• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • स्वच्छता एवं सुसंस्कारिता
    • महायज्ञ
    • तमाहुरग्रथं पुरुषं महान्तम
    • प्रभा मण्डल द्वारा पढ़ा जाएगा मनुष्य अब ?
    • सत्संकल्प की सुखद परिणति
    • कमजोर मन वाला (Kahani)
    • अध्यात्म और विज्ञान का मिलन किस स्तर पर हो?
    • Quotation
    • पर्यवेक्षण योग की साधना, ध्यान धारणा
    • Quotation
    • ईश्वर पासे फेंकने वाला बाजीगर नहीं है
    • गुरु ने एक गुप्त मंत्र दिया (Kahani)
    • प्राण ऊर्जा का संवर्धन, चेतना का उदात्तीकरण
    • कंधे पर धनुष बाण (Kahani)
    • आचरण शास्त्र का अनुपम ग्रन्थ-गीता
    • सतयुग का आगमन-कब और कैसे ?
    • राजा के न्याय (Kahani)
    • प्रतिकूलताओं की भट्ठी में तप कर निखरता है “व्यक्तित्व”
    • अपना निर्णय नहीं बदला (Kahani)
    • गणितीय नियमों से संचालित सृष्टा के क्रियाकलाप!
    • हिमक्षेत्र की रहस्यमयी दिव्य सम्पदाएँ
    • अधिकार के साथ कर्त्तव्य भी जुड़ा (Kahani)
    • भारतीय संस्कृति की गौरव गरिमा
    • मस्तिष्कीय चेतना के बहुमुखी आयाम
    • आत्मिक प्रगति का सर्वोपरि आधार श्रद्धा
    • Kahani
    • क्रूरता को जीतिये, स्नेहमय सद्भाव से
    • तपस्वी की साधना (Kahani)
    • यदेवेह तदमुत्र यदमुत्र तदन्विह
    • Quotation
    • तेजसाँ हि न वयः समीक्ष्यते
    • वर माँगने के लिए कहा (Kahani)
    • जन्म मरण का गतिचक्र
    • संगीत की जीवनदात्री सामर्थ्य
    • गंगा स्नान का पुण्यफल किसे ?
    • मनुष्येत्तर प्राणियों के बारे में भी सोचिए
    • भाग्य बताने पर दैवी रोक (Kahani)
    • तनाव मिटाइये-शिथिलीकरण द्वारा
    • अहिंसाधारी संत बन गया (Kahani)
    • अविज्ञात से डरकर पीछे न हटें वैज्ञानिक
    • बादशाह का अंगरक्षक (Kahani)
    • भय- एक काल्पनिक संकट
    • अंतिम अभूतपूर्व दीप यज्ञ श्रृंखला जिसने शिक्षित जन मानस को नवनिर्माण का संदेश दिया
    • अपनों से अपनी बातें आधी जन-शक्ति का पुनरुत्थान
    • व जागरण के अग्रदूत-दीपयज्ञ
    • सदाशयता का पक्षधर वातावरण बनाएँ
    • VigyapanSuchana
    • “मुक्ति-सन्देश”
    • मुक्ति-सन्देश (Kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • स्वच्छता एवं सुसंस्कारिता
    • महायज्ञ
    • तमाहुरग्रथं पुरुषं महान्तम
    • प्रभा मण्डल द्वारा पढ़ा जाएगा मनुष्य अब ?
    • सत्संकल्प की सुखद परिणति
    • कमजोर मन वाला (Kahani)
    • अध्यात्म और विज्ञान का मिलन किस स्तर पर हो?
    • Quotation
    • पर्यवेक्षण योग की साधना, ध्यान धारणा
    • Quotation
    • ईश्वर पासे फेंकने वाला बाजीगर नहीं है
    • गुरु ने एक गुप्त मंत्र दिया (Kahani)
    • प्राण ऊर्जा का संवर्धन, चेतना का उदात्तीकरण
    • कंधे पर धनुष बाण (Kahani)
    • आचरण शास्त्र का अनुपम ग्रन्थ-गीता
    • सतयुग का आगमन-कब और कैसे ?
    • राजा के न्याय (Kahani)
    • प्रतिकूलताओं की भट्ठी में तप कर निखरता है “व्यक्तित्व”
    • अपना निर्णय नहीं बदला (Kahani)
    • गणितीय नियमों से संचालित सृष्टा के क्रियाकलाप!
    • हिमक्षेत्र की रहस्यमयी दिव्य सम्पदाएँ
    • अधिकार के साथ कर्त्तव्य भी जुड़ा (Kahani)
    • भारतीय संस्कृति की गौरव गरिमा
    • मस्तिष्कीय चेतना के बहुमुखी आयाम
    • आत्मिक प्रगति का सर्वोपरि आधार श्रद्धा
    • Kahani
    • क्रूरता को जीतिये, स्नेहमय सद्भाव से
    • तपस्वी की साधना (Kahani)
    • यदेवेह तदमुत्र यदमुत्र तदन्विह
    • Quotation
    • तेजसाँ हि न वयः समीक्ष्यते
    • वर माँगने के लिए कहा (Kahani)
    • जन्म मरण का गतिचक्र
    • संगीत की जीवनदात्री सामर्थ्य
    • गंगा स्नान का पुण्यफल किसे ?
    • मनुष्येत्तर प्राणियों के बारे में भी सोचिए
    • भाग्य बताने पर दैवी रोक (Kahani)
    • तनाव मिटाइये-शिथिलीकरण द्वारा
    • अहिंसाधारी संत बन गया (Kahani)
    • अविज्ञात से डरकर पीछे न हटें वैज्ञानिक
    • बादशाह का अंगरक्षक (Kahani)
    • भय- एक काल्पनिक संकट
    • अंतिम अभूतपूर्व दीप यज्ञ श्रृंखला जिसने शिक्षित जन मानस को नवनिर्माण का संदेश दिया
    • अपनों से अपनी बातें आधी जन-शक्ति का पुनरुत्थान
    • व जागरण के अग्रदूत-दीपयज्ञ
    • सदाशयता का पक्षधर वातावरण बनाएँ
    • VigyapanSuchana
    • “मुक्ति-सन्देश”
    • मुक्ति-सन्देश (Kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1988 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


अविज्ञात से डरकर पीछे न हटें वैज्ञानिक

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 39 41 Last
अन्याय ग्रहों पर जीवन है, यह तथ्य पूर्णतः सत्य न होने पर भी ऐसे अनेकानेक घटनाक्रम यह सोचने पर मानवी अन्वेषण बुद्धि को विवश करते है कि यदि ऐसा है तो दूसरी और से मनुष्य से संपर्क साधने का प्रयास क्यों कर किया जाता है ? मात्र मनुष्य ही उनके संबंध में जानने को उत्सुक हो, यह बात नहीं। उड़नयानों का अचानक प्रकट होकर लुप्त हो जाना व ऐसी घटनाएँ संयोग की सीमा से परे होते रहना इस तथ्य का द्योतक है कि अन्य लोकों के वासी, यदि वे है, पृथ्वी वासियों के साथ मिल विनाश अथवा पृथ्वी पर कब्जा जमाना उनका लक्ष्य नहीं है।

अभी तक तो यही कहा जाता रहा है कि ये किम्वदंतियां मात्र हैं। किन्तु उड़न तश्तरियों के आवागमन के जो प्रमाण मिले है, वे ऐसे है कि झुठलाये नहीं जा सकते। सन् .... की गर्मी का एक प्रसंग है। अमेरिका के पश्चिमी तट पर साक्रामेण्टो के समीप मोटरबोद पर बैठे तट-रक्षक एच0ए0डुहल तथा फ्रेड॰ क्रैसवेल समुद्र की निगरानी कर रहें थे। अचानक उन्हें आकाश में दो हजार फीट की ऊँचाई पर गोल आकृति की प्रकाशमान छः वस्तुएँ दिखाई दी जो स्वचालित मशीन जैसी लग रहीं थी। एक मशीन मध्य में थीं जिसके चारों ओर अन्य पाँचों चक्कर लगा रहीं थीं। धारे-धीरे नीचे उतर कर छहों आकृतियाँ 500 फूट की ऊँचाई पर रुक गई। डुहल ने उनके फोटो लेने के लिए अपने कैमरे का स्विच दबाया ही था कि अचानक उनकी मोरटरबोट की टंकी विस्फोट के साथ फट गई। डर के मारे वे दोनों तुरँत छलाँग लगा कर पास की एक गुफा में घुस गये पर उनका सहायक कुत्ता बाहर ही रह गया और मारा गया। कुछ देर बाद बाहर निकलने पर उनने देखा कि एक तश्तरी नुमा मशीन के चमकीले टुकड़े तट पर बिखरे थे जो अभी भी गरम थे। नौका में लगे ट्राँसमीटर जाम हो गये थे। वैज्ञानिकों ने उक्त टापू पर फैले 20 टन धातु के टुकड़ों को एकत्र करके परीक्षण किया तो ज्ञात हुआ कि ये टुकड़े ... धातुओं के सम्मिश्रण से बने हैं। जिस पर कैल्शियम की मोटी चादर चढ़ी हैं। वैज्ञानिकों के लिए यह एक आश्चर्य ही बना रहा हैं कि इन धातुओं में से एक भी धातु पृथ्वी पर नहीं पाई जाती। वे इनके नाम तक बता पाने में असमर्थ रहें।

धरती पर उड़न तश्तरियों के आवागमन के अनेकों प्रमाण मौजूद है। एनिड ओकला होमा के पुलिस स्टेशन में ... जुलाई .... को सिड यूनैक नामक एक व्यक्ति ने प्रवेश किया। डर के मारे वह थर-थर काँप रहा था। पुलिस अधिकारी के उसने बताया कि एक उड़न तश्तरी उसका अपहरण करना चाहती थीं। वाइसा और वाकोमिस के मध्य .... हाइवे पर वह अपनी कार चला रहा था कि एक उड़नतश्तरी बड़े वेग से कार के ऊपर झपटी। इस झपट के कारण हवा का इतना तीव्र झोंका आया कि कार थपेड़ा खाकर सड़क से बाहर जा गिरी। उड़नतश्तरी थोड़ी देर तक कार से चिपकी रहीं फिर एकाएक आसमान में उड़ गई।

सन् .... में ही अगस्त माह की .... तारीख वाशिंगटन-अमेरिका के आकाश पर एक साथ .... उड़नतश्तरियां मँडरा रहीं थीं। अमेरिका रैडार सिस्टम ने भी इन अपरिचित यानों को अंकित किया था। अनेक वैज्ञानिकों एवं बुद्धि-जीवियों ने भी इसकी पुष्टि की थी। तरह .... अगस्त .... को ब्लैकहाक, साउथ डैकोटा में वायुयान चालकों ने रात्रि में आकाश से अपनी ओर आते हुए चमकदार अद्भुत वस्तुएँ देखीं। वे उनके यान से दोगुनी गति से उड़ रहीं थी। वायुसेना के अड्डे पर स्थित रैडार ने इन उड़नतश्तरियों को देखा। पीछा करने पर वे आकाश में कहीं अदृश्य हो गई।

.... में पश्चिमी जर्मनी के ऊपर अनेक तश्तरीनुमा प्रकाशवान वस्तुएँ देखी गई। इनमें से कुछ के वहाँ धरती पर उतरने के भी प्रमाण मिले हैं। जर्मन अंतरिक्ष विशेषज्ञों ने परखने पर पाया कि ये उड़न तश्तरियाँ बाह्य अंतरिक्ष के किसी अन्य ग्रह से आती हैं। इनके चालक हमसे अधिक बुद्धिमान एवं उन्नतिशील हैं। जर्मनी के मेयोट हेरलिंक ने अपनी आँखों देखे विवरण में बताया हैं कि दिन के प्रकाश में एक तश्तरीनुमा चमकीला यान धरती पर उतरा जिसमें लगभग साढ़े तीन फिट लम्बा ठिगना एक व्यक्ति चमकीले सूट पहने और सिर पर पारदर्शी हेल्मेट लगाये बैठा था। उसकी पोशाक से नीली रोशनी निकल रहीं थी। कुछ मिनटों बाद वह व्यक्ति अपना यान लेकर उड़ गया।

इसी तरह .... अगस्त .... को पेरिस से कोई 50 मील दूर वरनान नगर में पुलिस स्टेशन पर कितने ही व्यक्तियों ने, जिनमें सेना का एक इंजीनियर, दो सिपाही तीन महिलाएं एवं वर्नाड माहसरे आदि सबने एक ही प्रकार की रिपोर्ट लिखाई। सभी भिन्न स्थानों पर थे किन्तु एक ही वस्तु को सबने एक स्थान पर एक जैसा देखा। रात्रि के अंधेरे में बारह बजे के लगभग शहर से डेढ़ फलाँग दूर 100 गज लम्बी कोई वस्तु आकाश में लटक रहीं थी। उसमें से हरा प्रकाश फूट रहा था। उसके पेंदे से एक तश्तरीनुमा कोई वस्तु निकली और नदी की ओर गई। अन्य लोगों ने देखा कि वह बेलनाकार ट्यूब में प्रवेश करने के पश्चात् यान सहित आकाश में ऊपर चली गई। इस रहस्यमय यान की खोज वैज्ञानिक अभी तक नहीं कर पाये हैं।

... नवम्बर ... को रात्रि के 1 बजे थे कि ओटावा के वास्काटाँग झील के पास एक उड़न तश्तरी देखी गई जिसकी उपस्थिति के कारण रेडियो की शार्ट एवं मीडियम वेव फ्रीक्वेंसी ने काम बंद कर दिया था। एक इलेक्ट्रोनिक इंजीनियर ने अपने रिसीवर के पुनः चालू करने के अनेक प्रयत्न किये पर तीव्र किट-किट की आवाज के अतिरिक्त कुछ न सुनाई पड़ा वह आवाज उड़न तश्तरी के माध्यम से किसी अन्य लोक के नियंत्रण केन्द्र का संकेत थी या और कुछ, इसकी कोई भी जानकारी प्राप्त नहीं की जा सकी।

एरियल फेनामिना रिसर्च आर्गनाइजेशन के डायरेक्टर श्री कोरल लारेन्जन के कथानुसार .... अगस्त .... को डबरलैण्डिया के पाव हाउस की चार स्वसंचालित चाबियाँ अचानक खुल गई और पूरे शहर की विद्युत सप्लाई बंद हो गई। निरीक्षण करने पर पावर हाउस अथवा लाइनों में कोई खराबी नहीं मिली। गहराई से छानबीन करने पर ज्ञात हुआ कि एक विचित्र चमकदार उड़न तश्तरी उसके ऊपर चक्कर काट रहीं थीं जिससे विद्युत प्रवाह बंद हो गया था। उसके वहाँ रहने तक बिजली चालू करने के सभी प्रयत्न विफल हो गये थे किन्तु जैसे ही वह गायब हुई, विद्युत लाइनों में फिर से दौड़ने लगी और सब कुछ पहले जैसा हो गया।

ऐसे घटनाक्रम भारत में भी घटे हैं। जन-संचार माध्यमों की कमी एवं अज्ञानतावश सभी प्रकाश में न आ पाए हों, यह संभव हैं। लगभग बारह वर्ष पूर्व एक ऐसा ही चुम्बकीय तूफान दिल्ली में आया था जिसमें सड़क पर चलते वाहन मकान की छतों पर पहुँच गए। हाई टेंशन लाइन में भीमकाय स्तम्भ मुड़तुड़ कर जमीन पर आ गिरें। वैज्ञानिकों ने प्रत्यक्षदर्शियों से चर्चा करने पर पाया कि सभी ने सिगारनुमा एक चमकीला वाहन आकाश में तेजी से जाता उसी अवधि में देखा था। जिन स्थानों पर यह घटना घटी थी, वहाँ अतिसघन परिणाम में रेडियोधर्मिता पायी गयी। भौतिकीविदों का यह भी निष्कर्ष था कि यह अन्य ग्रहों से आया कोई यान ही था जो तूफान का कारण बन गया।

अमरीकी कमाण्डर मैक्लाफलिन ने अपने खोज निष्कर्ष में कहा हैं कि उड़न तश्तरियाँ निश्चय ही किसी अन्य ग्रहों से प्रेषित की जाती हैं जहाँ के निवासी हमसे कहीं अधिक बुद्धिमान हैं। उनके अंतरिक्ष यान का औसत आकार .... फीट चौड़ा, .... फीट लम्बा होता है। .... मील प्रति घंटे की तीव्र गति से दो लाख फिट की ऊँचाई तक उन्हें उड़ते देखा गया हैं। कितने ही बार इन्हें झपट्टा मार कर भी उड़ते देखा गया हैं। सन् .... में केप कैनेडी अंतरिक्ष केन्द्र पर उड़न तश्तरी ने इसी प्रकार झपट्टा मारा। .... जून .... को कैलीफोर्निया हवाई अड्डे पर उड़ते एक लड़ाकू विमान का उसने पीछा किया। आस्ट्रेलिया तथा लिस्वन की वेधशाला ने भी इनके आक्रमण नोट किये हैं।

