• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • ईश्वर उपासना से जुड़ी श्रेष्ठ भावनाएँ
    • उत्थान और पतन अपनी इच्छा पर निर्भर
    • पूर्वानुमान का ज्ञान-विज्ञान
    • बिना त्याग किये (Kahani)
    • दिव्य दर्शन पर आधारित भविष्य कथन
    • राजकुमार कृतघ्न था (Kahani)
    • महायोगी अरविन्द-की भविष्य पर एक दृष्टि
    • लोक और परलोक (Kahani)
    • मनुष्य! तू महान है
    • किसी बात की कमी नहीं (Kahani)
    • प्राणशक्ति का उदात्तीकरण
    • समर्पण एवं शरणागति
    • आलसी आदमी (Kahani)
    • प्रकृति का विलक्षण खेल - प्रार्थना करते पेड़
    • चिकित्सक ने समझाया (Kahani)
    • कोरा बुद्धिवाद तो हमें ले डूबेगा!
    • उद्धत अहंकार की परिणति-विनाश
    • पूर्व जन्म का ज्ञान (Kahani)
    • घ्राणशक्ति एवं उसकी संसिद्धि
    • परोक्ष जगत में बहते सशक्त प्रवाह
    • चित्त शान्त हुआ (Kahani)
    • मात्र संयोग नहीं, अंतः स्फुरणा से उपजे चमत्कार
    • राजा और मंत्री (Kahani)
    • व्यवस्था बुद्धि के विकास के मूलभूत आधार
    • इसी का नाम सौंदर्य (Kahani)
    • जैव चुम्बकत्व में निहित शेक्त सम्वर्धक सामर्थ्य
    • अशोक के संकल्प (Kahani)
    • विकसित चेतना की महत्वपूर्ण उपलब्धियां
    • VigyapanSuchana
    • भावनाओं को ऊर्ध्वगामी बनाया जाय
    • धूर्तता के बल पर (Kahani)
    • अभिशप्त वस्तुओं से जुड़े दुर्योग एवं घटनाक्रम
    • समझौता तब हो सका (Kahani)
    • कितना अद्भुत है मानव का यह काय कलेवर
    • VigyapanSuchana
    • जीवन में उतारने का प्रयास (Kahani)
    • अस्वीकार कर दिया (Kahani)
    • सज्जनता ही नहीं साहस भी!
    • तपस्वी की अस्थि (Kahani)
    • शब्द शक्ति की प्रभावोत्पादकता संदेह से परे!
    • मनु नामक उक्त बालिका (Kahani)
    • प्राणायाम से जुड़ी वर्ण-चिकित्सा
    • दुष्टता का उपचार दुष्टता तो नहीं है!
    • आदमी के सिर पर सवार (Kahani)
    • भुजा पसारे खड़े हैं भगवान!
    • समाचार डायरी - क्या हो रहा है इन दिनों विश्व में?
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • ईश्वर उपासना से जुड़ी श्रेष्ठ भावनाएँ
    • उत्थान और पतन अपनी इच्छा पर निर्भर
    • पूर्वानुमान का ज्ञान-विज्ञान
    • बिना त्याग किये (Kahani)
    • दिव्य दर्शन पर आधारित भविष्य कथन
    • राजकुमार कृतघ्न था (Kahani)
    • महायोगी अरविन्द-की भविष्य पर एक दृष्टि
    • लोक और परलोक (Kahani)
    • मनुष्य! तू महान है
    • किसी बात की कमी नहीं (Kahani)
    • प्राणशक्ति का उदात्तीकरण
    • समर्पण एवं शरणागति
    • आलसी आदमी (Kahani)
    • प्रकृति का विलक्षण खेल - प्रार्थना करते पेड़
    • चिकित्सक ने समझाया (Kahani)
    • कोरा बुद्धिवाद तो हमें ले डूबेगा!
    • उद्धत अहंकार की परिणति-विनाश
    • पूर्व जन्म का ज्ञान (Kahani)
    • घ्राणशक्ति एवं उसकी संसिद्धि
    • परोक्ष जगत में बहते सशक्त प्रवाह
    • चित्त शान्त हुआ (Kahani)
    • मात्र संयोग नहीं, अंतः स्फुरणा से उपजे चमत्कार
    • राजा और मंत्री (Kahani)
    • व्यवस्था बुद्धि के विकास के मूलभूत आधार
    • इसी का नाम सौंदर्य (Kahani)
    • जैव चुम्बकत्व में निहित शेक्त सम्वर्धक सामर्थ्य
    • अशोक के संकल्प (Kahani)
    • विकसित चेतना की महत्वपूर्ण उपलब्धियां
    • VigyapanSuchana
    • भावनाओं को ऊर्ध्वगामी बनाया जाय
    • धूर्तता के बल पर (Kahani)
    • अभिशप्त वस्तुओं से जुड़े दुर्योग एवं घटनाक्रम
    • समझौता तब हो सका (Kahani)
    • कितना अद्भुत है मानव का यह काय कलेवर
    • VigyapanSuchana
    • जीवन में उतारने का प्रयास (Kahani)
    • अस्वीकार कर दिया (Kahani)
    • सज्जनता ही नहीं साहस भी!
    • तपस्वी की अस्थि (Kahani)
    • शब्द शक्ति की प्रभावोत्पादकता संदेह से परे!
    • मनु नामक उक्त बालिका (Kahani)
    • प्राणायाम से जुड़ी वर्ण-चिकित्सा
    • दुष्टता का उपचार दुष्टता तो नहीं है!
    • आदमी के सिर पर सवार (Kahani)
    • भुजा पसारे खड़े हैं भगवान!
    • समाचार डायरी - क्या हो रहा है इन दिनों विश्व में?
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1989 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


