
गायत्री महाविद्या के अमूल्य ग्रन्थ रत्न
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हजारों ग्रन्थों की खोज, अगणित गायत्री-उपासकों के सहयोग एवं तीस वर्ष की व्यक्तिगत साधना के फलस्वरूप विनिर्मित इन ग्रन्थों की एक-एक पंक्ति अनुभव के आधार पर लिखी गई है। गायत्री उपासना से समुचित लाभ उठाने के इच्छुकों के लिए यह साहित्य अनुभवी गुरु के समान पथ-प्रदर्शन करता है। इस विषय की सभी जिज्ञासाओं तथा शंकाओं का इन पुस्तकों में समुचित समाधान मौजूद है।
गायत्री महाविज्ञान (तीनों भाग)
प्रथम भाग- गायत्री विद्या का वैज्ञानिक आधार, गुप्त शक्तियों का रहस्य, नित्य उपासना, अनुष्ठान विधि, गायत्री सम्बन्धी शंकाओं का समाधान, अनेक कष्टों का निवारण एवं अनेक कामनाओं की पूर्ति के लिए लगाये जाने वाले बीज-मन्त्रों का साधना विधान, आत्म-साक्षात्कार एवं ऋद्धि-सिद्धियों का मार्ग, स्त्रियों की विशेष उपासना विधियाँ आदि अनेक महत्वपूर्ण विषयों का सुबोध ढंग से प्रतिपादन। मूल्य 3.50।-
द्वितीय भाग- गायत्री द्वारा वाममार्गी तान्त्रिक विधान के अनुसार मारण, मोहन, उच्चाटन, वशीकरण, मुद्रा आदि के अनेक विधानों का वर्णन तथा गायत्री गीता, गायत्री स्मृति, गायत्री संहिता, गायत्री उपनिषद्, गायत्री रामायण, गायत्री हृदय, गायत्री पञ्जर, गायत्री लहरी, गायत्री सहस्रनाम आदि का संग्रह। मूल्य 3.50।-
तृतीय भाग- गायत्री महामन्त्र द्वारा 24 प्रकार के योगाभ्यासों की साधना विषय विधान। जप-योग, प्राण-योग, शब्द-योग, नादयोग, हठयोग, कुण्डलिनी योग, षट्चक्र-बेधन की समस्याएं तथा अन्नमय-कोष, मनोमय-कोष, प्राणमय-कोष को सिद्ध करने के रहस्यमय मार्ग का दिग्दर्शन। 3.50।-
2. गायत्री यज्ञ विधान (दोनों भाग)
प्रथम भाग- गायत्री यज्ञ का विधान, लाभ एवं महत्व का तर्क, प्रमाण, अस्त्र एवं विज्ञान के आधार पर बहुत ही खोजपूर्ण वर्णन। मूल्य 2।- रुपया।
द्वितीय भाग- गायत्री यज्ञ करने की शास्त्रोक्त विधि, प्रक्रिया, जलयात्रा, मण्डप प्रवेश, वेदी पूजन, कुशकण्डिका, अग्निस्थापन, आहुति मन्त्र, पूर्णाहुति, वसोधारा, घृत अवघ्राण, भस्मधारण, अभिसिंचन आदि का पूरा विधि विधान, जिसे समझकर बड़े यज्ञों का आचार्यत्व किया जा सकता है। मूल्य 2।- रुपया।
गायत्री चित्रावली
विविध प्रयोजनों के लिए गायत्री माता का ध्यान करने योग्य आर्ट पेपर पर छपे 24 तिरंगे तथा सरल भाषा में उनका महत्व प्रतिपादन।
गायत्री का मन्त्रार्थ
अनेकों ग्रन्थों में, अनेकों ऋषियों द्वारा गायत्री महामन्त्र के अनेक प्रकार से किए हुए अर्थों का संग्रह, राक्षसराज रावण का किया हुआ अर्थ भी इसमें हैं।
नोट- डाक खर्च हर हालत में पुस्तकें मंगाने वालों को ही देना होगा। हाँ 10।- से अधिक की पुस्तकें मँगाने पर 15 प्रतिशत कमीशन मिलता है।
पता :- अखण्ड-ज्योति प्रेस, मथुरा