विश्व के अनेक मूर्धन्य वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, रक्षा-विशेषज्ञों, अंतरिक्ष वैज्ञानिकों आदि ने इस तरह के विभिन्न स्वरूपों और आकारों वाले अद्भुत यानों को देखा हैं। अपना अभिमत प्रकट करते हुए उन्होंने कहा हैं कि ये अंतरिक्षवासी हमसे संपर्क बनाने के लिए ही यहाँ आत-जाते रहते हैं। प्रायः देखा गया है कि ये उड़न तश्तरियाँ रक्षा संस्थानों, संचार केन्द्रों, औद्योगिक इकाइयों के इर्द−गिर्द मँडराती हैं और कहीं-कहीं उतरती भी हैं। इससे स्पष्ट होता हैं कि ये पृथ्वी का सर्वेक्षण करती हैं और यहाँ की प्रगति का रहस्य जानना चाहती हैं।

साँताआना, कैलीफोर्निया में .... अगस्त .... को एक उड़न तश्तरी देखी गई। रोड इन्सपेक्टर रेक्स हैफ्लिन के अनुसार वह बाँई ओर से आकर सड़क पर देर तक इस तरह चक्कर लगाती रही, मानो किसी वस्तु को ढूंढ़ रहीं हो। इसके बाद दांये ओर मुड़कर खेतों का चक्कर लगाने लगी। इसी मध्य रेक्स ने उसकी फोटो खींच ली जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित भी हो चुकी है।

.... अगस्त .... को नार्थ डेकोटा में एक वायु सेना अधिकारी को रेडियो तरंगों द्वारा स्टेशन भेजने में अचानक बाधा का सामना करना पड़ा। खोजबीन करने पर पता चला कि इसी समय गहरे लाल रंग का प्रकाश बिखेरती कोई तश्तरीनुमा वस्तु ऊपर-नीचे उड़ रही थी, जिसकी सूचना रैडार ने भी दी थी। थोड़ी देर बाद वह दक्षिण की ओर चली गई और कोई 25 मील दूरी पर पृथ्वी पर उतर गई। जब उस स्थान पर वायु सेना का एक खोजी दल पहुँचा तो ज्ञात हुआ कि आठ मिनट पहले ही वह वहाँ से गायब हो चुकी थी। इसी बीच दूसरी तश्तरी उत्तर की ओर दिखाई दी। उसे भी रैडार ने देखा, पर जब तक खोजी दस्ता उधर दौड़े वह आँखों से ओझल हो गयी।

इसी तरह कनाडा के समुद्री तट पर तटरक्षकों के अतिरिक्त शकाहार्बर के सैकड़ों निवासियों ने ... अक्टूबर ... की शाम को आकाश में कोई चमकदार उड़ती हुई वस्तुतः देखी। देखते-देखते ही वह समुद्र में जाकर विलीन हो गई। पुलिस कर्मचारी 20 मिनट के अंदर ही उस स्थान पर पहुँच गये परन्तु वे समुद्र के एक स्थान से मात्र पीला झाग निकलता ही देख सके। उड़न तश्तरी का कहीं कोई पता नहीं चला।

अमेरिका के मूर्धन्य रेडियो खगोलवेत्ता प्रो0 कोनाल्ड ब्रेसवेल का कहना है कि उड़न तश्तरियाँ किसी विकसित सभ्यता वाले ग्रह से सूचना यान के रूप में आती है। संभव है वे यहाँ की स्थिति की जानकारी अपने उद्गम स्थान को रेडियो संदेशों एवं टेलीविजन चित्रों के रूप में संप्रेषित करती हों।

एक विचित्र संयोग यह हैं कि उड़न तश्तरियों की खोज करने वाले वैज्ञानिकों में से प्रायः सभी की तारीख 25 को मृत्यु होती हैं। एडवर्ड, क्वीथम, आर्थर, रिचर्ड, फ्रेंच सकली, पियेंजी सभी इस विषय के शोधकर्ता थे। प्रत्यक्षदर्शी विलियम आँखों देखा वर्णन छापने ही वाले थे कि उनका हार्टफेल हो गया। डा0 टैमेण्ड ने कुछ विवरण छापे थे कि वे अचानक लुप्त हो गये, कुछ पता न चला कि वे कहाँ गये ?

