
Quotation
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
लोग डरते हैं तो अपने आप से, पर कहते हैं कि हम दूसरों से डरते हैं। भय एक मानसिक रोग है जो आत्मिक निर्बलता के कारण उत्पन्न होता है। डरपोक आदमी अपने अन्दर रहने वाली कायरता से डरता है, पर भूत, प्रेत, चोर या शमशेर को डर का कारण बताता है। झूठा आदमी ही दूसरों से डरता है, क्योंकि वह अपनी झूठ से डरता है। जो सत्यनिष्ठ है वह सदा निर्भय है, उसे इस दुनिया में किसी से डरने की जरूरत नहीं होती।
*****
इस संसार में विजयी वे हैं जो नम्र हैं, सेवा भावी हैं, उदार हैं और मधुर स्वभाव के हैं। इस संसार में हार उनकी है जो अहंकारी हैं, लोभी हैं, स्वार्थी हैं और संकीर्ण भावों से घिरे हुए हैं।