• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • भटकन से उबरें, राजमार्ग पकड़े
    • महा साधक
    • उपासना करें तो इस तरह
    • भौतिकी व आत्मिकी का समन्वित पुरुषार्थ ही अभीष्ट
    • राष्ट्रमाता की सेवा (kahani)
    • सार्थक ब्राह्मणत्व
    • शरीर से नहीं आत्मा से (kahani)
    • जरूरतें घटें तो अभाव मिटें
    • दर्शन बदलता है, युग की परिस्थितियों को
    • व्यक्तित्व वजनदार (kahani)
    • जन्मा, एक और वाल्मीकि
    • यहाँ कुछ भी असंभव नहीं
    • विज्ञान, विकासवाद और भारतीय अध्यात्म
    • कैसे बदलेगा, आने वाला जमाना?
    • कृति विश्व को दे पाये (kahani)
    • तनाव रूपी महाव्याधि एवं उससे छुटकारा
    • अमीनिया के सर्वोच्च सेनापति (kahani)
    • यथा संस्कृति, तथा भाषा
    • सरल और निरहंकारी (kahani)
    • गुबरीले कीड़े नहीं, बाग की तितली बनें
    • दुनिया से विदा ली (kahani)
    • शाँति का राजमार्ग
    • विश्व शाँति रूपी स्वप्न (kahani)
    • सेवाधर्म ही, हर दृष्टि से नफे का उपक्रम
    • अंतरिक्ष के आर-पार (kahani)
    • उद्यम से ही होती है कार्यसिद्धि
    • निराश्रितों के पास पहुँचा (kahani)
    • दीप पुरुषाय नमः
    • VigyapanSuchana
    • काम लिप्सा की परिणति दुर्गति
    • अभिभावकों पर निर्भर क्यों (kahani)
    • सूर्य की रश्मियों से संभव है चिकित्सा
    • तुलना में अधिक स्वस्थ (kahani)
    • पतझड़ को वसंत में बदलने का महाकाल का संकल्प
    • आरोग्य से कितना बड़ा संबंध (kahani)
    • लालच बुरी बला
    • आप हमें गढ़ते रहें
    • आप हमें गढ़ते रहें (kavita)
    • कृपा बिखेरो पद्म बना दो
    • कृपा बिखेरो पद्म बना दो (kavita)
    • परम पूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी- - दुर्गति और सद्गति का कारण, हम स्वयं
    • विशेष धारावाहिक लेखमाला- - युगपुरुष पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा जी आचार्य
    • Quotation
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • भटकन से उबरें, राजमार्ग पकड़े
    • महा साधक
    • उपासना करें तो इस तरह
    • भौतिकी व आत्मिकी का समन्वित पुरुषार्थ ही अभीष्ट
    • राष्ट्रमाता की सेवा (kahani)
    • सार्थक ब्राह्मणत्व
    • शरीर से नहीं आत्मा से (kahani)
    • जरूरतें घटें तो अभाव मिटें
    • दर्शन बदलता है, युग की परिस्थितियों को
    • व्यक्तित्व वजनदार (kahani)
    • जन्मा, एक और वाल्मीकि
    • यहाँ कुछ भी असंभव नहीं
    • विज्ञान, विकासवाद और भारतीय अध्यात्म
    • कैसे बदलेगा, आने वाला जमाना?
    • कृति विश्व को दे पाये (kahani)
    • तनाव रूपी महाव्याधि एवं उससे छुटकारा
    • अमीनिया के सर्वोच्च सेनापति (kahani)
    • यथा संस्कृति, तथा भाषा
    • सरल और निरहंकारी (kahani)
    • गुबरीले कीड़े नहीं, बाग की तितली बनें
    • दुनिया से विदा ली (kahani)
    • शाँति का राजमार्ग
    • विश्व शाँति रूपी स्वप्न (kahani)
    • सेवाधर्म ही, हर दृष्टि से नफे का उपक्रम
    • अंतरिक्ष के आर-पार (kahani)
    • उद्यम से ही होती है कार्यसिद्धि
    • निराश्रितों के पास पहुँचा (kahani)
    • दीप पुरुषाय नमः
    • VigyapanSuchana
    • काम लिप्सा की परिणति दुर्गति
    • अभिभावकों पर निर्भर क्यों (kahani)
    • सूर्य की रश्मियों से संभव है चिकित्सा
    • तुलना में अधिक स्वस्थ (kahani)
    • पतझड़ को वसंत में बदलने का महाकाल का संकल्प
    • आरोग्य से कितना बड़ा संबंध (kahani)
    • लालच बुरी बला
    • आप हमें गढ़ते रहें
    • आप हमें गढ़ते रहें (kavita)
    • कृपा बिखेरो पद्म बना दो
    • कृपा बिखेरो पद्म बना दो (kavita)
    • परम पूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी- - दुर्गति और सद्गति का कारण, हम स्वयं
    • विशेष धारावाहिक लेखमाला- - युगपुरुष पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा जी आचार्य
    • Quotation
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1993 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


आप हमें गढ़ते रहें

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 36 38 Last
First 36 38 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • भटकन से उबरें, राजमार्ग पकड़े
  • महा साधक
  • उपासना करें तो इस तरह
  • भौतिकी व आत्मिकी का समन्वित पुरुषार्थ ही अभीष्ट
  • राष्ट्रमाता की सेवा (kahani)
  • सार्थक ब्राह्मणत्व
  • शरीर से नहीं आत्मा से (kahani)
  • जरूरतें घटें तो अभाव मिटें
  • दर्शन बदलता है, युग की परिस्थितियों को
  • व्यक्तित्व वजनदार (kahani)
  • जन्मा, एक और वाल्मीकि
  • यहाँ कुछ भी असंभव नहीं
  • विज्ञान, विकासवाद और भारतीय अध्यात्म
  • कैसे बदलेगा, आने वाला जमाना?
  • कृति विश्व को दे पाये (kahani)
  • तनाव रूपी महाव्याधि एवं उससे छुटकारा
  • अमीनिया के सर्वोच्च सेनापति (kahani)
  • यथा संस्कृति, तथा भाषा
  • सरल और निरहंकारी (kahani)
  • गुबरीले कीड़े नहीं, बाग की तितली बनें
  • दुनिया से विदा ली (kahani)
  • शाँति का राजमार्ग
  • विश्व शाँति रूपी स्वप्न (kahani)
  • सेवाधर्म ही, हर दृष्टि से नफे का उपक्रम
  • अंतरिक्ष के आर-पार (kahani)
  • उद्यम से ही होती है कार्यसिद्धि
  • निराश्रितों के पास पहुँचा (kahani)
  • दीप पुरुषाय नमः
  • VigyapanSuchana
  • काम लिप्सा की परिणति दुर्गति
  • अभिभावकों पर निर्भर क्यों (kahani)
  • सूर्य की रश्मियों से संभव है चिकित्सा
  • तुलना में अधिक स्वस्थ (kahani)
  • पतझड़ को वसंत में बदलने का महाकाल का संकल्प
  • आरोग्य से कितना बड़ा संबंध (kahani)
  • लालच बुरी बला
  • आप हमें गढ़ते रहें
  • आप हमें गढ़ते रहें (kavita)
  • कृपा बिखेरो पद्म बना दो
  • कृपा बिखेरो पद्म बना दो (kavita)
  • परम पूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी- - दुर्गति और सद्गति का कारण, हम स्वयं
  • विशेष धारावाहिक लेखमाला- - युगपुरुष पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा जी आचार्य
  • Quotation
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj