गायत्री प्रज्ञापीठ एवं गायत्री शक्तिपीठ में आगमन, पूजन एवं श्रद्धालुओं से संवाद
राजस्थान प्रवास के अगले चरण में 27 दिसंबर 2025 को देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी राजस्थान स्थित गायत्री प्रज्ञापीठ, कांवट पहुँचे। उन्होंने सर्वप्रथम माँ गायत्री का विधिवत पूजन कर वहाँ उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह प्रज्ञापीठ आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहीं पर परम पूज्य गुरुदेव 28 दिसंबर 1980 को पधारे थे। गुरुदेव का यह आगमन इस स्थल को युग निर्माण चेतना का एक सशक्त केंद्र बनाता है। डॉ. पंड्या जी ने गुरुदेव के विचारों को स्मरण करते हुए कहा कि प्रज्ञापीठ केवल साधना का स्थल नहीं, बल्कि व्यक्ति के आंतरिक रूपांतरण और चरित्र निर्माण की प्रयोगशाला है।
इसके पश्चात आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी गायत्री शक्तिपीठ, नीमकाथाना पहुँचे। वहाँ उन्होंने माँ गायत्री का पूजन-अर्चन कर उपस्थित गायत्री परिजनों से आत्मीय भेंट की।
