Where Values Were Worshipped, Not Monume...

‘Sajal Shraddha – Prakhar Pragya’ ritual held ahead of Birth Centenary celebrations Haridwar | December 16 Some moments do not merely become part of history; they shape its direction. One such moment unfolded at Haridwar when the ‘Sajal Shraddha – Prakhar Pragya’ special ritual was performed ahead o...

Dec. 16, 2025, 4:05 p.m.

जन्मशताब्दी समारोह स्थल में जहाँ स्मारक ...

आयोजन से पूर्व युगऋषिद्वय की पावन स्मारक का हुआ विशेष पूजन कार्यक्रम हरिद्वार 16 दिसंबर। कुछ क्षण ऐसे होते हैं जो इतिहास नहीं बनते, बल्कि इतिहास को दिशा देते हैं। अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज द्वारा आयोजित होने जा रहे वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा एवं अखण्ड दीप के शताब्दी समारोह से पूर्व सम...

Dec. 16, 2025, 3:55 p.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 130): स्थूल क...

सूक्ष्मशरीरधारियों का वर्णन और विवरण पुरातन ग्रंथों में विस्तारपूर्वक मिलता है। यक्ष और युधिष्ठिर के मध्य विग्रह तथा विवाद का महाभारत में विस्तारपूर्वक वर्णन है। यक्ष, गंधर्व, ब्रह्मराक्षस जैसे कई वर्ग सूक्ष्मशरीरधारियों के थे। विक्रमादित्य के साथ पाँच ‘वीर’ रहते थे। शिव जी के गण ‘वीरभद्र’ कहलाते थे...

Nov. 17, 2025, 11:03 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 129): स्थूल क...

यह स्थिति शरीर त्यागते ही हर किसी को उपलब्ध हो जाए, यह संभव नहीं। भूत-प्रेत चले तो सूक्ष्मशरीर में जाते हैं, पर वे बहुत ही अनगढ़ स्थिति में रहते हैं। मात्र संबंधित लोगों को ही अपनी आवश्यकताएँ बताने भर के कुछ दृश्य कठिनाई से दिखा सकते हैं। पितरस्तर की आत्माएँ उनसे कहीं अधिक सक्षम होती हैं। उनका विवेक ...

Nov. 16, 2025, 11:22 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 128): स्थूल क...

हमें अपनी प्रवृत्तियाँ बहुमुखी बढ़ा लेने के लिए कहा गया है। इसमें सबसे बड़ी कठिनाई स्थूलशरीर का सीमा-बंधन है। यह सीमित है। सीमित क्षेत्र में ही काम कर सकता है। सीमित ही वजन उठा सकता है। काम असीम क्षेत्र से संबंधित हैं और ऐसे हैं, जिनमें एक साथ कितनों से ही वास्ता पड़ना चाहिए। यह कैसे बने? इसके लिए एक त...

Nov. 15, 2025, 9:52 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 127): स्थूल क...

युग-परिवर्तन की यह एक ऐतिहासिक वेला है। इन बीस वर्षों में हमें जमकर काम करने की ड्यूटी सौंपी गई थी। सन् 1980 से लेकर अब तक के पाँच वर्षों में जो काम हुआ है, पिछले 30 वर्षों की तुलना में कहीं अधिक है। समय की आवश्यकता के अनुरूप तत्परता बरती गई और खपत को ध्यान में रखते हुए तदनुरूप शक्ति उपार्जित की गई ...

Nov. 14, 2025, 9:30 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 126): तपश्चर्...

रामकृष्ण परमहंस के सामने यही स्थिति आई थी। उन्हें व्यापक काम करने के लिए बुलाया गया। योजना के अनुसार उनने अपनी क्षमता विवेकानंद को सौंप दी तथा उनने कार्यक्षेत्र को सरल और सफल बनाने के लिए आवश्यक ताना-बाना बुन देने का कार्य सँभाला। इतना बड़ा काम वे मात्र स्थूलशरीर के सहारे कर नहीं पा रहे थे। सो उनने उ...

Nov. 13, 2025, 11:03 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 125): तपश्चर्...

