• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • नर से नारायण बनने का परम पुरुषार्थ
    • जीवन-यात्रा कैसे सुव्यवस्थित बने?
    • अब यह समन्वय अपरिहार्य है
    • परिष्कृत ‘प्राण’ के चमत्कारी सत्परिणाम
    • अमृत पुत्र
    • गुणसूत्रों में परिष्कार से संस्कार संवर्धन तक
    • श्रेष्ठता की संसिद्धिं
    • भगवान बुद्ध (Kahani)
    • आत्मसाक्षात्कार कराने वाला अद्भुत अध्यात्म उपचार
    • गायत्री महाशक्ति रूपी ब्रह्मास्त्र
    • सच्चे और आत्मीय मित्र श्रेष्ठतम संपत्ति
    • आत्मबल ही सर्वोपरि
    • शक्ति साधना ही हम सबका लक्ष्य हो
    • लोक शिक्षक को सौ फीसदी आदर्श पालन करना चाहिये(Kahani)
    • सम्भवामि युगे-युगे
    • Quotation
    • ‘ओजस्’ के संवर्धन का राजमार्ग
    • सिद्धान्त और व्यवहार के बीच का अन्तर (Kahani)
    • वाणी का तप है मौन
    • पुरस्कार (Kahani)
    • अवरोध-विरोध व्यक्ति को और प्रखर बनाते हैं
    • वार्धक्य को सुखमय बनायें
    • परम पूज्य गुरुदेव की पाँच स्थापनाएँ - प्रथम शक्ति-केन्द्र आँवलखेड़ा
    • भ्रम जंजाल (Kahani)
    • क्या गुडाकेश बनना चाहिए?
    • आदिकालीन ऋषि परम्परा व उसकी पुनरावृत्ति
    • प्रार्थना में भावना प्रधान है औपचारिकता नहीं (Kahani)
    • पाँच प्राण-पंचकोश पाँच देवता - परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी
    • विशेष संदर्भ गायत्री जयन्ती महाप्रयाण दिवस - हिमालय जैसी विराट सत्ता के चरणों में श्रद्धा-सुमन
    • अपनों से अपनी बात- - पुनर्गठन की इस वेला में आइए, हम सभी आत्मचिंतन करें
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • नर से नारायण बनने का परम पुरुषार्थ
    • जीवन-यात्रा कैसे सुव्यवस्थित बने?
    • अब यह समन्वय अपरिहार्य है
    • परिष्कृत ‘प्राण’ के चमत्कारी सत्परिणाम
    • अमृत पुत्र
    • गुणसूत्रों में परिष्कार से संस्कार संवर्धन तक
    • श्रेष्ठता की संसिद्धिं
    • भगवान बुद्ध (Kahani)
    • आत्मसाक्षात्कार कराने वाला अद्भुत अध्यात्म उपचार
    • गायत्री महाशक्ति रूपी ब्रह्मास्त्र
    • सच्चे और आत्मीय मित्र श्रेष्ठतम संपत्ति
    • आत्मबल ही सर्वोपरि
    • शक्ति साधना ही हम सबका लक्ष्य हो
    • लोक शिक्षक को सौ फीसदी आदर्श पालन करना चाहिये(Kahani)
    • सम्भवामि युगे-युगे
    • Quotation
    • ‘ओजस्’ के संवर्धन का राजमार्ग
    • सिद्धान्त और व्यवहार के बीच का अन्तर (Kahani)
    • वाणी का तप है मौन
    • पुरस्कार (Kahani)
    • अवरोध-विरोध व्यक्ति को और प्रखर बनाते हैं
    • वार्धक्य को सुखमय बनायें
    • परम पूज्य गुरुदेव की पाँच स्थापनाएँ - प्रथम शक्ति-केन्द्र आँवलखेड़ा
    • भ्रम जंजाल (Kahani)
    • क्या गुडाकेश बनना चाहिए?
    • आदिकालीन ऋषि परम्परा व उसकी पुनरावृत्ति
    • प्रार्थना में भावना प्रधान है औपचारिकता नहीं (Kahani)
    • पाँच प्राण-पंचकोश पाँच देवता - परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी
    • विशेष संदर्भ गायत्री जयन्ती महाप्रयाण दिवस - हिमालय जैसी विराट सत्ता के चरणों में श्रद्धा-सुमन
    • अपनों से अपनी बात- - पुनर्गठन की इस वेला में आइए, हम सभी आत्मचिंतन करें
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1995 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


भगवान बुद्ध (Kahani)

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 7 9 Last
भगवान बुद्ध अब्बाली गाँव का लक्ष्य बनाकर पदयात्रा पर निकले। लक्ष्य एक दरिद्र किन्तु कर्मठ किसान को धर्मोपदेश करना था। उसकी पात्रता का आभास तथागत को मिल चुका था।

किसान ने भगवान के आगमन पर अपना सौभाग्य सराहा। तथागत का उपदेश उनके श्रीमुख से सुनने को उसने चिर आकांक्षा भी सँजो रखी था।

दुर्भाग्य ने काम किया। किसान का बैल खो गया। सोचने लगा, बैल ढूँढ़े या उपदेश सुने?