ईश्वर उपासना से जुड़ी श्रेष्ठ भावनाएँ

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


1 Last
उपासना प्रतिदिन करनी चाहिये। जिसने सूरज, चाँद बनाये, फूल-फल और पौधे उगाये, कई वर्ण, कई जाति के प्राणी बनाये, उसके समीप बैठेंगे नहीं तो विश्व की यथार्थता का पता कैसे चलेगा? शुद्ध हृदय से कीर्तन-भजन, प्रवचन में भाग लेना प्रभु की स्तुति है उससे अपने देह, मन और बुद्धि के वह सूक्ष्म संस्थान जागृत होते है। जो मनुष्य को सफल, सद्गुणी और दूरदर्शी बनाते है, उपासना का जीवन के विकास से अद्वितीय सम्बन्ध है।

किन्तु प्रार्थना ही प्रभु का स्तवन नहीं है। हम कर्म से भी भगवान् की उपासना करते है। भगवान् कोई मनुष्य नहीं है, वह तो सर्वव्यापक एवं सर्वशक्तिमान क्रियाशील सत्ता है, इसलिये उपासना का अभाव रहने पर भी उसके निमित्त कर्म करने वाला मनुष्य बहुत शीघ्र आत्मज्ञान प्राप्त कर लेता है। लकड़ी काटना, सड़क के पत्थर फोड़ना, मकान की सफाई, सजावट और खलिहान में अन्न निकालना, आदि भी भगवान् की ही स्तुति हैं, यदि हम यह सारे कार्य कर्म इस आशय से करें कि इससे विश्वात्मा का कल्याण होगा। कर्तव्य भावना से किये गये कर्म, परोपकारों से भगवान जितना प्रसन्न होता है, उतना कीर्तन और भजन से नहीं। स्वार्थ के लिये नहीं आत्म-सन्तोष के लिये किये गये कर्म से बढ़कर फलदायक ईश्वर की भक्ति और उपासना पद्धति और कोई दूसरी नहीं हो सकती।

पूजा करते समय हम कहते हैं-”हे प्रभु तू मुझे ऊपर उठा, मेरा कल्याण कर, मेरी शक्तियों को ऊर्ध्वगामी बना दे और कर्म करते समय हमारी भावना यह कहती है हे प्रभु तूने मुझे इतनी शक्ति दी, इतना ज्ञान दिया, वैभव और वर्चस्व दिया वह कम विकसित प्राणियों की सेवा में काम आयें। मैं जो करता हूँ उसका लाभ सारे संसार को मिले।”

इन भावनाओं में कहीं अधिक शक्ति और आत्म-कल्याण की सुनिश्चितता है।

1 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • ईश्वर उपासना से जुड़ी श्रेष्ठ भावनाएँ
  • उत्थान और पतन अपनी इच्छा पर निर्भर
  • पूर्वानुमान का ज्ञान-विज्ञान
  • बिना त्याग किये (Kahani)
  • दिव्य दर्शन पर आधारित भविष्य कथन
  • राजकुमार कृतघ्न था (Kahani)
  • महायोगी अरविन्द-की भविष्य पर एक दृष्टि
  • लोक और परलोक (Kahani)
  • मनुष्य! तू महान है
  • किसी बात की कमी नहीं (Kahani)
  • प्राणशक्ति का उदात्तीकरण
  • समर्पण एवं शरणागति
  • आलसी आदमी (Kahani)
  • प्रकृति का विलक्षण खेल - प्रार्थना करते पेड़
  • चिकित्सक ने समझाया (Kahani)
  • कोरा बुद्धिवाद तो हमें ले डूबेगा!
  • उद्धत अहंकार की परिणति-विनाश
  • पूर्व जन्म का ज्ञान (Kahani)
  • घ्राणशक्ति एवं उसकी संसिद्धि
  • परोक्ष जगत में बहते सशक्त प्रवाह
  • चित्त शान्त हुआ (Kahani)
  • मात्र संयोग नहीं, अंतः स्फुरणा से उपजे चमत्कार
  • राजा और मंत्री (Kahani)
  • व्यवस्था बुद्धि के विकास के मूलभूत आधार
  • इसी का नाम सौंदर्य (Kahani)
  • जैव चुम्बकत्व में निहित शेक्त सम्वर्धक सामर्थ्य
  • अशोक के संकल्प (Kahani)
  • विकसित चेतना की महत्वपूर्ण उपलब्धियां
  • VigyapanSuchana
  • भावनाओं को ऊर्ध्वगामी बनाया जाय
  • धूर्तता के बल पर (Kahani)
  • अभिशप्त वस्तुओं से जुड़े दुर्योग एवं घटनाक्रम
  • समझौता तब हो सका (Kahani)
  • कितना अद्भुत है मानव का यह काय कलेवर
  • VigyapanSuchana
  • जीवन में उतारने का प्रयास (Kahani)
  • अस्वीकार कर दिया (Kahani)
  • सज्जनता ही नहीं साहस भी!
  • तपस्वी की अस्थि (Kahani)
  • शब्द शक्ति की प्रभावोत्पादकता संदेह से परे!
  • मनु नामक उक्त बालिका (Kahani)
  • प्राणायाम से जुड़ी वर्ण-चिकित्सा
  • दुष्टता का उपचार दुष्टता तो नहीं है!
  • आदमी के सिर पर सवार (Kahani)
  • भुजा पसारे खड़े हैं भगवान!
  • समाचार डायरी - क्या हो रहा है इन दिनों विश्व में?
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj