Magazine - Year 1988 - Version 2
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Language: HINDI
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आत्म विश्वास ही ईश्वर है।
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पुलस की सशस्त्र गारद साथ रहने पर सुरक्षा की निश्चिन्तता हो जाती है और निर्भय रहा जा सकता है। जिसे ईश्वर पर उसकी सर्व शक्ति सत्ता पर विश्वास है उसे किसी से भी डरना नहीं पड़ेगा। जिसे ईश्वर पर भरोसा है और जो उसे अपने भीतर हर घड़ी विद्यमान अनुभव करता है उसे आत्म-विश्वास की कमी क्यों रहेंगी? ईश्वर-विश्वास और आत्म-विश्वास एक ही आस्था के दो पहलू मात्र है। जो अपने ऊपर से-अपनी महानता और सम्भावना से आस्था से खो बैठा उसे नास्तिक के अतिरिक्त और क्या कहा जायेगा?
जो अपने ऊपर भरोसा करता है उसी पर दूसरे भी भरोसा करते हैं। जो अपने सहायता आप करता है, उसी की सहायता ईश्वर करता है। हो सकता है कि कोई निष्ठावान असफल भी रहा हो, पर जितने भी सफलता सम्पन्न हुए है उनमें से प्रत्येक आत्म-विश्वासी रहा है। सम्भव है किसी कुशल किसान की फसल मारी जाये पर जिनने भी कृषि में कमाई की है उनमें से प्रत्येक को जो जोतने और बोने का श्रम करना पड़ा है। आत्म-विश्वास ही शक्ति का स्त्रोत है। प्रगति के किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकना उसी के सहारे सम्भव हो सकता है। जो ईश्वर भाग्य का निर्माण करता है उसका दूसरा नाम आत्म-विश्वास है। वस्तुतः ईश्वर का एकमात्र दिव्य उपहार जो मनुष्य को मिलता है वह आत्म-विश्वास ही है।
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