श्री विजयपुरम में डॉ. चिन्मय पंड्या जी का प्रेरणादायी उद्बोधन — ‘मानवीय उत्कृष्टता’ के स्वर से गूंज उठा जनसमूह
श्री विजयपुरम, अण्डमान।
देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज, हरिद्वार के प्रतिनिधि आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने अपने अण्डमान प्रवास के प्रथम दिवस पर श्री विजयपुरम स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर ऑडिटोरियम में ‘मानवीय उत्कृष्टता’ विषय पर प्रभावशाली उद्बोधन दिया।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रबुद्ध वर्ग एवं नागरिक जनसमूह को संबोधित करते हुए डॉ. पंड्या जी ने कहा कि “मनुष्य जीवन सौभाग्य से प्राप्त हुआ है। हमें प्रतिकूलताओं को देखकर नहीं, बल्कि संभावनाओं को खोजकर जीवन को सार्थक बनाना चाहिए — यही युग ऋषि के अनुसार मानवीय उत्कृष्टता का मूल संदेश है।”
उन्होंने परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के क्रांतिकारी विचारों से श्रोताओं को अनुप्राणित किया और जीवन में मूल्यनिष्ठा, आत्मविकास तथा समाजसेवा की भावना को अपनाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर श्री विजयपुरम के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे, जिनमें श्री विष्णु पडरे जी (सांसद), श्री अनिल तिवारी जी, स्वामी शुद्धानंद जी (चिन्मय मिशन), स्वामी ओंकारानंद जी (रामकृष्ण मिशन) तथा श्री उदय कुमार जी (काउंसलर, पी.बी.एम.सी.) विशेष रूप से सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम का वातावरण आध्यात्मिकता, प्रेरणा और उत्साह से ओतप्रोत रहा, जिसने उपस्थित जनसमूह को मानवीय उत्थान के पथ पर अग्रसर होने का संकल्प दिया।
