• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • क्षुद्रता अपनाने से हानि ही हानि!
    • जब जाग उठी अंतः की संवेदना
    • भूल को सुधारने का ठीक यही समय!
    • चित की चंचलता (kahani)
    • यदि आसक्ति छूट जाय तो?
    • दैवी चेतना का प्रभावी प्रचण्ड प्रवाह
    • हारीबाजी पलट गयी (kahani)
    • कहीं मनुष्य यंत्र मानव न बन जाय!
    • क्या है आपकी उम्र?
    • सब धर्मों में एक ही है, उस परम सत्ता का स्वरूप!
    • Quotation
    • दो प्रचण्ड शक्तियों का समन्वय
    • Quotation
    • त्रिविध आधारों को अपनायें, प्रतिभाशाली बनें!
    • Quotation
    • परोक्ष जगत से उतरते दिव्य संकेत
    • जिजीविषा की अजेय चमत्कारी सामर्थ्य
    • अन्तरंग त्राटक की महान महत्ता
    • दैवी कृपा का प्रवाह (kahani)
    • महाक्रान्ति सुनिश्चित एवं अतिनिकट
    • Quotation
    • छोटी छोटी बातों की जीवन में महत्ता
    • Quotation
    • आनन्द और उल्लास का अजस्र निर्झर
    • Quotation
    • अतीन्द्रिय क्षमता कोरी करामात नहीं
    • न सोचो अकेली किरण क्या करेगी?
    • उच्चस्तरीय रहस्यमय प्राणतत्व
    • परमात्मा की खोज (kahani)
    • आवेशों को हावी न होने दें!
    • अनन्त संभावनाओं का स्त्रोत- मानवी मन
    • एक और अंगुलिमाल
    • भावी पीढ़ी चरित्रवानों की होगी
    • Quotation
    • संगीत द्वार काया एवं मन का उपचार
    • व्यक्ति को माध्यम बनाती है समष्टि सत्ता
    • अशान्ति के क्षणों में शान्ति का आह्वान
    • Quotation
    • अदृश्य के गर्भ में छिपी अलौकिकताएँ
    • Quotation
    • विलक्षण, अद्भुत प्रेम का रसायन शास्त्र
    • आइए उजले-उजले संकल्प करें
    • मन की निर्द्वन्द और निश्चिन्त स्थिति
    • एक क्षण भी व्यर्थ नहीं खोना (kahani)
    • मधु-संचय
    • महाकाल की आशाऐं (kavita)
    • यदि चले नहीं तो (kavita)
    • जीवन-गीत (kavita)
    • फूलों की पावनता (kavita)
    • स्वप्न एक वैज्ञानिक सत्य!
    • एक-एक पल का असाधारण महत्व
    • नयी श्रद्धा (kahani)
    • ईश प्रार्थना में निहित चुम्बकीय शक्ति
    • आइये मानवता के ट्रस्टी बनें
    • प्रकृति में दृश्यमान सहयोग-सहकार भरा सद्भाव
    • Quotation
    • प्रतिभाएँ औरों के लिए जीती हैं।
    • लोक सेवा के निमित्त संघबद्ध प्रयास
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • क्षुद्रता अपनाने से हानि ही हानि!
    • जब जाग उठी अंतः की संवेदना
    • भूल को सुधारने का ठीक यही समय!
    • चित की चंचलता (kahani)
    • यदि आसक्ति छूट जाय तो?
    • दैवी चेतना का प्रभावी प्रचण्ड प्रवाह
    • हारीबाजी पलट गयी (kahani)
    • कहीं मनुष्य यंत्र मानव न बन जाय!
    • क्या है आपकी उम्र?
    • सब धर्मों में एक ही है, उस परम सत्ता का स्वरूप!
    • Quotation
    • दो प्रचण्ड शक्तियों का समन्वय
    • Quotation
    • त्रिविध आधारों को अपनायें, प्रतिभाशाली बनें!
    • Quotation
    • परोक्ष जगत से उतरते दिव्य संकेत
    • जिजीविषा की अजेय चमत्कारी सामर्थ्य
    • अन्तरंग त्राटक की महान महत्ता
    • दैवी कृपा का प्रवाह (kahani)
    • महाक्रान्ति सुनिश्चित एवं अतिनिकट
    • Quotation
    • छोटी छोटी बातों की जीवन में महत्ता
    • Quotation
    • आनन्द और उल्लास का अजस्र निर्झर
    • Quotation
    • अतीन्द्रिय क्षमता कोरी करामात नहीं
    • न सोचो अकेली किरण क्या करेगी?
    • उच्चस्तरीय रहस्यमय प्राणतत्व
    • परमात्मा की खोज (kahani)
    • आवेशों को हावी न होने दें!
    • अनन्त संभावनाओं का स्त्रोत- मानवी मन
    • एक और अंगुलिमाल
    • भावी पीढ़ी चरित्रवानों की होगी
    • Quotation
    • संगीत द्वार काया एवं मन का उपचार
    • व्यक्ति को माध्यम बनाती है समष्टि सत्ता
    • अशान्ति के क्षणों में शान्ति का आह्वान
    • Quotation
    • अदृश्य के गर्भ में छिपी अलौकिकताएँ
    • Quotation
    • विलक्षण, अद्भुत प्रेम का रसायन शास्त्र
    • आइए उजले-उजले संकल्प करें
    • मन की निर्द्वन्द और निश्चिन्त स्थिति
    • एक क्षण भी व्यर्थ नहीं खोना (kahani)
    • मधु-संचय
    • महाकाल की आशाऐं (kavita)
    • यदि चले नहीं तो (kavita)
    • जीवन-गीत (kavita)
    • फूलों की पावनता (kavita)
    • स्वप्न एक वैज्ञानिक सत्य!
    • एक-एक पल का असाधारण महत्व
    • नयी श्रद्धा (kahani)
    • ईश प्रार्थना में निहित चुम्बकीय शक्ति
    • आइये मानवता के ट्रस्टी बनें
    • प्रकृति में दृश्यमान सहयोग-सहकार भरा सद्भाव
    • Quotation
    • प्रतिभाएँ औरों के लिए जीती हैं।
    • लोक सेवा के निमित्त संघबद्ध प्रयास
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1989 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