निश्चय बैल ढूँढ़ने का हुआ। सो वह सत्संग का मोह छोड़कर ढूँढ़ने निकल पड़ा। एक दिन रात भटकने के उपरान्त बैल मिला। लौटकर घर आने तक भगवान उसकी प्रतीक्षा ही करते रहे।

लौटा तो बेतरह थका-माँदा भूख प्यास से पैर लड़खड़ा रहे थे। सूखे मुँह से शब्द भी ठीक से नहीं निकल रहे थे।

तथागत ने मण्डली को निर्देश दिया इसके लिए तुरन्त भोजन का प्रबन्ध करो।

पेट भरने पर किसान शान्त चित्त से बैठा और ध्यान लगाकर उपदेश सुनता रहा।

लौटते समय मार्ग में शिष्यों ने भगवान से ऐसे आ श्रद्धालु के यहाँ जाने का कारण पूछा। वे गम्भीर रहे। बोले तीस योजन की कठिन यात्रा करके मैं जिस जिज्ञासु के यहाँ पहुँचा था वह लोक धर्म और उपदेश श्रवण में से किस की प्रधानता है इसे जानता था। ऐसी सूक्ष्मदर्शी विवेकशीलता ही मुझे उसके घर चलने के लिए घसीट लाई थी।

लौटते समय मार्ग में शिष्यों ने भगवान से ऐसे अश्रद्धालु के यहाँ जाने का कारण पूछा। वे गम्भीर रहे। बोले तीस योजन की कठिन यात्रा करके मैं जिस जिज्ञासु के यहाँ पहुँचा था वह लोक धर्म और उपदेश श्रवण में से किस की प्रधानता है इसे जानता था। ऐसी सूक्ष्मदर्शी विवेकशीलता ही मुझे उसके घर चलने के लिए घसीट लाई थी।

First 7 9 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • नर से नारायण बनने का परम पुरुषार्थ
  • जीवन-यात्रा कैसे सुव्यवस्थित बने?
  • अब यह समन्वय अपरिहार्य है
  • परिष्कृत ‘प्राण’ के चमत्कारी सत्परिणाम
  • अमृत पुत्र
  • गुणसूत्रों में परिष्कार से संस्कार संवर्धन तक
  • श्रेष्ठता की संसिद्धिं
  • भगवान बुद्ध (Kahani)
  • आत्मसाक्षात्कार कराने वाला अद्भुत अध्यात्म उपचार
  • गायत्री महाशक्ति रूपी ब्रह्मास्त्र
  • सच्चे और आत्मीय मित्र श्रेष्ठतम संपत्ति
  • आत्मबल ही सर्वोपरि
  • शक्ति साधना ही हम सबका लक्ष्य हो
  • लोक शिक्षक को सौ फीसदी आदर्श पालन करना चाहिये(Kahani)
  • सम्भवामि युगे-युगे
  • Quotation
  • ‘ओजस्’ के संवर्धन का राजमार्ग
  • सिद्धान्त और व्यवहार के बीच का अन्तर (Kahani)
  • वाणी का तप है मौन
  • पुरस्कार (Kahani)
  • अवरोध-विरोध व्यक्ति को और प्रखर बनाते हैं
  • वार्धक्य को सुखमय बनायें
  • परम पूज्य गुरुदेव की पाँच स्थापनाएँ - प्रथम शक्ति-केन्द्र आँवलखेड़ा
  • भ्रम जंजाल (Kahani)
  • क्या गुडाकेश बनना चाहिए?
  • आदिकालीन ऋषि परम्परा व उसकी पुनरावृत्ति
  • प्रार्थना में भावना प्रधान है औपचारिकता नहीं (Kahani)
  • पाँच प्राण-पंचकोश पाँच देवता - परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी
  • विशेष संदर्भ गायत्री जयन्ती महाप्रयाण दिवस - हिमालय जैसी विराट सत्ता के चरणों में श्रद्धा-सुमन
  • अपनों से अपनी बात- - पुनर्गठन की इस वेला में आइए, हम सभी आत्मचिंतन करें
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj