
एण्ड्रयू कार्नेगी (Kahani)
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एण्ड्रयू कार्नेगी के पिता एक स्काँटिश जुलाहे थे। माता घर के काम से निपट कर एक धोबी और एक मोची की दुकान पर काम करने जाती थी। तब घर का का खर्च चलता। माता जब नौकरी पर काम करने जाती, तब उसका पिता उसे इस प्रकार विदा करता, मानो नई दुल्हन हो। दोनों में अगाध प्रेम था। एण्ड्रयू यह देखता, तो उसके ऊपर गहरी छाप पड़ती। उसके पास एक ही कमीज थी। माता ही उसे रोज धो देती।
पढ़ने का अधिक सुयोग न बना। किन्तु स्कूली संस्कार परिवार में रहते-रहते ही आत्मीयता के पड़ गये। तनिक बड़ा होते ही उसने तारघर में हरकारे की नौकरी कर ली। उसके बाद उसने एक जमीन कृषि फार्म हेतु खरीदी। उसमें कृषि के अतिरिक्त एक तेल का कुँआ निकल आया और भी व्यवसायों में आमदनी बढ़ी। विवाह के कितने ही प्रस्ताव आये, पर उसने सभी यह कहकर अस्वीकार कर दिए, कि अपनी माता के जीवित रहने तक मैं विवाह न कर उसकी सेवा करूंगा। विवाह में समय और मन दो ओर बँट जाएगा। माँ के मरने के बाद 52 वर्ष की आयु में उसने शादी की। शादी देरी से करने पर लोगों के उलाहना देने पर कार्नेगी कहत-”विवाह जिन उद्देश्यों के लिए किया जाता है, उन सभी की पूर्ति मैंने यथासम्भव की है। मात्र सहजीवन और कामसेवन ही विवाह का अर्थ नहीं है।”
विवाह के बाद भी एकाकी बच्चों के परिवार रूपी संगठनों के लिए एवं साधनहीनों को विद्याध्ययन हेतु वह सतदान देता रहा। उसने 150 करोड़ डालर की राशि इन्हीं कार्यों में खर्च की। मरते समय कर्जदारों के कागजात जलाकर सबको ऋण मुक्त कर दिया।