
जल के गहरे स्रोत (kahani)
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
का पर्यवेक्षण किया। उसने पैर से ठोक-ठोककर कई जगह जमीन जाँची और दस जगहों पर निशान लगवाये कि यहाँ पानी है, तद्नुसार नलकूप खोदे गये और सचमुच ही वहाँ जल के गहरे स्रोत निकले। इनमें से हर कुँआ अभी भी तीन हजार गैलन पानी हर घण्टे की गति से दे रहा है। इससे पूर्व इस पथरीले इलाके में इतना पानी मिलने की किसी इंजीनियर ने कल्पना भी नहीं की थी।
भौतिक उपलब्धियों के लिए भौतिक जगत में भौतिक साधनों की सहायता से पुरुषार्थ करने पर साँसारिक सम्पदाएँ उपलब्ध की जाती हैं। ठीक उसी प्रकार अति मानवी अतीन्द्रिय विभूतियों को प्राप्त करने के लिए यदि आत्मशोधन एवं आत्म-विकास का पुरुषार्थ योग एवं तप के आधार पर किया जाये तो उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ मिल सकती हैं जिनके लिए संसारी लोग बेतरह मरते-खपते रहते हैं।