यह जीवनचर्या के अद्यावधि भूतकाल का विवरण हुआ। वर्तमान में इसी दिशा में एक बड़ी छलांग लगाने के लिए उस शक्ति ने निर्देश किया है, जिस सूत्रधार के इशारों पर कठपुतली की तरह नाचते हुए समूचा जीवन गुजर गया। अब हमें तपश्चर्या की एक नवीन उच्चस्तरीय कक्षा में प्रवेश करना पड़ा है। सर्वसाधारण को इतना ही पता है कि ...

Nov. 12, 2025, 6:01 p.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 124): तपश्चर्...

तपश्चर्या के मौलिक सिद्धांत हैं— संयम और सदुपयोग। इंद्रियसंयम से— पेट ठीक रहने से स्वास्थ्य नहीं बिगड़ता। ब्रह्मचर्यपालन से मनोबल का भंडार चुकने नहीं पाता। अर्थसंयम से— नीति की कमाई से औसत भारतीय स्तर का निर्वाह करना पड़ता है; फलतः न दरिद्रता फटकती है और न बेईमानी की आवश्यकता पड़ती है। समयसंयम से व्यस्...

Nov. 11, 2025, 10:48 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 123): तपश्चर्...

भारतीय स्वाधीनता-संग्राम के दिनों महर्षि रमण का मौन तप चलता रहा। इसके अतिरिक्त भी हिमालय में अनेक उच्चस्तरीय आत्माओं की विशिष्ट तपश्चर्याएँ इसी निमित्त चलीं। राजनेताओं द्वारा संचालित आंदोलनों को सफल बनाने में इस अदृश्य सूत्र-संचालन का कितना बड़ा योगदान रहा, इसका स्थूलदृष्टि से अनुमान न लग सकेगा, किंत...

Nov. 10, 2025, 10:52 a.m.

Respected Dr. Chinmay Pandya Calls on Ho...

During Mumbai pravas, Respected Dr Chinmay Pandya, representative of Gayatri Pariwar, paid a courtesy visit to Hon’ble Shri Eknath Shinde Ji, Deputy Chief Minister of Maharashtra, at his residence and respectfully extended an invitation for the Birth Centenary Celebrations of Akhand Jyoti and Vandan...

Dec. 29, 2025, 4:20 p.m.

परमवंदनीया माताजी जन्मशताब्दी–2026 संदेश...

परमवंदनीया माताजी की जन्मशताब्दी एवं दिव्य अखण्ड दीपक शताब्दी (2026) के संदेश को लेकर अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रतिनिधि आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी मुंबई प्रवास के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित अतिथियों से भेंट कर जन्म-शताब्दी वर्ष–2026 के राष्ट्रीय–आध्यात्मिक आयोजनों हेतु आमंत्रण प्रदा...

Dec. 29, 2025, 2:16 p.m.

मुंबई से नारी सशक्तीकरण का नवयुगीन शंखना...

परम वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा जी की जन्मशताब्दी एवं अखंड ज्योति के अवतरण के 100 वर्ष (जन्मशताब्दी-2026) के पावन उपलक्ष्य में अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा “नारी शक्ति: नवयुग जननी” विषयक एक प्रेरक और विचारोत्तेजक कार्यक्रम का आयोजन 28 दिसंबर 2025 को महाकवि कालिदास नाट्य मंदिर, मुलुंड (मुंबई) म...

Dec. 29, 2025, 10:51 a.m.

मुंबई एयरपोर्ट आगमन, स्वागत एवं भेंट...

अखण्ड ज्योति एवं वंदनीया माताजी के जन्मशताब्दी समारोह की चल रही तैयारियों के मध्य राजस्थान के सफल एवं प्रेरक प्रवास के पश्चात गायत्री परिवार प्रतिनिधि आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी मुंबई पहुँचे। मुंबई एयरपोर्ट पर उनके आगमन पर स्थानीय परिजनों द्वारा स्वागत-अभिनंदन व परिवारजनों से स्नेहपूर्ण भेंट एवं सं...

Dec. 29, 2025, 10:36 a.m.

गायत्री परिवार शक्तिपीठ वाटिका में आगमन,...

