छत्तीसगढ़ के 200 भाई-बहनों का शांतिकुंज आगमन, युग निर्माण के लिए लिए संकल्प
हरिद्वार |
अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज में आयोजित तीर्थ सेवन सत्र में छत्तीसगढ़ के कोंडागांव, नारायणपुर और कांकेर जिलों से आए लगभग 200 भाई-बहनों ने भाग लिया। इस दौरान सभी परिजनों को जीवन निर्माण, समाज निर्माण और युग निर्माण से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया गया।
शांतिकुंज प्रतिनिधियों ने बताया कि परम पूज्य गुरुदेव ने छत्तीसगढ़ को विशेष रूप से अपने हृदय के समीप माना था। परिजनों को संबोधित करते हुए कहा गया कि जब ये साधक अपने क्षेत्र में लौटकर मिशन की विचारधारा को आगे बढ़ाएंगे, तो घर-घर में चेतना का दीप जल उठेगा।
यह सत्र उस विशेष अवसर पर हुआ है जब गायत्री परिवार परम वंदनीया माताजी की जन्म शताब्दी और अखंड दीप के शताब्दी समारोह की तैयारी कर रहा है। प्रतिभागियों ने इसे अपने जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताया।
भाई-बहनों ने युग निर्माण के विभिन्न क्षेत्रों—जैसे नारी जागरण, पर्यावरण संरक्षण, बाल संस्कार, स्वच्छता अभियान, व्यसन मुक्ति एवं गायत्री साधना—में सक्रिय योगदान देने का संकल्प लिया।