कुछ भी हो, ये सभी घटनाक्रम रहस्यों के घेरे में तब तक बने रहेंगे।, जब तक सत्य का उद्घाटन नहीं होता। विज्ञान का प्रथम पाठ यह है कि जब तक खण्ड कर सकने योग्य समुचित प्रमाण ने मिलें, किसी तथ्य को नकारना नहीं चाहिए। ऐसा न कर अपनी ही बात कहने वाले दुराग्रही-पक्षपाती-हठधर्मी ही कहें जायेंगे। फिर उनमें व पुरातन मान्यताओं की दुहाई देने वाले शास्त्रार्थियों में अंतर ही क्या रहा ? विवेकशीलता का तकाजा है कि हम पूर्वाग्रहों से ग्रसित न होकर सत्य की शोध निरन्तर करते रहें। अन्तर्ग्रही आवागमन की घटनाएँ भी उस अविज्ञात की परिधि में आती हैं, जिसे अभी जाना नहीं जा सका हैं। पर इसका यह मतलब तो नहीं कि उनका अस्तित्व हीं नहीं हैं।

First 39 41 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • स्वच्छता एवं सुसंस्कारिता
  • महायज्ञ
  • तमाहुरग्रथं पुरुषं महान्तम
  • प्रभा मण्डल द्वारा पढ़ा जाएगा मनुष्य अब ?
  • सत्संकल्प की सुखद परिणति
  • कमजोर मन वाला (Kahani)
  • अध्यात्म और विज्ञान का मिलन किस स्तर पर हो?
  • Quotation
  • पर्यवेक्षण योग की साधना, ध्यान धारणा
  • Quotation
  • ईश्वर पासे फेंकने वाला बाजीगर नहीं है
  • गुरु ने एक गुप्त मंत्र दिया (Kahani)
  • प्राण ऊर्जा का संवर्धन, चेतना का उदात्तीकरण
  • कंधे पर धनुष बाण (Kahani)
  • आचरण शास्त्र का अनुपम ग्रन्थ-गीता
  • सतयुग का आगमन-कब और कैसे ?
  • राजा के न्याय (Kahani)
  • प्रतिकूलताओं की भट्ठी में तप कर निखरता है “व्यक्तित्व”
  • अपना निर्णय नहीं बदला (Kahani)
  • गणितीय नियमों से संचालित सृष्टा के क्रियाकलाप!
  • हिमक्षेत्र की रहस्यमयी दिव्य सम्पदाएँ
  • अधिकार के साथ कर्त्तव्य भी जुड़ा (Kahani)
  • भारतीय संस्कृति की गौरव गरिमा
  • मस्तिष्कीय चेतना के बहुमुखी आयाम
  • आत्मिक प्रगति का सर्वोपरि आधार श्रद्धा
  • Kahani
  • क्रूरता को जीतिये, स्नेहमय सद्भाव से
  • तपस्वी की साधना (Kahani)
  • यदेवेह तदमुत्र यदमुत्र तदन्विह
  • Quotation
  • तेजसाँ हि न वयः समीक्ष्यते
  • वर माँगने के लिए कहा (Kahani)
  • जन्म मरण का गतिचक्र
  • संगीत की जीवनदात्री सामर्थ्य
  • गंगा स्नान का पुण्यफल किसे ?
  • मनुष्येत्तर प्राणियों के बारे में भी सोचिए
  • भाग्य बताने पर दैवी रोक (Kahani)
  • तनाव मिटाइये-शिथिलीकरण द्वारा
  • अहिंसाधारी संत बन गया (Kahani)
  • अविज्ञात से डरकर पीछे न हटें वैज्ञानिक
  • बादशाह का अंगरक्षक (Kahani)
  • भय- एक काल्पनिक संकट
  • अंतिम अभूतपूर्व दीप यज्ञ श्रृंखला जिसने शिक्षित जन मानस को नवनिर्माण का संदेश दिया
  • अपनों से अपनी बातें आधी जन-शक्ति का पुनरुत्थान
  • व जागरण के अग्रदूत-दीपयज्ञ
  • सदाशयता का पक्षधर वातावरण बनाएँ
  • VigyapanSuchana
  • “मुक्ति-सन्देश”
  • मुक्ति-सन्देश (Kavita)
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj