• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • महापूर्णाहुति की वासंती उमंगें
    • युग वसंत का साक्षी अखण्ड दीप
    • एक सहस्राब्दी का सफर
    • ज्वालाएँ बनी, मतों-पंथों के बीच की दीवारें
    • Quotation
    • संक्राँति का प्रथम पर्व
    • Quotation
    • युगनायक कबीर का समन्वय संदेश
    • उन्हें जनसम्मान भी मिलता (kahani)
    • आगमन नए युग का समन्वय की दिशाधारा का
    • इस सहस्राब्दी का अंधकार युग
    • उपदेशक की पात्रता
    • या द्वितीय संक्राँति पर्व
    • कन्हैयालाल माणिकलाल मुँशी (kahani)
    • Quotation
    • पुनः लय पाते साधनात्मक आँदोलन के बिखरे स्वर
    • ‘समर्थ’ के आविर्भाव से उपजा संगठन का संकल्प
    • Quotation
    • युगपरिवर्तन के लिए उमंगा महापराक्रमण
    • दीप से प्रस्फुटित प्रकाश (kahani)
    • सुनियोजित षड्यंत्रों ने बनाया भारतमाता को बंदिनी
    • तृतीय संक्राँति नवजागरण का संदेश लेकर आई
    • भाग लेने के लिए उठना चाहिए (kahani)
    • Quotation
    • सहसा किरणों का सूर्य चमका श्री रामकृष्ण के रूप में
    • गूँजा देवसंस्कृति दिग्विजय का शंखनाद
    • शक्तिपात, जिसने राष्ट्रीयता अस्मिता के जागरण की नींव रखी
    • शास्त्रार्थ तथा व्याख्यान (kahani)
    • दीप–प्रज्ज्वलन के साथ अवतरित हुई भागवत चेतना
    • आवश्यकता ही शेष नहीं (kahani)
    • समस्याओं से घिरे भारत को समाधान मिला अध्यात्म से
    • अग्रगामियों की टोली में (kahani)
    • महासंक्राँति का महापर्व
    • इस संक्राँति नर्प के महानायक
    • युगबोध क्राँतिबोध
    • इक्कीसवीं सदी की गंगोत्री-शाँतिकुँज
    • अपनों से अपनी बात (Kahani)
    • महाकाल का संकल्प प्रतिभाएँ पूरा करेंगी
    • सहस्राब्दी संदेश समन्वित संक्राँति दर्शन
    • अर्थों में समग्रता (kahani)
    • वसंतपंचमी (1991) का संदेश- मातृवाणी
    • दूसरे को जलाया (kahani)
    • Quotation
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • महापूर्णाहुति की वासंती उमंगें
    • युग वसंत का साक्षी अखण्ड दीप
    • एक सहस्राब्दी का सफर
    • ज्वालाएँ बनी, मतों-पंथों के बीच की दीवारें
    • Quotation
    • संक्राँति का प्रथम पर्व
    • Quotation
    • युगनायक कबीर का समन्वय संदेश
    • उन्हें जनसम्मान भी मिलता (kahani)
    • आगमन नए युग का समन्वय की दिशाधारा का
    • इस सहस्राब्दी का अंधकार युग
    • उपदेशक की पात्रता
    • या द्वितीय संक्राँति पर्व
    • कन्हैयालाल माणिकलाल मुँशी (kahani)
    • Quotation
    • पुनः लय पाते साधनात्मक आँदोलन के बिखरे स्वर
    • ‘समर्थ’ के आविर्भाव से उपजा संगठन का संकल्प
    • Quotation
    • युगपरिवर्तन के लिए उमंगा महापराक्रमण
    • दीप से प्रस्फुटित प्रकाश (kahani)
    • सुनियोजित षड्यंत्रों ने बनाया भारतमाता को बंदिनी
    • तृतीय संक्राँति नवजागरण का संदेश लेकर आई
    • भाग लेने के लिए उठना चाहिए (kahani)
    • Quotation
    • सहसा किरणों का सूर्य चमका श्री रामकृष्ण के रूप में
    • गूँजा देवसंस्कृति दिग्विजय का शंखनाद
    • शक्तिपात, जिसने राष्ट्रीयता अस्मिता के जागरण की नींव रखी
    • शास्त्रार्थ तथा व्याख्यान (kahani)
    • दीप–प्रज्ज्वलन के साथ अवतरित हुई भागवत चेतना
    • आवश्यकता ही शेष नहीं (kahani)
    • समस्याओं से घिरे भारत को समाधान मिला अध्यात्म से
    • अग्रगामियों की टोली में (kahani)
    • महासंक्राँति का महापर्व
    • इस संक्राँति नर्प के महानायक
    • युगबोध क्राँतिबोध
    • इक्कीसवीं सदी की गंगोत्री-शाँतिकुँज
    • अपनों से अपनी बात (Kahani)
    • महाकाल का संकल्प प्रतिभाएँ पूरा करेंगी
    • सहस्राब्दी संदेश समन्वित संक्राँति दर्शन
    • अर्थों में समग्रता (kahani)
    • वसंतपंचमी (1991) का संदेश- मातृवाणी
    • दूसरे को जलाया (kahani)
    • Quotation
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 2000 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
SCAN TEXT


