• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • भगवान् को बार-बार याद करो
    • पराजित मृत्यु-अपराजित आकाशज
    • ईश्वर का प्रतिबिंब प्रेम है, प्रेम हृदय आलोक
    • लघु कहानी - भावना की प्रधानता
    • मनुष्य देह में मेरा विलक्षणा-विराट
    • अन्तरिक्ष से लेकर वृक्ष वनस्पति तक फैली आत्मा
    • लघु कहानी - परमहंस देव का मन
    • दृश्य और अदृश्य का संधि द्वार- स्वप्न
    • सद्वाक्य एवं लघु कहानी - सन्त एकनाथ
    • आत्मजयी विजयी भव
    • बुद्धि के सुन्दरतम उपयोग ही-धर्म
    • आर्जूये दीदे जानाँ बज्म में लाई मुझे
    • लघु कहानी - स्वर्ग और नरक का अस्तित्व
    • नाटक द्वारा मनःशक्तियों का केंद्रीकरण और सम्मोहन
    • लघु कहानी- ध्यान का महत्त्व
    • प्राण परिवर्तन की अद्भुत घटना
    • लघु कहानी- मनुष्य की संकल्प शक्ति ही सबसे बड़ी है
    • धर्मो रक्षति रक्षताः
    • लघु कहानी - गीता का सच्चा अर्थ
    • प्रगति पथ पर निरन्तर अग्रसर रहें
    • पश्चात्ताप प्रक्रिया बन्द न की जाये
    • वचन-भंग मांसाहार से बड़ा पाप
    • समर्थता से भी बढ़कर सामूहिकता
    • एकता में शक्ति
    • कैन्सर चाहिए तो सिगरेट पियें
    • सद्वाक्य व लघु कहानी - ईश्वर का सहारा
    • शास्त्रादपि-शरादपि
    • प्राणिमात्र से यथायोग्य व्यवहार करें
    • लघु कहानी - अमेरिका के उपराष्ट्रपति
    • जीव जंतुओं की विलक्षणतायें-आत्म-चेतना की माया
    • सद्वाक्य एवं लघु कहानी - जीवात्मा में थोड़ा और ईश्वर में अनन्त गुण
    • अध्यात्मिक काम विज्ञान-6
    • लघु कहानी - अपनी प्रजा की देखभाल
    • सतयुग की लाली-संवत् 1981 में आली
    • लघु कहानी - अपना यथार्थ व्यक्तित्व श्रेष्ठ है
    • अपनों से अपनी बात - हमारा कार्यभार और उसका चार भागों में विभाजन
    • आवश्यक -सूचना
    • तुमने क्राँति मशाल जलाई
    • तुमने क्रान्ति मशाल जलाई (Kavita)
    • सद्वाक्य व लघु कहानी - ईश्वर का सहारा
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • भगवान् को बार-बार याद करो
    • पराजित मृत्यु-अपराजित आकाशज
    • ईश्वर का प्रतिबिंब प्रेम है, प्रेम हृदय आलोक
    • लघु कहानी - भावना की प्रधानता
    • मनुष्य देह में मेरा विलक्षणा-विराट
    • अन्तरिक्ष से लेकर वृक्ष वनस्पति तक फैली आत्मा
    • लघु कहानी - परमहंस देव का मन
    • दृश्य और अदृश्य का संधि द्वार- स्वप्न
    • सद्वाक्य एवं लघु कहानी - सन्त एकनाथ
    • आत्मजयी विजयी भव
    • बुद्धि के सुन्दरतम उपयोग ही-धर्म
    • आर्जूये दीदे जानाँ बज्म में लाई मुझे
    • लघु कहानी - स्वर्ग और नरक का अस्तित्व
    • नाटक द्वारा मनःशक्तियों का केंद्रीकरण और सम्मोहन
    • लघु कहानी- ध्यान का महत्त्व
    • प्राण परिवर्तन की अद्भुत घटना
    • लघु कहानी- मनुष्य की संकल्प शक्ति ही सबसे बड़ी है
    • धर्मो रक्षति रक्षताः
    • लघु कहानी - गीता का सच्चा अर्थ
    • प्रगति पथ पर निरन्तर अग्रसर रहें
    • पश्चात्ताप प्रक्रिया बन्द न की जाये
    • वचन-भंग मांसाहार से बड़ा पाप
    • समर्थता से भी बढ़कर सामूहिकता
    • एकता में शक्ति
    • कैन्सर चाहिए तो सिगरेट पियें
    • सद्वाक्य व लघु कहानी - ईश्वर का सहारा
    • शास्त्रादपि-शरादपि
    • प्राणिमात्र से यथायोग्य व्यवहार करें
    • लघु कहानी - अमेरिका के उपराष्ट्रपति
    • जीव जंतुओं की विलक्षणतायें-आत्म-चेतना की माया
    • सद्वाक्य एवं लघु कहानी - जीवात्मा में थोड़ा और ईश्वर में अनन्त गुण
    • अध्यात्मिक काम विज्ञान-6
    • लघु कहानी - अपनी प्रजा की देखभाल
    • सतयुग की लाली-संवत् 1981 में आली
    • लघु कहानी - अपना यथार्थ व्यक्तित्व श्रेष्ठ है
    • अपनों से अपनी बात - हमारा कार्यभार और उसका चार भागों में विभाजन
    • आवश्यक -सूचना
    • तुमने क्राँति मशाल जलाई
    • तुमने क्रान्ति मशाल जलाई (Kavita)
    • सद्वाक्य व लघु कहानी - ईश्वर का सहारा
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1971 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


भगवान् को बार-बार याद करो

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


1 Last

एक हाथी है, उसे नहला धुला कर छोड़ दो तब फिर वह क्या करेगा ? मिट्टी में खेलेगा और अपने शरीर को फिर गन्दा कर लेगा, कोई उस पर बैठे तो उसका शरीर भी गन्दा अवश्य होगा । लेकिन यदि हाथी को स्नान कराने के बाद पक्के बाड़े में बाँध दिया जाये ?-तब फिर हाथी अपना शरीर गन्दा नहीं कर सकेगा ।

मनुष्य का मन भी हाथी के समान है। एक बार ध्यान,  साधन और भगवान् के भजन से वह शुद्ध हो गया तो उसे स्वतन्त्र नहीं कर देना चाहिये । इस संसार में पवित्रता भी है गन्दगी भी है । मन का स्वभाव है वह गन्दगी में जायेगा और मनुष्य देह को दूषित करने से नहीं चूकेगा । इसलिये उसे गन्दगी से बचाये रखने के लिये एक बाड़े की जरूरत होती है जिसमें वह घिरा रहे । गन्दगी की सम्भावनाओं वाले स्थानों में न जा सके ।

ईश्वर का भजन--उसका निरन्तर ध्यान एक बाड़ा है जिसमें मन को बन्द रखा जाना चाहिये, तभी सांसारिक संसर्ग से उत्पन्न दोष और मलिनता से बचाव सम्भव है। भगवान् को बार-बार याद करते रहोगे तो मन अस्थायी सुखों के आकर्षण और पाप से बचा रहेगा और अपने जीवन के स्थायी लक्ष्य की याद बनी रहेगी । उस समय दूषित वासनाओं में पड़ने से स्वतः भय उत्पन्न होगा और मनुष्य उस पापकर्म से बच जायेगा जिसके कारण वह बार-बार अपवित्रता और मलिनता उत्पन्न कर लिया करता है ।

1 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • भगवान् को बार-बार याद करो
  • पराजित मृत्यु-अपराजित आकाशज
  • ईश्वर का प्रतिबिंब प्रेम है, प्रेम हृदय आलोक
  • लघु कहानी - भावना की प्रधानता
  • मनुष्य देह में मेरा विलक्षणा-विराट
  • अन्तरिक्ष से लेकर वृक्ष वनस्पति तक फैली आत्मा
  • लघु कहानी - परमहंस देव का मन
  • दृश्य और अदृश्य का संधि द्वार- स्वप्न
  • सद्वाक्य एवं लघु कहानी - सन्त एकनाथ
  • आत्मजयी विजयी भव
  • बुद्धि के सुन्दरतम उपयोग ही-धर्म
  • आर्जूये दीदे जानाँ बज्म में लाई मुझे
  • लघु कहानी - स्वर्ग और नरक का अस्तित्व
  • नाटक द्वारा मनःशक्तियों का केंद्रीकरण और सम्मोहन
  • लघु कहानी- ध्यान का महत्त्व
  • प्राण परिवर्तन की अद्भुत घटना
  • लघु कहानी- मनुष्य की संकल्प शक्ति ही सबसे बड़ी है
  • धर्मो रक्षति रक्षताः
  • लघु कहानी - गीता का सच्चा अर्थ
  • प्रगति पथ पर निरन्तर अग्रसर रहें
  • पश्चात्ताप प्रक्रिया बन्द न की जाये
  • वचन-भंग मांसाहार से बड़ा पाप
  • समर्थता से भी बढ़कर सामूहिकता
  • एकता में शक्ति
  • कैन्सर चाहिए तो सिगरेट पियें
  • सद्वाक्य व लघु कहानी - ईश्वर का सहारा
  • शास्त्रादपि-शरादपि
  • प्राणिमात्र से यथायोग्य व्यवहार करें
  • लघु कहानी - अमेरिका के उपराष्ट्रपति
  • जीव जंतुओं की विलक्षणतायें-आत्म-चेतना की माया
  • सद्वाक्य एवं लघु कहानी - जीवात्मा में थोड़ा और ईश्वर में अनन्त गुण
  • अध्यात्मिक काम विज्ञान-6
  • लघु कहानी - अपनी प्रजा की देखभाल
  • सतयुग की लाली-संवत् 1981 में आली
  • लघु कहानी - अपना यथार्थ व्यक्तित्व श्रेष्ठ है
  • अपनों से अपनी बात - हमारा कार्यभार और उसका चार भागों में विभाजन
  • आवश्यक -सूचना
  • तुमने क्राँति मशाल जलाई
  • तुमने क्रान्ति मशाल जलाई (Kavita)
  • सद्वाक्य व लघु कहानी - ईश्वर का सहारा
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj