Magazine - Year 1973 - Version 2
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Language: HINDI
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नीति श्लोक
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सदा शिवोक्तनि सपादलक्ष
लयावधानानि वसन्ति लोके ।
नादानुसन्धानसमाधिमेकम्
मन्यामहे मान्यतमम् लयानाम् ।।
— योगतारावली भगवान शिव ने मन को लय करने की अगणित साधनाएँ बनाई हैं, पर उन सब में नादनुसंधान सबस सरल और श्रेष्ठ है।
सर्वचिन्तां परित्यज्य सावधानेन चेतसा।
नाद एवानुसन्धेयो योगसाम्राज्यमिच्छता ।
— योगतारावली
यदि योग-क्षेत्र में प्राप्त करने की आकांक्षा हो तो सब ओर से मन हटाकर नाद-साधना में तत्पर होना चाहिए।
लयावधानानि वसन्ति लोके ।
नादानुसन्धानसमाधिमेकम्
मन्यामहे मान्यतमम् लयानाम् ।।
— योगतारावली भगवान शिव ने मन को लय करने की अगणित साधनाएँ बनाई हैं, पर उन सब में नादनुसंधान सबस सरल और श्रेष्ठ है।
सर्वचिन्तां परित्यज्य सावधानेन चेतसा।
नाद एवानुसन्धेयो योगसाम्राज्यमिच्छता ।
— योगतारावली
यदि योग-क्षेत्र में प्राप्त करने की आकांक्षा हो तो सब ओर से मन हटाकर नाद-साधना में तत्पर होना चाहिए।