दिया, दिल्ली के युवाओं एवं छिंदवाड़ा (म.प्र.) के कार्यकर्ताओं का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर संपन्न
हरिद्वार। अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज में आयोजित दो महत्वपूर्ण प्रशिक्षण शिविरों का आज सफल समापन हुआ। पहला शिविर दिल्ली से आए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए आयोजित व्यक्तित्व परिष्कार शिविर था, जबकि दूसरा शिविर मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से पधारे कार्यकर्ताओं के लिए बाल संस्कार शाला प्रशिक्षण शिविर के रूप में संपन्न हुआ।
तीनों दिवसीय इन शिविरों में युवाओं एवं कार्यकर्ताओं को जीवन प्रबंधन, नैतिक मूल्यों, वक्तृत्व कला, व्यक्तित्व विकास, योग-साधना एवं युग निर्माण आंदोलन के विभिन्न पक्षों पर गहन मार्गदर्शन दिया गया।
समापन सत्र में शांतिकुंज के व्यवस्थापक आदरणीय श्री योगेन्द्र गिरी जी ने अपने भावपूर्ण उद्बोधन में कहा,
"आज के ये युवा भारत के उज्ज्वल भविष्य के संवाहक हैं। इन्हें केवल नौकरी की नहीं, राष्ट्र और संस्कृति की भी तैयारी करनी है। यह प्रशिक्षण शिविर उन्हें भीतर से संस्कारित करने का माध्यम है। इसी तरह के संस्कारयुक्त युवाओं के माध्यम से युग परिवर्तन का स्वप्न साकार होगा।"
उन्होंने परिजनों को भी संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों में यदि आदर्श जीवन के संस्कार देने हैं, तो परिवार, समाज और संस्था – तीनों का सहयोग आवश्यक है।
शिविर के दौरान प्रातःकालीन ध्यान-योग, सायं यज्ञ-सत्र, प्रेरक व्याख्यानों के साथ ही समूह चर्चा और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी आयोजित की गईं। युवाओं एवं कार्यकर्ताओं ने भी अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण उनके जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया है।
गायत्री परिवार की यह पहल न केवल शिक्षा और संस्कार को जोड़ने का कार्य कर रही है, बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए नवयुवकों को एक जीवंत दिशा भी प्रदान कर रही है।
