News
Blogs
Gurukulam
English
हिंदी
×
My Notes
TOC
‘प्रज्ञा’ मानव को प्राप्त दैवी अनुदान
आत्मज्ञान की उपलब्धि- अमरत्व की सिद्धि
Quotation
ईश्वर विकास का चरम बिन्दु है।
परब्रह्म की सत्ता के कारण और प्रमाण
दैवी अनुदानों का सच्चा अधिकारी कौन?
परिवर्तन- सृष्टि की एक शाश्वत विधि व्यवस्था
सपनों का जमघट (kahani)
ऊर्जा का संचय एवं सुनियोजन
Quotation
मनोनिग्रह- सबसे बड़ा पुरुषार्थ
व्यामोहग्रस्त का उपदेश (kahani)
चिन्तन व्यवस्थित हो, विधेयात्मक हो
Quotation
सदाशयता की महत्वाकाँक्षा हर दृष्टि से हितकर
रोम की जेल (kahani)
विचार संप्रेषण की अद्भुत शक्ति सामर्थ्य
Quotation
आत्मबोध से ही जीवन सम्पदा की सार्थकता
विलक्षण सामर्थ्य का समुच्चय यह मानव शरीर
सिद्धान्त व्यवहार में उतरे तो ही सार्थक
ओजस्विता, तेजस्विता और मनस्विता का आन्तरिक भाण्डागार
गोताखोर (kahani)
मनुष्येत्तर प्राणियों में पाई जाने वाली अतीन्द्रिय क्षमताएँ
मानवी पुरुषार्थ और कर्मफल के सिद्धान्त
परोक्ष से सम्पर्क स्थापित कर बहुत कुछ हस्तगत किया जा सकता है।
Quotation
मृत्यु जीवन का अन्त नहीं है।
जीवेम् शरदः शतम्
सृजन शक्ति का प्रेरणा श्रोत- काम
Quotation
उद्विग्नता मनुष्य की प्राण घातक शत्रु
Quotation
स्मरण शक्ति की न्यूनता से चिन्तित न हों।
Quotation
आत्म-विश्वास जगायें- सफलता पायें
Quotation
आसार बताते हैं कि हिमयुग आने वाला है।
नजरें जो बदलीं तो नजारे बदल गये
शब्द ब्रह्म का साक्षात्कार एवं उसकी चमत्कृतियाँ
सूक्ष्मीकरण पर आधारित यज्ञोपचार पद्धति
रवीन्द्र बाबू की हत्या के लिए (kahani)
प्रलोभन की मृग मरीचिका एवं अपरिग्रह का नन्दन वन
अपनों से अपनी बात
यह धरती पावन बन जाये
यह धरती पावन बन जाये (kavita)
My Note
Books
SPIRITUALITY
Meditation
EMOTIONS
AMRITVANI
PERSONAL TRANSFORMATION
SOCIAL IMPROVEMENT
SELF HELP
INDIAN CULTURE
SCIENCE AND SPIRITUALITY
GAYATRI
LIFE MANAGEMENT
PERSONALITY REFINEMENT
UPASANA SADHANA
CONSTRUCTING ERA
STRESS MANAGEMENT
HEALTH AND FITNESS
FAMILY RELATIONSHIPS
TEEN AND STUDENTS
ART OF LIVING
INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
THOUGHT REVOLUTION
TRANSFORMING ERA
PEACE AND HAPPINESS
INNER POTENTIALS
STUDENT LIFE
SCIENTIFIC SPIRITUALITY
HUMAN DIGNITY
WILL POWER MIND POWER
SCIENCE AND RELIGION
WOMEN EMPOWERMENT
Akhandjyoti
Login
TOC
‘प्रज्ञा’ मानव को प्राप्त दैवी अनुदान
आत्मज्ञान की उपलब्धि- अमरत्व की सिद्धि
Quotation
ईश्वर विकास का चरम बिन्दु है।
परब्रह्म की सत्ता के कारण और प्रमाण
दैवी अनुदानों का सच्चा अधिकारी कौन?
परिवर्तन- सृष्टि की एक शाश्वत विधि व्यवस्था
सपनों का जमघट (kahani)
ऊर्जा का संचय एवं सुनियोजन
Quotation
मनोनिग्रह- सबसे बड़ा पुरुषार्थ
व्यामोहग्रस्त का उपदेश (kahani)
चिन्तन व्यवस्थित हो, विधेयात्मक हो
Quotation
सदाशयता की महत्वाकाँक्षा हर दृष्टि से हितकर
रोम की जेल (kahani)
विचार संप्रेषण की अद्भुत शक्ति सामर्थ्य
Quotation
आत्मबोध से ही जीवन सम्पदा की सार्थकता
विलक्षण सामर्थ्य का समुच्चय यह मानव शरीर
सिद्धान्त व्यवहार में उतरे तो ही सार्थक
ओजस्विता, तेजस्विता और मनस्विता का आन्तरिक भाण्डागार
गोताखोर (kahani)
मनुष्येत्तर प्राणियों में पाई जाने वाली अतीन्द्रिय क्षमताएँ
मानवी पुरुषार्थ और कर्मफल के सिद्धान्त
परोक्ष से सम्पर्क स्थापित कर बहुत कुछ हस्तगत किया जा सकता है।
Quotation
मृत्यु जीवन का अन्त नहीं है।
जीवेम् शरदः शतम्
सृजन शक्ति का प्रेरणा श्रोत- काम
Quotation
उद्विग्नता मनुष्य की प्राण घातक शत्रु
Quotation
स्मरण शक्ति की न्यूनता से चिन्तित न हों।
Quotation
आत्म-विश्वास जगायें- सफलता पायें
Quotation
आसार बताते हैं कि हिमयुग आने वाला है।
नजरें जो बदलीं तो नजारे बदल गये
शब्द ब्रह्म का साक्षात्कार एवं उसकी चमत्कृतियाँ
सूक्ष्मीकरण पर आधारित यज्ञोपचार पद्धति
रवीन्द्र बाबू की हत्या के लिए (kahani)
प्रलोभन की मृग मरीचिका एवं अपरिग्रह का नन्दन वन
अपनों से अपनी बात
यह धरती पावन बन जाये
यह धरती पावन बन जाये (kavita)
My Note
Books
SPIRITUALITY
Meditation
EMOTIONS
AMRITVANI
PERSONAL TRANSFORMATION
SOCIAL IMPROVEMENT
SELF HELP
INDIAN CULTURE
SCIENCE AND SPIRITUALITY
GAYATRI
LIFE MANAGEMENT
PERSONALITY REFINEMENT
UPASANA SADHANA
CONSTRUCTING ERA
STRESS MANAGEMENT
HEALTH AND FITNESS
FAMILY RELATIONSHIPS
TEEN AND STUDENTS
ART OF LIVING
INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
THOUGHT REVOLUTION
TRANSFORMING ERA
PEACE AND HAPPINESS
INNER POTENTIALS
STUDENT LIFE
SCIENTIFIC SPIRITUALITY
HUMAN DIGNITY
WILL POWER MIND POWER
SCIENCE AND RELIGION
WOMEN EMPOWERMENT
Akhandjyoti
Login
Search
Magazine
-
Year 1984 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
SCAN
TEXT
यह धरती पावन बन जाये
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
Play
Pause
Stop
×
Add Note
Save Note
First
44
46
Last
(आदर्श)
First
44
46
Last
Other Version of this book
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...
Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...
Releted Books
Articles of Books
‘प्रज्ञा’ मानव को प्राप्त दैवी अनुदान
आत्मज्ञान की उपलब्धि- अमरत्व की सिद्धि
Quotation
ईश्वर विकास का चरम बिन्दु है।
परब्रह्म की सत्ता के कारण और प्रमाण
दैवी अनुदानों का सच्चा अधिकारी कौन?
परिवर्तन- सृष्टि की एक शाश्वत विधि व्यवस्था
सपनों का जमघट (kahani)
ऊर्जा का संचय एवं सुनियोजन
Quotation
मनोनिग्रह- सबसे बड़ा पुरुषार्थ
व्यामोहग्रस्त का उपदेश (kahani)
चिन्तन व्यवस्थित हो, विधेयात्मक हो
Quotation
सदाशयता की महत्वाकाँक्षा हर दृष्टि से हितकर
रोम की जेल (kahani)
विचार संप्रेषण की अद्भुत शक्ति सामर्थ्य
Quotation
आत्मबोध से ही जीवन सम्पदा की सार्थकता
विलक्षण सामर्थ्य का समुच्चय यह मानव शरीर
सिद्धान्त व्यवहार में उतरे तो ही सार्थक
ओजस्विता, तेजस्विता और मनस्विता का आन्तरिक भाण्डागार
गोताखोर (kahani)
मनुष्येत्तर प्राणियों में पाई जाने वाली अतीन्द्रिय क्षमताएँ
मानवी पुरुषार्थ और कर्मफल के सिद्धान्त
परोक्ष से सम्पर्क स्थापित कर बहुत कुछ हस्तगत किया जा सकता है।
Quotation
मृत्यु जीवन का अन्त नहीं है।
जीवेम् शरदः शतम्
सृजन शक्ति का प्रेरणा श्रोत- काम
Quotation
उद्विग्नता मनुष्य की प्राण घातक शत्रु
Quotation
स्मरण शक्ति की न्यूनता से चिन्तित न हों।
Quotation
आत्म-विश्वास जगायें- सफलता पायें
Quotation
आसार बताते हैं कि हिमयुग आने वाला है।
नजरें जो बदलीं तो नजारे बदल गये
शब्द ब्रह्म का साक्षात्कार एवं उसकी चमत्कृतियाँ
सूक्ष्मीकरण पर आधारित यज्ञोपचार पद्धति
रवीन्द्र बाबू की हत्या के लिए (kahani)
प्रलोभन की मृग मरीचिका एवं अपरिग्रह का नन्दन वन
अपनों से अपनी बात
यह धरती पावन बन जाये
यह धरती पावन बन जाये (kavita)
Your browser does not support the video tag.