राजस्थान प्रवास के अगले चरण में आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने 27 दिसंबर 2025 को गायत्री परिवार शक्तिपीठ वाटिका पहुँचकर माँ गायत्री पूजन-अर्चन किया। इस अवसर पर उन्होंने वाटिका परिसर का अवलोकन करते हुए वहाँ निहित ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक स्मृतियों को नमन किया। इस अवसर पर उन्होंने *मां भगवती जन्म शताब्...

Dec. 29, 2025, 10:24 a.m.

108 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्...

राजस्थान प्रवास के अगले चरण में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रतिनिधि आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी 27 दिसंबर को सेपटपुरा, धवली पहुंचे और उन्होंने 108 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति के अवसर पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को संबोधित किया। अपने उद्बोधन में डॉ. पंड्या जी ने कहा कि यह महायज...

Dec. 29, 2025, 10:07 a.m.

हरिद्वार: वैरागी द्वीप में जन्मशताब्दी स...

हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार के वैरागी द्वीप में आगामी जनवरी माह में आयोजित होने वाले भव्य जन्मशताब्दी समारोह को लेकर तैयारियाँ युद्धस्तर पर चल रही हैं। यह ऐतिहासिक एवं प्रेरणादायी आयोजन न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसी को ध्यान...

Dec. 29, 2025, 12:57 a.m.

माता भगवती हर्बल वाटिका का लोकार्पण...

राजस्थान प्रवास के अगले चरण में 27 दिसंबर 2025 को नीमकाथाना में माता भगवती हर्बल वाटिका का पावन लोकार्पण संपन्न हुआ। इस अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रतिनिधि आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी की गरिमामयी उपस्थिति रही। लोकार्पण अवसर पर अपने भावपूर्ण वक्तव्य में आदरणीय डॉ. पंड्या जी ने कहा कि “ देश...

Dec. 27, 2025, 5:13 p.m.

गायत्री प्रज्ञापीठ एवं गायत्री शक्तिपीठ ...

राजस्थान प्रवास के अगले चरण में 27 दिसंबर 2025 को देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी राजस्थान स्थित गायत्री प्रज्ञापीठ, कांवट पहुँचे। उन्होंने सर्वप्रथम माँ गायत्री का विधिवत पूजन कर वहाँ उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह प्रज्ञापीठ...

Dec. 27, 2025, 4:45 p.m.

108 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्...

दो दिवसीय राजस्थान प्रवास के दूसरे चरण में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी 27 दिसंबर को नीमकाथाना में 108 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ में पहुंचे और इस पावन अवसर पर उन्होंने उपस्थित सभी श्रद्धालुओं पूज्य गुरुदेव का संदेश दिया। अपने उद्बोधन में डॉ. पंड्य...

Dec. 27, 2025, 2:15 p.m.
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First Meeting With Guru

At the age of 15- Self-realization on Basant Panchanmi Parva 1926 at Anwalkheda (Agra, UP, India), with darshan and guidance from Swami Sarveshwaranandaji.

Akhand Deep

More than 2400 crore Gayatri Mantra have been chanted so far in its presence. Just by taking a glimpse of this eternal flame, people receive divine inspirations and inner strength.

Akhand Jyoti Magazine

It was started in 1938 by Pt. Shriram Sharma Acharya. The main objective of the magazine is to promote scientific spirituality and the religion of 21st century, that is, scientific religion.

Gayatri Mantra

The effect of sincere and steadfast Gayatri Sadhana is swift and miraculous in purifying, harmonizing and steadying the mind and thus establishing unshakable inner peace and a sense of joy filled calm even in the face of grave trials and tribulations in the outer life of the Sadhak.

डॉ. शंकर दयाल शर्मा (पूर्व राष्ट्रपति)

आचार्य जी ने सिद्धांत और साधना को आधुनिक युग के अनुकूल तर्क व शब्द देकर सामाजिक परिवर्तन का जो मार्ग दिखाया है, उसके लिए आने वाली पीढ़ियाँ युगों-युगों तक कृतज्ञ रहेंगी।