
अजीब लोग और उनके विचित्र संकल्प
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शारीरिक, बौद्धिक एवं आर्थिक क्षेत्रों में सफलता अर्जित करने एवं उन्नति की ओर बढ़ने के प्रयास अनेकों व्यक्तियों द्वारा किये जाते हैं, तदनुरूप सफलता प्राप्त करते देखे भी जाते हैं। कभी-कभी यह प्रयास विभिन्न व्यक्तियों में विचित्र रुचियों के रूप में उभर कर आते हैं जिनकी पूर्ति के लिए वे दुस्साहस भरे कदम उठाने में भी नहीं हिचकते।
शीत ऋतु की भयंकर ठंड में गर्म कपड़ों एवं बिस्तरों में लोग दुबके रहते हैं तथा ठंड से बचाव करते हैं ‘म्यूनिख नगर” के एक एकाउन्टेन्ट श्री ‘पीटरशीत’ को अपने साहस एवं क्षमता के प्रदर्शन की सनक सवार हुई। उसने निरन्तर सात रात एवं सात दिन ठंडे फव्वारे के नीचे भीगते हुए व्यतीत किये तथा एक अनोखा कीर्तिमान प्रस्तुत किया।
इंग्लैंड के दो नवयुवक “फ्रैंकलिन जेम’ एवं जेमसन’ जिनकी आयु थी 20 एवं 19 वर्ष। ये दोनों नौकरी की खोज में भटक रहे थे। एक दिन फ्रैंकलिन को जाने क्या सूझा, वह ‘जेमसन’ से कहने लगा कि ‘क्यों नहीं हम अपने खाली समय का उपयोग कुछ नवीन अनोखे कार्यों के करने में करे?” अपने मन में आये विचार को मित्र के समक्ष प्रस्तुत करते हुए उसने कहा- “हम लोग ताली बजाने का नया रिकार्ड प्रस्तुत करेंगे।” सहमति मिलते ही दोनों ने 14 घंटे 6 मिनट तक निरंतर ताली बजायी। अमेरिका के दो किशोर छात्र जिनकी आयु 14 एवं 15 वर्ष थी तथा नाम था ‘केरोमिन’ एवं विलियम स्कार्ट ने उनको ताली बजाने में स्थापित कीर्तिमान को चुनौती दी। एक स्थान पर निरन्तर खड़े होकर 18 घंटा ताली बजाकर उन दोनों किशोरों ने “फ्रैंकलिन’ एवं उसके सहयोगी द्वारा स्थापित रिकार्ड को तोड़ दिया।
मनुष्य की संकल्प शक्ति एवं पुरुषार्थ में वे सारी विशेषताएँ जिनके सहारे असम्भव कार्य भी सम्भव किये जा सकते है। इस शक्ति का उपयोग चाहे रचनात्मक दिशा में किया जाय अथवा निरुद्देश्य कौतूहलजनक कार्यों में। यह मनुष्य में स्वयं के विवेक के ऊपर निर्भर करता है।
जापान के पतंगबाज गोरोकू कुडो को यह जानकारी मिली कि अमेरिका के एक व्यक्ति ने एक ही डोर में 178 पतंगे बांधकर उड़ायी हैं। पतंगबाजी कला में वह स्वयं भी निपुण था। इस अमेरिकी रिकार्ड को तोड़ने का अभ्यास ‘कुडो’ नित्य करने लगा। उसने 356 पतंगे अच्छी प्रकार तैयार करायी। आठ-आठ फुट की दूरी पर एक-एक पतंग को बांधकर वह उड़ाने लगा। अभी 250 पतंगे ही उड़ा सका था कि पतंग डोरी पर बोझ अधिक पड़ने एवं हवा के तेज दबाव के कारण डोरी टूट गई। 350 पतंगे तो नहीं उड़ा सका किन्तु अमेरिकी पतंगबाजी के कीर्तिमान को ‘गोरोकू’ ने तोड़ दिया।
कभी-कभी तो नवीन कीर्तिमान स्थापित करने की सनक में कुछ व्यक्ति जीवन के साथ दुस्साहसपूर्ण कार्य करते देखे जाते है। रोगी को नवजीवन देने एवं रक्त आपूर्ति करने के लिए रक्तदान एक महान त्याग एवं सेवा है। कितने ही व्यक्ति रक्तदान द्वारा पुण्य कार्य करते देखे जाते हैं। किन्तु मात्र नवीन एवं आश्चर्य जनक कीर्तिमान स्थापित करने के निमित्त रक्तदान करते कम ही व्यक्ति देखे गये है। ‘हैंम्वर्ग’ के 28 वर्षीय नवयुवक ‘रौकपीटर’ ने अपनी इस आयु तक 1770 वार रक्तदान कर अपने दुस्साहस का परिचय दिया है। रक्तदान में ‘पीटर’ के शरीर से अबतक 660 लीटर रक्त निकल चुका है। सारे विश्व में यह एक आश्चर्य जनक घटना है।
नार्वे निवासी “हैन्सलैंगसेथ’ को दाढ़ी बढ़ाने का भूत सवार हुआ। इस इच्छा से अभिप्रेरित होकर उसने अपनी दाढ़ी 50 मी. 330 बढ़ाकर लोगों को आश्चर्य चकित कर दिया।
कहते हैं कि मनुष्य के सिर के बाल गिने नहीं जा सकते। यह असम्भव तो नहीं, पर इसे बेकार काम समझ कर कौन अपनी शक्ति एवं समय को नष्ट करेगा। किन्तु ‘हेलसिलासी यूनिवर्सिटी के एक कर्मचारी ‘वाकावाया’ को यह सनक सवार हुई और उसने अपने सिर का मुण्डन कराकर प्रतिदिन बाल गिनता आरम्भ किया। लगभग चार वर्षों में उसने अपने सिर के सारे बालों को गिन डाला जिनकी कुल संख्या 1 लाख 12 हजार 503 थी।
मनुष्य की संकल्प शक्ति अद्भुत है और पुरुषार्थ असीम। कितने लोग मात्र कौतूहल खड़ा करने एवं निरुद्देश्य उसका उपयोग करते देखे जाते हैं। श्रेष्ठ कार्यों के लिए इस शक्ति को नियोजित किया जा सके तो कठिन कार्य भी संभव बन जाते हैं। संकल्प शक्ति की महत्ता एवं उपयोगिता भी इसी में है। रचनात्मक दिशा में उसका सदुपयोग किया जाना चाहिए।