• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • जीवन का अर्थ
    • सन्त की दया सब पर समान
    • हारे को हरि नाम
    • मृत्यु और जीवन
    • भारतीय-दर्शन का विस्तार व वैज्ञानिक विश्लेषण-[3]
    • Quotation
    • चलो लेकिन आखें खोलकर चलो
    • सूक्ष्म शरीर का आणविक विश्लेषण-3
    • Quotation
    • दिन भर आपको धूप दी
    • चमत्कारिक शक्तियों का स्रोत मस्तिष्क
    • Quotation
    • औषधि के नाम पर जघन्य हिंसा
    • साधना में कड़ाई-एक वरदान
    • Quotation
    • जीव-शास्त्री एक ओर-प्रकृति एक ओर
    • संगीत सुर्यकान्त मणि के समान है
    • बिना पतवार-सिद्धि के द्वार [3]
    • Quotation
    • धन यहाँ न सही कहीं और सही
    • आत्मा-विश्वास की महती शक्ति सामर्थ्य
    • परमात्मा आपकी सहायता करेगा
    • Quotation
    • पात्र की परख
    • Quotation
    • अपने भीतर सुख की खोज
    • परकाया-प्रवेश-एक सत्य घटना
    • संशयात्मा-विनश्यति
    • संगीत-सत्ता और उसकी महान् महत्ता-2
    • Quotation
    • संसार में सन्तोष ही सुख है
    • मारने की बात बहुत हो चुकी, कुछ जिलाने की भी हो [2]
    • Quotation
    • यह अबोध है-अज्ञानी है
    • भारतीय संस्कृति विश्व संस्कृति
    • भारत द्वारा नव युग नेतृत्व की भविष्यवाणी
    • Quotation
    • पुण्य की महत्ता
    • वेष-भूषा की मनोवैज्ञानिक कसौटी
    • गिरगिट की योग्यता
    • भूत बड़े-बड़ों ने देखा
    • अपनी-अपनी दृष्टि
    • 15 करोड़ मील लम्बी पूँछ वाले ब्रह्मकीट-धूमकेतु
    • Quotation
    • शनि की कोप-दृष्टि
    • मनुष्य अपना उत्तरदायित्व समझे और निबाहें
    • Quotation
    • कल्कि अवतार और उनकी युग-निर्माण प्रक्रिया
    • Quotation
    • अपनों से अपनी बात- अगला वर्ष इस तरह मनाया जाय।
    • सर्वोपरि सम्मान की अधिकारिणी याज्ञिका
    • निष्फल बलिदान नहीं होता
    • निष्फल बलिदान नहीं होता (kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • जीवन का अर्थ
    • सन्त की दया सब पर समान
    • हारे को हरि नाम
    • मृत्यु और जीवन
    • भारतीय-दर्शन का विस्तार व वैज्ञानिक विश्लेषण-[3]
    • Quotation
    • चलो लेकिन आखें खोलकर चलो
    • सूक्ष्म शरीर का आणविक विश्लेषण-3
    • Quotation
    • दिन भर आपको धूप दी
    • चमत्कारिक शक्तियों का स्रोत मस्तिष्क
    • Quotation
    • औषधि के नाम पर जघन्य हिंसा
    • साधना में कड़ाई-एक वरदान
    • Quotation
    • जीव-शास्त्री एक ओर-प्रकृति एक ओर
    • संगीत सुर्यकान्त मणि के समान है
    • बिना पतवार-सिद्धि के द्वार [3]
    • Quotation
    • धन यहाँ न सही कहीं और सही
    • आत्मा-विश्वास की महती शक्ति सामर्थ्य
    • परमात्मा आपकी सहायता करेगा
    • Quotation
    • पात्र की परख
    • Quotation
    • अपने भीतर सुख की खोज
    • परकाया-प्रवेश-एक सत्य घटना
    • संशयात्मा-विनश्यति
    • संगीत-सत्ता और उसकी महान् महत्ता-2
    • Quotation
    • संसार में सन्तोष ही सुख है
    • मारने की बात बहुत हो चुकी, कुछ जिलाने की भी हो [2]
    • Quotation
    • यह अबोध है-अज्ञानी है
    • भारतीय संस्कृति विश्व संस्कृति
    • भारत द्वारा नव युग नेतृत्व की भविष्यवाणी
    • Quotation
    • पुण्य की महत्ता
    • वेष-भूषा की मनोवैज्ञानिक कसौटी
    • गिरगिट की योग्यता
    • भूत बड़े-बड़ों ने देखा
    • अपनी-अपनी दृष्टि
    • 15 करोड़ मील लम्बी पूँछ वाले ब्रह्मकीट-धूमकेतु
    • Quotation
    • शनि की कोप-दृष्टि
    • मनुष्य अपना उत्तरदायित्व समझे और निबाहें
    • Quotation
    • कल्कि अवतार और उनकी युग-निर्माण प्रक्रिया
    • Quotation
    • अपनों से अपनी बात- अगला वर्ष इस तरह मनाया जाय।
    • सर्वोपरि सम्मान की अधिकारिणी याज्ञिका
    • निष्फल बलिदान नहीं होता
    • निष्फल बलिदान नहीं होता (kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1970 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