एक सहस्राब्दी का सफर

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 2 4 Last
सन् 2000 का आगमन हो चुका हैं। इसी के साथ हममें से हर एक मन सवाल भी अंकुरित हो रहा है कि कैसा रहा अब तक का इस सहस्राब्दी का सफर? 20001 का आरंभ हो इसके पूर्व सोचें कि इन पिछले एक हजार सालों में हम कहाँ से चलाकर कहाँ जा पहुँचे हैं? निस्संदेह दस शताब्दियों की यात्रा कई दृष्टियों से रोमाँचक रहीं हैं। इस दौरान यूरोपीय देशों की तरह हमारा विकास क्षैतिज नहीं हुआ। हमें दो-दो सभ्यताओं-संस्कृतियों की चुनौती का सामना करना पड़ा। विडंबना यह है कि उन्नीसवीं शताब्दी के अंत से पहले तक हमारे राजनीतिक तंत्र की भूमिका इसका सामना करने में गौरवपूर्ण नहीं रही। हालाँकि इन राजनीतिक विषमताओं के दौरान भी हमारा साँस्कृतिक तंत्र पर्याप्त व्यापक एवं सुदृढ़ रहा हैं। तभी अपने ऊपर होने वाले प्रत्येक आपात एवं सुदृढ़ रहा हैं। यह उत्तरोत्तर निखरता चला गया और इन आघात करने व्यापकता में से भी, बिना किसी भेदभाव के सबको अपनी व्यापकता में सम्मोहित करने की चेष्टा की।

सन् 1000 में महमूद गजनी के आक्रमण से इस सहस्राब्दी की शुरुआत हुई थी। उस समय बँटे-निखरे राजतंत्र के बावजूद वह साँस्कृतिक एकता अवश्य थी, जिसे आचार्य शंकर ने इस सहस्राब्दी में मात्र एक सदी पहले स्थापित किया था। आचार्य शंकर द्वारा छोड़ी गई विरासत के बलबूते यहाँ का सामाजिक बिखराव एवं विद्वेष के चलते यहाँ गोरी एवं गुलाम, खिलजी, तैमूर और लोदी आते गए और 16 मई 1527 को बाबर ने इस देश के इतिहास को एक नया मोड़ दिया। इस बीच भारतवर्ष के साँस्कृतिक क्षितिज पर रामानुज, गौरख-व्यक्तित्व उभरे, जो लोकजीवन को

अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा एवं साँस्कृतिक संवेदना से नवप्राण देते रहे।

बाबर ने यहाँ आकर जिस शासनतंत्र की स्थापना की, उसका खात्मा अँगरेजों ने किया। एक विदेशी शासन का अंत दूसरे विदेशी शासन द्वारा होना भारत के इतिहास की सबसे बड़ी दुःखद घटना हैं। मुगल गए, अंग्रेज आए। मुगलों की तुलना में अंग्रेजी शासन ज्यादा पूर्व, ज्यादा शक्तिशाली और ज्यादा महत्त्वाकांक्षी थे हालाँकि उनकी यह महत्वाकांक्षा ही भारत की राजनीतिक एकता का आधार बनी। आधार बनी। लेकिन मुगल शासन अंग्रेजी शासन में एक खास फर्क था। मुगल शासन में प्रजा से लिया गया धन देश में ही खरच होता था, पर अंग्रेजी शासन में भारत का धन इंग्लैंड जाने लगा। इससे जहाँ मुगल शासन में भारत की आर्थिक स्थिति निरंतर बेहतर होती गई, वहीं अंग्रेजी शासन में भारत निरंतर दरिद्र होता गया। मुगलों के काल में देश के साँस्कृतिक क्षितिज पर समर्थ गुरु रामदास, तुकाराम जैसे देवपुरुष अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा बिखेरते रहे। अँगरेजों के समय यह कार्य श्री रामकृष्ण परमहंस ने संपन्न किया, जिनके महान् शिष्य विवेकानंद की विचारधारा ने देश को आलोड़ित-आँदोलित किया और राष्ट्रीय स्वाधीनता संघर्ष ने तीव्रता पाई।

भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के महानायक महात्मा गाँधी ने जिस अभूतपूर्व जन-आंदोलन को जन्म दिया, उसकी महाशक्ति के सम्मुख अँगरेजों को झुकना पड़ा। सहस्राब्दी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि संघर्ष के स्वर किसी शासक और शासक के बीच नहीं, शासक एवं जनता के बीच मुखर हुए। विजय देश की जनता की हुई। 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। हालाँकि अँगरेजों की फूट डालो नीति यहाँ भी अपना काम कर गई और देश को राजनीतिक तौर पर ही नहीं, सामाजिक तौर पर भी बँटना पड़ा। हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बँटवारे में ही विभाजन की इतिश्री नहीं हुई। जातीय, क्षेत्रीय, साँप्रदायिक दीवारें भी उठ खड़ी हुई। इन्हीं विषमताओं के बीच हमारे गुरुदेव-आराध्य संस्कृति पुरुष आचार्य श्रीराम शर्मा जी के महान् व्यक्तित्व का उदय हुआ। उनका व्यक्तित्व नवयुग के अभ्युदय की घोषणा थी। उनके स्वरों में इक्कीसवीं सदी में उज्ज्वल भविष्य मुखर हुआ। उन्होंने आधी सदी से भी अधिक समय किए अपने प्रयासों एवं अपनी अभूतपूर्व तप−साधना से प्राप्त दिव्य क्षमताओं के बल पर इस सत्य का उद्घाटन किया कि अगली सहस्राब्दी की प्रथम सदी में ही भारत अपने खोए गौरव को पुनः प्राप्त करके ही रहेगा। सहस्राब्दी के इस सफर के बारे में यह असंदिग्ध रूप से कहा जा सकता है कि आचार्य शंकर द्वारा सौंपी गई विरासत को लेकर देश ने सन् 1000 में अपनी जिस संघर्ष यात्रा की शुरुआत की, उसकी परिसमाप्ति एवं सतयुग की वापसी की प्रक्रिया आचार्य श्रीराम शर्मा की तप-साधना से प्रारंभ हुई सृजनात्मक में संपन्न होगी।

First 2 4 Last


Other Version of this book



Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...

Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • महापूर्णाहुति की वासंती उमंगें
  • युग वसंत का साक्षी अखण्ड दीप
  • एक सहस्राब्दी का सफर
  • ज्वालाएँ बनी, मतों-पंथों के बीच की दीवारें
  • Quotation
  • संक्राँति का प्रथम पर्व
  • Quotation
  • युगनायक कबीर का समन्वय संदेश
  • उन्हें जनसम्मान भी मिलता (kahani)
  • आगमन नए युग का समन्वय की दिशाधारा का
  • इस सहस्राब्दी का अंधकार युग
  • उपदेशक की पात्रता
  • या द्वितीय संक्राँति पर्व
  • कन्हैयालाल माणिकलाल मुँशी (kahani)
  • Quotation
  • पुनः लय पाते साधनात्मक आँदोलन के बिखरे स्वर
  • ‘समर्थ’ के आविर्भाव से उपजा संगठन का संकल्प
  • Quotation
  • युगपरिवर्तन के लिए उमंगा महापराक्रमण
  • दीप से प्रस्फुटित प्रकाश (kahani)
  • सुनियोजित षड्यंत्रों ने बनाया भारतमाता को बंदिनी
  • तृतीय संक्राँति नवजागरण का संदेश लेकर आई
  • भाग लेने के लिए उठना चाहिए (kahani)
  • Quotation
  • सहसा किरणों का सूर्य चमका श्री रामकृष्ण के रूप में
  • गूँजा देवसंस्कृति दिग्विजय का शंखनाद
  • शक्तिपात, जिसने राष्ट्रीयता अस्मिता के जागरण की नींव रखी
  • शास्त्रार्थ तथा व्याख्यान (kahani)
  • दीप–प्रज्ज्वलन के साथ अवतरित हुई भागवत चेतना
  • आवश्यकता ही शेष नहीं (kahani)
  • समस्याओं से घिरे भारत को समाधान मिला अध्यात्म से
  • अग्रगामियों की टोली में (kahani)
  • महासंक्राँति का महापर्व
  • इस संक्राँति नर्प के महानायक
  • युगबोध क्राँतिबोध
  • इक्कीसवीं सदी की गंगोत्री-शाँतिकुँज
  • अपनों से अपनी बात (Kahani)
  • महाकाल का संकल्प प्रतिभाएँ पूरा करेंगी
  • सहस्राब्दी संदेश समन्वित संक्राँति दर्शन
  • अर्थों में समग्रता (kahani)
  • वसंतपंचमी (1991) का संदेश- मातृवाणी
  • दूसरे को जलाया (kahani)
  • Quotation
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj