• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • हम चिन्तन की दृष्टि से भी प्रौढ़ बनें।
    • आगे बढ़ने की सामर्थ्य जुटाएँ
    • आत्म-निर्माण मानव जीवन की सर्वोपरि सफलता
    • ब्रह्म सत्ता का अस्तित्व है या नहीं?
    • अमरीकी वैज्ञानिक आइन्स्टीन (kahani)
    • जीव वस्तुतः ब्रह्म का ही एक घटक है।
    • Quotation
    • अचेतन का परिष्कार ही परम लक्ष्य
    • Quotation
    • योग आन्तरिक परिष्कार का विज्ञान
    • नये विचार उपहासास्पद न समझे जायं।
    • सोऽहम् साधना द्वारा प्राणतत्व का परिपोषण
    • Quotation
    • खेचरी मुद्रा की दार्शनिक पृष्ठभूमि
    • Quotation
    • प्रगति पथ पर बढ़ चलने की सुविधा सभी को उपलब्ध है।
    • अन्तरंग ऊर्जा का महत्वपूर्ण उपयोग
    • दिव्य प्रेतात्मा की अदृश्य सहायता
    • Quotation
    • एकनाथ महाराज (kahani)
    • परिस्थितियों पर नहीं मनःस्थिति पर प्रसन्नता निर्भर है।
    • जीव-जन्तुओं की विशिष्ट चेतना शक्ति
    • Quotation
    • हमारी सहानुभूति गहरी और सजीव हो
    • स्वप्नों के झरोखे से सूक्ष्म जगत की झांकी सम्भव है।
    • Quotation
    • परिश्रमी बनें-पुरुषार्थी बनें
    • मानस स्टर्न (kahani)
    • मंत्र शक्ति से आत्म-कल्याण और विश्व-कल्याण
    • जल-उपवास कुछ चेतनाएँ उत्पन्न करने के लिए
    • विरोध न करना पाप का परोक्ष समर्थन
    • तपोवनों में प्रकाश उतरा
    • तपोवनों में प्रकाश उतरा (kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • हम चिन्तन की दृष्टि से भी प्रौढ़ बनें।
    • आगे बढ़ने की सामर्थ्य जुटाएँ
    • आत्म-निर्माण मानव जीवन की सर्वोपरि सफलता
    • ब्रह्म सत्ता का अस्तित्व है या नहीं?
    • अमरीकी वैज्ञानिक आइन्स्टीन (kahani)
    • जीव वस्तुतः ब्रह्म का ही एक घटक है।
    • Quotation
    • अचेतन का परिष्कार ही परम लक्ष्य
    • Quotation
    • योग आन्तरिक परिष्कार का विज्ञान
    • नये विचार उपहासास्पद न समझे जायं।
    • सोऽहम् साधना द्वारा प्राणतत्व का परिपोषण
    • Quotation
    • खेचरी मुद्रा की दार्शनिक पृष्ठभूमि
    • Quotation
    • प्रगति पथ पर बढ़ चलने की सुविधा सभी को उपलब्ध है।
    • अन्तरंग ऊर्जा का महत्वपूर्ण उपयोग
    • दिव्य प्रेतात्मा की अदृश्य सहायता
    • Quotation
    • एकनाथ महाराज (kahani)
    • परिस्थितियों पर नहीं मनःस्थिति पर प्रसन्नता निर्भर है।
    • जीव-जन्तुओं की विशिष्ट चेतना शक्ति
    • Quotation
    • हमारी सहानुभूति गहरी और सजीव हो
    • स्वप्नों के झरोखे से सूक्ष्म जगत की झांकी सम्भव है।
    • Quotation
    • परिश्रमी बनें-पुरुषार्थी बनें
    • मानस स्टर्न (kahani)
    • मंत्र शक्ति से आत्म-कल्याण और विश्व-कल्याण
    • जल-उपवास कुछ चेतनाएँ उत्पन्न करने के लिए
    • विरोध न करना पाप का परोक्ष समर्थन
    • तपोवनों में प्रकाश उतरा
    • तपोवनों में प्रकाश उतरा (kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1976 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


हम चिन्तन की दृष्टि से भी प्रौढ़ बनें।

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


1 Last
*******

मनोविज्ञानी शिण्डलर का कथन है- लोग आयु की दृष्टि से तो बड़े हो जाते हैं, पर चिन्तन की दृष्टि से बालक जैसे अविकसित ही बने रहते हैं। पड़ौसियों का ढर्रा अपनाकर गतिविधियाँ बनती हैं और यह यथार्थता, दूरदर्शिता तथा उपयोगिता की परख करना आवश्यक मान लिया जाता है। यह अपरिपक्वता ही मानव जीवन की आन्तरिक प्रगति में सबसे बड़ी बाधा है।

बुद्धिमता का अर्थ है-सुलझे हुए विचार, स्पष्ट दृष्टिकोण और उत्तरदायित्व समझने एवं निबाहने की परिपक्वता। परिस्थितियों के साथ ताल-मेल बिठाना- उनमें से किससे कितना लाभ उठाया जा सकता है, किन्हें किस प्रकार बदला, सुधारा जाना चाहिए और किन्हें किस सीमा तक सहन किया जाना चाहिए- यह सब निष्कर्ष दूरदर्शिता, विवेकशीलता के आधार पर ही निकाले जा सकते हैं।

विचारों की प्रौढ़ता, दृष्टिकोण की परिपक्वता ही मानव जीवन की वह विशेषता है जिसे उपलब्ध करने पर व्यक्तित्व प्रतिभाशाली बनता है और बड़ी सफलताएं प्राप्त कर सकने की सम्भावना सुनिश्चित होती है। ओछे मनुष्य वे नहीं जो वजन, लम्बाई या आयु की दृष्टि से छोटे हैं। जिनकी विचारणा तथा आकाँक्षा उथली और बचकानी है, जो गये गुजरे लोगों की तरह सोचते और घटिया आकांक्षाएं पूरी करने के लिए ओछे हथकंडे अपनाते हैं, उन्हें कोई चतुर भले ही कह ले, पर वस्तुतः वे व्यक्तित्व की दृष्टि से बौने, अपंग, अविकसित लोगों की श्रेणी में ही माने जा सकेंगे।

----***----

1 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • हम चिन्तन की दृष्टि से भी प्रौढ़ बनें।
  • आगे बढ़ने की सामर्थ्य जुटाएँ
  • आत्म-निर्माण मानव जीवन की सर्वोपरि सफलता
  • ब्रह्म सत्ता का अस्तित्व है या नहीं?
  • अमरीकी वैज्ञानिक आइन्स्टीन (kahani)
  • जीव वस्तुतः ब्रह्म का ही एक घटक है।
  • Quotation
  • अचेतन का परिष्कार ही परम लक्ष्य
  • Quotation
  • योग आन्तरिक परिष्कार का विज्ञान
  • नये विचार उपहासास्पद न समझे जायं।
  • सोऽहम् साधना द्वारा प्राणतत्व का परिपोषण
  • Quotation
  • खेचरी मुद्रा की दार्शनिक पृष्ठभूमि
  • Quotation
  • प्रगति पथ पर बढ़ चलने की सुविधा सभी को उपलब्ध है।
  • अन्तरंग ऊर्जा का महत्वपूर्ण उपयोग
  • दिव्य प्रेतात्मा की अदृश्य सहायता
  • Quotation
  • एकनाथ महाराज (kahani)
  • परिस्थितियों पर नहीं मनःस्थिति पर प्रसन्नता निर्भर है।
  • जीव-जन्तुओं की विशिष्ट चेतना शक्ति
  • Quotation
  • हमारी सहानुभूति गहरी और सजीव हो
  • स्वप्नों के झरोखे से सूक्ष्म जगत की झांकी सम्भव है।
  • Quotation
  • परिश्रमी बनें-पुरुषार्थी बनें
  • मानस स्टर्न (kahani)
  • मंत्र शक्ति से आत्म-कल्याण और विश्व-कल्याण
  • जल-उपवास कुछ चेतनाएँ उत्पन्न करने के लिए
  • विरोध न करना पाप का परोक्ष समर्थन
  • तपोवनों में प्रकाश उतरा
  • तपोवनों में प्रकाश उतरा (kavita)
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj