
धर्म प्रेमियों के सत्प्रयत्न
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बिलारी (मुरादाबाद) में अगहन शु. तृतीया को श्री विनोद कुमार गौड़ के यहाँ 2500 आहुतियों का यज्ञ स्वामी ब्रह्मस्वरूप जी ने सम्पन्न कराया। इसमें तीनों शाखाओं के सदस्य सम्मिलित हुए थे। हकीम जानकी प्रसाद जी का भाषण तथा राजकुमार जी गुप्ता के भजन बड़े सुन्दर हुए। ब्रह्मभोज भी हुआ। रात्रि के समय श्री रामदेवी गौड़ ने महिलाओं का संगीत और गायत्री चालीसा के पाठ कराये। पंचमी को पं. रघुनन्दन प्रसाद जी आसफपुर वालों ने अजुध्या सुगर मिल में एक सामूहिक यज्ञ कराया।
-इच्छापूर्ण गौड़
आवर (झालावाड़) में श्री सीताराम जी भाव सार, शंकरलालजी स्वर्णकार तथा लक्ष्मीनारायण जी, फूलचन्दजी अध्या तथा कन्हैयालालजी वैद्य के यहाँ सामूहिक यज्ञ किये गये। दो हवन संस्था की तरफ से मन्दिर पर हुये। इस प्रकार दिसम्बर के महीने में सात बड़े-बड़े हवन किये गये। जिनमें सैकड़ों दर्शक भाग लेते रहे। जनता में गायत्री माता और यज्ञ भगवान की भक्ति बढ़ रही है।
-ब्रजमोहन ‘निम्बार्क’
सटई (छतरपुर) में गायत्री प्रचार बड़ी लगन और तत्परता से किया जा रहा है और मथुरा में आगामी वर्ष होने वाले गायत्री महायज्ञ के लिये हार्दिक प्रयत्न किया जा रहा है। एक बड़े यज्ञ की तैयारी की जा रही है, जिसमें अन्य अनेक शाखाओं के मन्त्रीगण भाग लेंगे। यहाँ अभी तक 28,800 मन्त्र लेखन हो चुका है।
-शिवप्रसाद पाठक, काशीराम राय
अर्रुआ खास (आगरा) में पं. हजारीलालजी के घर पर सामूहिक हवन किया गया। दूसरा हवन ला. धनीरामजी के घर 5 जनवरी को हुआ जिसमें 101 ब्राह्मणों को भोजन कराया गया।
-रामप्रसाद शर्मा
दिगौड़ा (टीकमगढ़) में गायत्री शाखा द्वारा जगह-जगह प्रचार किया गया। गायत्री चालीस व एक हजार कुण्डों के यज्ञ सम्बन्धी परिपत्र बाँटे गये। 25 दिसम्बर को शाखा सम्मेलन हुआ, जिसमें झाँसी से श्री गिरिजासहायजी खरे पधारे। शीघ्र ही यहाँ 27 नवीन शाखाएं स्थापित की जा रही हैं।
-बैजनाथप्रसाद सोनकिया
लखनऊ में 28 दिसम्बर को मनोहरलाल जी के यहाँ दो हजार आहुतियों का विशाल यज्ञ किया गया जिसमें बहु संख्यक गायत्री प्रेमियों ने भाग लिया। वहाँ स्त्री-सत्संग की भी एक रूपरेखा रखी गई और गायत्री चालीसा बाँटे गये। माताओं और बहिनों को गायत्री मन्त्र जपने की शिक्षा दी गई। बसन्त पंचमी पर 5 कुण्डों तथा 24 हजार आहुतियों का बड़ा यज्ञ किया गया।
-मदनमोहन शुक्ल
राघोगढ़ (जिला गुना) की तरफ से गावरी ग्राम में सामूहिक हवन किया गया और शाखा की स्थापना की गई जिसके मन्त्री जगन्नाथ जी शर्मा सर्वसम्मति से चुने गये।
-बाबूलाल शर्मा
ललितपुर (झाँसी ) में श्री बाबूलाल जी निगम के निवास स्थान पर 31 दिसम्बर को 600 आहुतियों का हवन सम्पन्न हुआ। गायत्री ज्ञान वार्ता हुई और प्रसाद बाँटा गया।
-नाथूराम वर्मा
साकरबाडी (अहमदनगर) में गायत्री परिवार के सब सदस्यों ने मिलकर 2400 आहुतियों को हवन किया।
-रतनशी दामोदर भाटिया
शाजापुर (मध्य प्रदेश) के गायत्री परिवार की प्रेरणा से प्रति रविवार को विभिन्न उपासकों के स्थानों पर गायत्री यज्ञ किया जा रहा है। पिछले दिनों श्री जुगलकिशोर जी वकील, सोनूरावजी आँवले, कैलाश प्रसाद जी श्रीवास्तव, श्री नन्दरामजी मंडलोई, सोमेश्वर जी एकाउन्टेंट, कृष्णादासजी कम्पौण्डर, हरिचन्द्र जी श्रीवास्तव, मदनलाल जी शर्मा, बाबूराब जी भौंसले, बाबूलालजी वर्मा, भेंरुलालजी तुगनावत के स्थानों पर सामूहिक यज्ञ किये गये। इनमें सब मिलाकर 12,942 आहुतियाँ दी गई।
-सी. जी. जोती, मन्त्री
बिजौली (फतेहपुर) में पौष कृ. 11 को गायत्री उपासकों ने श्री विद्याश्वर प्रसाद के स्थान पर एक विशाल गायत्री यज्ञ किया। यज्ञ कार्य पं. मन्नुलाल जी ने कराया। सभी सदस्यों ने अपनी प्रतिज्ञाओं को यज्ञ भगवान के सम्मुख दुहराया। तपोभूमि से आये परिपत्र बाँटे गये और उनके अनुसार धर्मफेरी का कार्यारम्भ किया गया है।
- रामसनेही वर्मा
जाँजगीर (बिलासपुर) में विश्व कल्याण निमित्त पौष सुदी पूर्णिमा को हवन तथा ब्रह्मभोज किया गया। यज्ञ के आचार्य पं. शिवशंकरप्रसाद का उत्साह सराहनीय था।
-रामऔतार तिवारी
मझोला (नैनीताल) में 22 दिसम्बर से नित्य अखण्ड यज्ञ हो रहा है। साथ ही विभिन्न सदस्यों के घरों पर अलग-2 सामूहिक हवन किये जा रहे हैं। उपासकों को मथुरा में होने वाले महायज्ञ का यजमान बनाने का प्रयत्न किया जा रहा है।
-लक्ष्मणसिंह मनराल
राँची में पौष की पूर्णमासी को एक हजार आहुतियों का सामूहिक हवन किया गया।
-छेदी भगत
काशीपुर (बदायूँ) में श्री उदयप्रकाश जी शास्त्री गुलफामसिंह जी यादव, चन्द्रपाल जी बंसल गायत्री प्रचार करने और महायज्ञ के लिए यजमान और होता बनाने में संलग्न हैं। श्री चमनलालजी सूरी और गायत्रीप्रसाद जी (पुसावली) भी पधारे थे उनकी अध्यक्षता में एक बड़ा गायत्री हवन किया गया।
-ओमप्रकाश मित्तल
सतना (म. प्र.) के रेलवे क्वार्टर्स में ता. 5 जनवरी को गायत्री यज्ञ और गोष्ठी का विशेष आयोजन सानन्द समाप्त हुआ। कुछ बाहरी शाखाओं के सदस्यों ने भी योग दिया। ब्रह्मास्त्र अनुष्ठान की पूर्णाहुति को सफल बनाने के लिए प्रयत्न करने का निश्चय किया गया।
-मन्त्री, गायत्री-परिवार
कुन्देरा (हमीरपुर) में गीता जयन्ती के अवसर पर विशेष हवन का आयोजन किया गया, जिसने 12 गांवों के उपासकों ने भाग लिया था। प्रसाद के साथ आचार्य जी का चित्र वितरण किया गया।
-मोहन लाल वैध
पुसावली (बदायूँ) में 29 दिसम्बर को महिलाओं के लिए विशेष हवन किया गया जिसमें 14 उपासिकाओं ने भाग लिया। यहाँ महायज्ञ के लिए 18 यजमान और होता बनाये जा चुके हैं। प्रचार कार्य खूब चल रहा है।
-गायत्रीप्रसाद गुप्ता
छोटी कसराबद (म.प्र.) में महायज्ञ के यजमान बनने वाले सदस्यों ने 5 माला नित्य की साधना प्रारम्भ कर दी है। परिवार के सभी साधकों में बड़ा उत्साह है।
-किशोरसिंह दसोंदी
गरोठ (मंदसौर) की शाखा ने नवम्बर व दिसम्बर 1957 में हर रविवार, पूर्णिमा और अमावस्या को हवन कराये जिनमें 8500 मन्त्रों की आहुतियाँ दी गई। शिवनारायण जी शर्मा उपमन्त्री ने 24 हजार का अनुष्ठान किया। हमारी शाखा की प्रेरणा से ता. 12 जनवरी को कछारिया गांव में श्री कन्हैया लाल धनोत्या के स्थान पर हवन किया गया और शाखा की स्थापना की गई।
-रामविलास चौधरी
सिकन्दराराऊ (अलीगढ़) की गायत्री शाखा के सदस्य श्री गयाप्रसाद जी आस-पास के गाँवों में धर्मफेरी का कार्य कर रहे हैं। उनके प्रयत्न से सूरतपुर गाँव में नवीन शाखा स्थापित की गई है, जिसके मन्त्री श्री गनेशीलाला लवानियाँ चुने गये।
-श्री राधेश्याम ‘आजाद’
कुर्रा (हमीरपुर) में पं. परमेश्वरी दयाल (व्रत धारी) के स्थान पर सामूहिक हवन किया गया। मथुरा के महायज्ञ के लिए सब सदस्यों को उत्साहित किया गया।
-भवानीदीन शर्मा