
जगन्नाथ मित्र की गंगा-साधना
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साथियो! जगन्नाथ मिश्र के मन में आया था कि हम अपनी माँ की गोदी में प्रवेश करते जाते हैं। दिव्यता की देवी, मातृत्व की देवी की गोदी में हम प्रवेश करते जाते हैं। वे ''गंगालहरी'' के बावन श्लोकों में से एक-एक श्लोक बोलते हुए एक-एक कदम बढ़ाते हुए गंगा जी में चले गए और उसी में प्रवाहित हो गए थे। स्वामी रामतीर्थ भी टिहरी में माँ गंगा की गोदी में लिपटने के लिए व्याकुल हो गए थे। उन्होंने किनारे पर अपने कपड़े रख दिए थे और ''माँ! तेरी गोदी में रहूँगा और तेरे तरीके से बहूँगा, तेरे तरीके से चलूँगा। तेरा उद्देश्य हिमालय से निकलकर बिना किसी की चिंता किए हुए अपनी शुद्धता और पवित्रता से असंख्यों का उत्कर्ष करते हुए समुद्र में समा जाना है। माँ! मैं भी तेरे साथ चलूँगा।'' रामतीर्थ जी गंगा जी में बह गए थे और जगन्नाथ मिश्र भी बह गए थे। उनका मन किन भावनाओं के साथ उछल रहा था! उन्होंने गाया—
''समृद्धं सौभाग्यं सकलवसुधायाः किमपि तन्, महेश्वर्यं लीलाजनितजगत: खण्डपरशो:।
श्रुतीनां सर्वस्वं सुकृतमथ मूर्त सुमनसां, सुधा सौन्दर्यं ते सलिलमशिवं न शमयतु।''
इस तरह गाते हुए जगन्नाथ मिश्र भावविभोर होकर माँ गंगा जी में चले गए। उनका उद्धार हुआ होगा? हाँ बेटे! मेरा विश्वास है कि जरूर हुआ होगा। गंगा जी के स्नान का जो फल मिलना चाहिए वह जरूर मिला होगा। उनकी आत्मा शुद्ध और पवित्र जरूर हो गई होगी। पानी की वजह से नहीं, वरन पानी के साथ-साथ उन्होंने जो अपने अंदर दिली भावनाओं का समावेश किया था, उसकी वजह से हुआ होगा। बेटे! पानी में कोई ताकत नहीं है। नहीं साहब! गंगाजल में शक्ति है। नहीं, कोई शक्ति नहीं है। गंगाजल और जमुना जल में क्या फरक पड़ता है—पानी-पानी सब एक से हैं।
''समृद्धं सौभाग्यं सकलवसुधायाः किमपि तन्, महेश्वर्यं लीलाजनितजगत: खण्डपरशो:।
श्रुतीनां सर्वस्वं सुकृतमथ मूर्त सुमनसां, सुधा सौन्दर्यं ते सलिलमशिवं न शमयतु।''
इस तरह गाते हुए जगन्नाथ मिश्र भावविभोर होकर माँ गंगा जी में चले गए। उनका उद्धार हुआ होगा? हाँ बेटे! मेरा विश्वास है कि जरूर हुआ होगा। गंगा जी के स्नान का जो फल मिलना चाहिए वह जरूर मिला होगा। उनकी आत्मा शुद्ध और पवित्र जरूर हो गई होगी। पानी की वजह से नहीं, वरन पानी के साथ-साथ उन्होंने जो अपने अंदर दिली भावनाओं का समावेश किया था, उसकी वजह से हुआ होगा। बेटे! पानी में कोई ताकत नहीं है। नहीं साहब! गंगाजल में शक्ति है। नहीं, कोई शक्ति नहीं है। गंगाजल और जमुना जल में क्या फरक पड़ता है—पानी-पानी सब एक से हैं।