कहीं मनुष्य यंत्र मानव न बन जाय!

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 7 9 Last
सुप्रसिद्ध चीनी दार्शनिक चाँग होचाँग एक बार देश-भ्रमण के लिए निकले। प्रजा की भलाई के लिए सामाजिक अध्ययन और उपयुक्त वातावरण की शोध इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य था।

घूमते-घूमते चाँग ताईवान पहुँचे। एक युवक माली कुँए स जल निकाल रहा था। बाल्टी बालटी पानी निकालने और फिर से ढोकर हर पौधे तक पहुँचाने में उसे बहुत अधिक श्रम करना पड़ रहा था। माली की देह पसीने से तर हो रही थी। तो काफी काम बाकी पड़ा था। काफी देर तक सोचते रहे। कोई ऐसा उपाय नहीं है क्या? जिससे माली का परिश्रम कम किया जा सके।

विचार न करें तो सैकड़ों वर्षों की कड़ी गली अनुपयोगी चीजें सगे सम्बन्धी की तरह चिपक रहतीं और कष्ट देती हैं। पर विचार की एक छोटी सी चिनगारी की उन्नतियों के राजमहल खड़े कर सकती है। चाँग ने सोचा यदि लकड़ियों की एक घिरी बनाकर उसमें रस्सी लपेट कर खड़े-खड़े ही खींचने का प्रबन्ध हो जाए और यहीं से प्रत्येक वृक्ष तक के लिए नाली खोद ली जाए तो माली का यथेष्ट श्रम बच सकता है। इतने ही श्रम में वहां पहले से अधिक काम कर सकता है।

माली ने इस योजना का लाभ समझा और उसे मान लिया। ढेकलीनुमा व्यवस्था हो गई माली वहीं खड़ा-खड़ा पानी निकाल कर पौधे सींचने लगा।

समय तो बचा पर माली ने देखा कि उसके चलने फिरने लचकने-झुकने के कई व्यायाम अब नहीं रहे। इसलिए शरीर के कुछ अंग शिथिल रहने लगे है तो भी उसे इस बात का सन्तोष था कि तब से कुछ अधिक काम हो जाने से शरीर का हर अंग कुछ न कुछ तो क्रियाशील हो ही जाता है। इसलिए स्वास्थ्य में गिरावट की कोई विशेष चिन्ता नहीं हुई है।

चाँग आगे बढ़ गया। बहुत देर तक घूम चुकने के बाद वह फिर उसी रास्ते से वापस लौटे तो उनके मस्तिष्क में एक और बात याद आई कि यदि कुयें में भाप से चलने वाली मशीन डाल दी जाए तो परिश्रम भी बिलकुल कम हो जाय और पौधों को पानी भी खूब मिलने लगे। माली ने वह प्रस्ताव भी स्वीकार कर लिया। भाप का इंजन लग गया, माली को चैन हो गया।

काफी दिन बीतने के बाद एक दिन चाँग की इच्छा उस बाग को देखने की हुई। उसने सोचा था बगीचा अब लहलहा रहा होगा। पर वहाँ जाकर देखा तो स्तब्ध रह गया। पूछने पर पता चला माली बीमार रहता है इसलिए समय बेसमय पानी मिल पाता है। इसी से पेड़ पौधे मुरझा रहे हैं।

चाँग माली को देखने उसके घर गए। सचमुच उसे बीमार पाया। उसके हाथ सूख गए थे, टाँगे कमजोर हो गई थी, पेट दो रोटी से ज्यादा पचा नहीं सकता था। माली का मुँह पीला पड़ गया था।

चाँग ने हँस कर पूछा-”कहो भाई! अभी भी अधिक परिश्रम करना पड़ता है क्या? तो कोई और तरकीब सोचें।” पास खड़ी मालिन ने हाथ जोड़कर कहा-”श्रीमान् जी तरकीब लड़ाने की अपेक्षा आप इन्हें ऐसी सीख दीजिए कि पहले की तरह फिर से अपने हाथ से ही काम करने लगें। मशीन का आराम ही इनकी बीमारी का कारण है।” चाँग अपने एकाँगी चिन्तन पर बहुत ही पछताये। उन्होंने सोचा-”मनुष्य यांत्रिक और बिना परिश्रम के जीवन के आकर्षण में न पड़ता तो वह न तो अस्वस्थ होता न तो रोगी।” उनने माली से अपनी स्त्री की ही राय मान लेने की सीख दी वहाँ से वापस चलें आए। माली अपनी पूर्व जीवन पद्धति में आकर पुनः स्वस्थ हो गया।

First 7 9 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • क्षुद्रता अपनाने से हानि ही हानि!
  • जब जाग उठी अंतः की संवेदना
  • भूल को सुधारने का ठीक यही समय!
  • चित की चंचलता (kahani)
  • यदि आसक्ति छूट जाय तो?
  • दैवी चेतना का प्रभावी प्रचण्ड प्रवाह
  • हारीबाजी पलट गयी (kahani)
  • कहीं मनुष्य यंत्र मानव न बन जाय!
  • क्या है आपकी उम्र?
  • सब धर्मों में एक ही है, उस परम सत्ता का स्वरूप!
  • Quotation
  • दो प्रचण्ड शक्तियों का समन्वय
  • Quotation
  • त्रिविध आधारों को अपनायें, प्रतिभाशाली बनें!
  • Quotation
  • परोक्ष जगत से उतरते दिव्य संकेत
  • जिजीविषा की अजेय चमत्कारी सामर्थ्य
  • अन्तरंग त्राटक की महान महत्ता
  • दैवी कृपा का प्रवाह (kahani)
  • महाक्रान्ति सुनिश्चित एवं अतिनिकट
  • Quotation
  • छोटी छोटी बातों की जीवन में महत्ता
  • Quotation
  • आनन्द और उल्लास का अजस्र निर्झर
  • Quotation
  • अतीन्द्रिय क्षमता कोरी करामात नहीं
  • न सोचो अकेली किरण क्या करेगी?
  • उच्चस्तरीय रहस्यमय प्राणतत्व
  • परमात्मा की खोज (kahani)
  • आवेशों को हावी न होने दें!
  • अनन्त संभावनाओं का स्त्रोत- मानवी मन
  • एक और अंगुलिमाल
  • भावी पीढ़ी चरित्रवानों की होगी
  • Quotation
  • संगीत द्वार काया एवं मन का उपचार
  • व्यक्ति को माध्यम बनाती है समष्टि सत्ता
  • अशान्ति के क्षणों में शान्ति का आह्वान
  • Quotation
  • अदृश्य के गर्भ में छिपी अलौकिकताएँ
  • Quotation
  • विलक्षण, अद्भुत प्रेम का रसायन शास्त्र
  • आइए उजले-उजले संकल्प करें
  • मन की निर्द्वन्द और निश्चिन्त स्थिति
  • एक क्षण भी व्यर्थ नहीं खोना (kahani)
  • मधु-संचय
  • महाकाल की आशाऐं (kavita)
  • यदि चले नहीं तो (kavita)
  • जीवन-गीत (kavita)
  • फूलों की पावनता (kavita)
  • स्वप्न एक वैज्ञानिक सत्य!
  • एक-एक पल का असाधारण महत्व
  • नयी श्रद्धा (kahani)
  • ईश प्रार्थना में निहित चुम्बकीय शक्ति
  • आइये मानवता के ट्रस्टी बनें
  • प्रकृति में दृश्यमान सहयोग-सहकार भरा सद्भाव
  • Quotation
  • प्रतिभाएँ औरों के लिए जीती हैं।
  • लोक सेवा के निमित्त संघबद्ध प्रयास
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj