परिस्थिति से परिवर्तन
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बेतार के तार यन्त्र के निर्माता बंगाल के संसार प्रसिद्ध वैज्ञानिक सर जगदीशचन्द्र बोस इस बात पर विश्वास करते हैं कि बुरे से बुरे व्यक्ति को सद्व्यवहार द्वारा सुधारा जा सकता है।
सर बोस के पिताजी भगवानचन्द्रजी डिप्टी कलक्टर थे और चोर डाकुओं को पकड़वाने का कार्य भी उन्हें करना पड़ता था। एक बार एक खतरनाक डाकू को उन्होंने पकड़वाया, अदालत ने उसे जेलखाने की कड़ी सजा दी।
जब यह डाकू जेल से छूट कर आया, तो वह जगदीशचन्द्र के पास गया और कहने लगा-”सुविधापूर्वक खर्चे न चलने के कारण मुझे अपराध करने पड़ते हैं। यदि आप मेरा कोई काम लगवा दें, तो मैं उत्तम जीवन व्यतीत कर सकूँगा।”
जगदीश अपनी दयालुता के लिए प्रसिद्ध है। उनने उस डाकू को बिना अधिक पूछताछ किये अपने पास एक अच्छी नौकरी पर रख लिया। उस दिन से कभी भी उस डाकू ने कोई अपराध न किया और मालिक के कुटुम्ब पर आई हुई आपत्तियों के समय उसने अपने प्राणों को खतरे में डाल कर भी उनकी रक्षा की।
स्वभावतः कोई व्यक्ति बुरा नहीं है। बुरी परिस्थितियां मनुष्य को बुरा बनाती है। यदि उसकी परिस्थितियां बदल दी जाय, तो बुरे से बुरे व्यक्ति को भी अच्छे मार्ग पर चलने वाला बनाया जा सकता है।
अखण्ड ज्योति मार्च 1943 पृष्ठ 9
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