औषधि के नाम पर जघन्य हिंसा

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 12 14 Last

मछलियों और बकरियों को मारकर जिगर (लिवर) अलग निकाल कर उसे इस तरह छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लिया जाता है, जैसे किसान कुट्टी काटते हैं। फिर इन नन्हें-नन्हें टुकड़ों को मशीनों से इस तरह मिलाया जाता है कि वह बिलकुल मिल (होमोजेनाइज) जाये। इसके बाद एक निश्चित प्रणाली द्वारा उसका सत निकाल लिया जाता है, यही ‘लिवर एक्स्ट्रेक्ट’ कहा जाता है, जो बाद में चमकते डिब्बों में भर कर दवा के रूप में प्रयोग के लिये भेज दिया जाता है।

काँड लिवर ऑयल काँड नामक मछली और शार्क लिवर ऑयल शार्क मछली को मार कर निकाले जाते हैं। इन्हें वाष्प-आसव पद्धति (स्टीम डिस्टिलेशन प्रोसेस) से निकालते हैं। चेचक के कीटाणु लेकर पहले बन्दर के गुर्दे (किडनी) में घुसेड़ (इनाकुलेट) देते हैं। यह 14 से 21 दिन में पककर तैयार हो जाता है, उसे चेचक के टीके के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। एण्टीटिटैनिक सीरप के लिये भी बन्दर के गुर्दे (किडनी) काम में लाये जाते हैं। घोड़ों के पट्टों पर भी यह प्रयोग किया जाता है। भारतीय बन्दर आज बड़ी मात्रा में अमेरिकी देशों को निर्यात किये जाते हैं। इस प्रकार अपने देश से बन्दर की नस्ल कुछ दिन में ही समाप्त हो सकती है, जबकि अमेरिका में भी वे पलते नहीं। मार कर उनके शरीर का एक-एक अंग काट कर काम में ले लिया जाता है। यह बन्दर यहाँ से 15-20 रुपये में जाते हैं और उन्हीं को मार कर जो औषधियाँ बनती हैं, उनके लिये हमसे लाखों रुपये वसूल किये जाते हैं।

औषधि के लिये यदि कदाचित कभी कोई हिंसा करनी पड़े तो कुछ लोग उसे क्षम्य मान सकते हैं प्रकृत के इन निरीह प्राणियों को एक बार अच्छे उद्देश्य के लिये बलि के रूप में स्वीकार कर भी लिया जाय पर इस भयंकर हिंसा को जो संसार में निर्दयता, अपराध-वृत्ति और दुराचरण को प्रोत्साहित करती है, कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

चिकित्सा के रूप में भी उसके भले परिणाम निकलते तो भी कोई बात थी। एक कुत्ते की पूँछ टेढ़ी थी, उसकी पूँछ को एक बाँस की नली में घुसेड़ दिया गया। आशा थी कि साल, छः महीने में पूँछ सीधी पड़ जायेगी पर जब उसे बाँस में पोंगे से बाहर किया गया तो पूँछ वही टेढ़ी की टेढ़ी निकली। आज चिकित्सा और वैज्ञानिक प्रयोगों की स्थिति भी ऐसी ही है। आज सारे विश्व में स्वास्थ्य शोधकर्ताओं की संख्या 30 लाख है। संसार की 60 भाषाओं में स्वास्थ्य चिकित्सा सम्बन्धी लगभग 55 हजार पत्रिकायें छपती हैं, वैज्ञानिकों और चिकित्सकों की संख्या में इतनी वृद्धि के बाद भी आज संसार के 87 प्रतिशत लोग किसी न किसी रोग से पीड़ित हैं। सन 1958 में अकेले भारतवर्ष में 50 लाख व्यक्ति टी. बी. से बीमार थे। कोढ़, कैन्सर, एन्फ्लुएंजा आदि के रोगियों की संख्या भी उतनी ही होगी, इससे कम नहीं । दाँतों की दृष्टि से भारत के 65 प्रतिशत लोग पायरिया ग्रस्त हैं। यह आँकड़े जहाँ हमारे त्रुटिपूर्ण जीवन की ओर संकेत करते हैं, वहाँ वह विज्ञान और आधुनिक पद्धति की असफलता को भी प्रमाणित करते हैं।

भारत जैसे अहिंसावादी देश के लिये तो हिंसा, वह भी औषधि के लिए, महान कलंक की बात है, जबकि आयुर्वेद जैसी शुद्ध चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता सरकार भी स्वीकार करती है। जब हमें हिंसा द्वारा प्राप्त औषधियों के मुकाबले प्रभावशाली चिकित्सा पद्धति उपलब्ध हो तो जान-बूझ कर माँसाहार क्यों करें। कैप्सूल के ऊपर चढ़ा हुआ आवरण जिलेटिन हड्डियों से बनता है। अधिकाँश सभी साबुनों में विशेष कर चिकने साबुनों में गाय और सूअर की चर्बी पड़ती है। लोकसभा में इस बात को स्वीकार किया गया और सभी समाचार-पत्रों ने उसे छापा, फिर भी हम इन औषधियों को समर्थन देते रहें तो यही कहना पड़ेगा कि गाँधीजी के देशवासी हम अहिंसा के उपासक भी हिंसक से कम नहीं हैं।


First 12 14 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • जीवन का अर्थ
  • सन्त की दया सब पर समान
  • हारे को हरि नाम
  • मृत्यु और जीवन
  • भारतीय-दर्शन का विस्तार व वैज्ञानिक विश्लेषण-[3]
  • Quotation
  • चलो लेकिन आखें खोलकर चलो
  • सूक्ष्म शरीर का आणविक विश्लेषण-3
  • Quotation
  • दिन भर आपको धूप दी
  • चमत्कारिक शक्तियों का स्रोत मस्तिष्क
  • Quotation
  • औषधि के नाम पर जघन्य हिंसा
  • साधना में कड़ाई-एक वरदान
  • Quotation
  • जीव-शास्त्री एक ओर-प्रकृति एक ओर
  • संगीत सुर्यकान्त मणि के समान है
  • बिना पतवार-सिद्धि के द्वार [3]
  • Quotation
  • धन यहाँ न सही कहीं और सही
  • आत्मा-विश्वास की महती शक्ति सामर्थ्य
  • परमात्मा आपकी सहायता करेगा
  • Quotation
  • पात्र की परख
  • Quotation
  • अपने भीतर सुख की खोज
  • परकाया-प्रवेश-एक सत्य घटना
  • संशयात्मा-विनश्यति
  • संगीत-सत्ता और उसकी महान् महत्ता-2
  • Quotation
  • संसार में सन्तोष ही सुख है
  • मारने की बात बहुत हो चुकी, कुछ जिलाने की भी हो [2]
  • Quotation
  • यह अबोध है-अज्ञानी है
  • भारतीय संस्कृति विश्व संस्कृति
  • भारत द्वारा नव युग नेतृत्व की भविष्यवाणी
  • Quotation
  • पुण्य की महत्ता
  • वेष-भूषा की मनोवैज्ञानिक कसौटी
  • गिरगिट की योग्यता
  • भूत बड़े-बड़ों ने देखा
  • अपनी-अपनी दृष्टि
  • 15 करोड़ मील लम्बी पूँछ वाले ब्रह्मकीट-धूमकेतु
  • Quotation
  • शनि की कोप-दृष्टि
  • मनुष्य अपना उत्तरदायित्व समझे और निबाहें
  • Quotation
  • कल्कि अवतार और उनकी युग-निर्माण प्रक्रिया
  • Quotation
  • अपनों से अपनी बात- अगला वर्ष इस तरह मनाया जाय।
  • सर्वोपरि सम्मान की अधिकारिणी याज्ञिका
  • निष्फल बलिदान नहीं होता
  • निष्फल बलिदान नहीं होता (kavita)
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj