
Type: TEXT
Language: HINDI
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

The Absolute Law of Karma
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

The Absolute Law of Karma
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

संत विनोबा भावे
Type: SCAN
Language: HINDI
...

संत विनोबा भावे
Type: SCAN
Language: HINDI
...

त्योहार और व्रत
Type: SCAN
Language: HINDI
...

त्योहार और व्रत
Type: SCAN
Language: HINDI
...

त्योहार और व्रत
Type: SCAN
Language: HINDI
...

त्योहार और व्रत
Type: SCAN
Language: HINDI
...

गर पूछे कोई मुझसे तो मैं कहूँ कि स्वर्ग बस यहीं है
Type: TEXT
Language: EN
...

गर पूछे कोई मुझसे तो मैं कहूँ कि स्वर्ग बस यहीं है
Type: TEXT
Language: EN
...

गर पूछे कोई मुझसे तो मैं कहूँ कि स्वर्ग बस यहीं है
Type: TEXT
Language: EN
...

गर पूछे कोई मुझसे तो मैं कहूँ कि स्वर्ग बस यहीं है
Type: TEXT
Language: EN
...

ऋगवेद भाग 2-A
Type: SCAN
Language: EN
...

ऋगवेद भाग 2-A
Type: SCAN
Language: EN
...

ऋगवेद भाग 2-A
Type: SCAN
Language: EN
...

ऋगवेद भाग 2-A
Type: SCAN
Language: EN
...

चेतना सहज स्वभाव स्नेह-सहयोग
Type: SCAN
Language: HINDI
...

चेतना सहज स्वभाव स्नेह-सहयोग
Type: SCAN
Language: HINDI
...

गहना कर्मणोगतिः
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Articles of Books

  • सावधानी और सुरक्षा
  • जागरूकता का महत्त्व
  • लापरवाही की हानिकारक आदत
  • असावधानी का प्रतिकार
  • नियमबद्ध बनने की आवश्यकता
  • आत्म-रक्षा और नैतिकता
  • कुमार्गगामियों के सुधार का उपाय
  • आसुरी शक्तियों से संघर्ष करने में छल का प्रयोग
  • पाप से सावधान रहो
  • आलस्य और प्रमाद से बचकर रहिए
  • बकवाद करना हानिकारक है
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj