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Magazine - Year 1948 - Version 2

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(1) क्या बतायें कामनाएं, एक आयें, एक जायें। एक कहती - देश का बन भक्त जग में नाम कर ले। एक कहती - मुक्ति के हित भ्रमण चारों धाम कर ले।। एक कहती - चल कहीं एकाँत में हरि गान गायें। क्या बताएं कामनाएं, एक आयें एक - जायें।।

(2) एक कहती - एक प्याला और पीले और पीले। एक कहती - मौत अच्छी, एक - कहती और जीले। एक कहती - नर्क में ही स्वर्ग के सब सुख उठाये। क्या बताएं कामनाएं, एक आयें, एक जायें।।

(3) एक कहती - पाप मत कर, एक कहती - पाप कर ले। एक कहती - पुण्य करके ताप तीनों आप हर ले।। एक कहती - झूँठ हैं ये पाप पुण्यों की कथाएं। क्या बताएं कामनाएं, एक आयें, एक जायें।।

(4) एक कहती - सत्य हैं सब, एक कहती - खेल है रे। दीप तब तक जल रहा है, देख जबतक तेल है रे।। झूठ जग के नेह नाते छोड़ दे ये कल्पनाएं। क्या बताएं कामनाएं, एक आयें, एक जायें।

----***----

*समाप्त*

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