राजभवन परिसर में विराजमान हुए लोकमंगल के प्रतीक राजा भगीरथ – आदर्श तपस्या एवं संकल्प की दिव्य प्रतिमा का लोकार्पण
नवरात्रि के प्रथम दिन देहरादून स्थित राजभवन परिसर की भगीरथ वाटिका में महान राजा भगीरथ की प्रतिमा का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह जी (से नि), माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी तथा अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी समेत उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति आदरणीय श्री दिनेश चंद्र शास्त्री जी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ राजभवन परिसर स्थित राजराजेश्वर महाकाल मंदिर में विधि- विधान से पूजा-अर्चना के साथ हुआ। इस अवसर पर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि एवं मंगलमय जीवन की कामना की गयी।
राजा भगीरथ की यह 10 फीट ऊँची प्रतिमा 8 फीट ऊँचे ग्रेनाइट चबूतरे पर स्थापित की गई है। इसे इस प्रकार प्रतिष्ठित किया गया है कि प्रातःकाल की पहली सूर्यकिरण सीधे प्रतिमा को आलोकित करती है। राजा भागीरथ के एक हाथ में कमंडल है, जो पवित्रता एवं तपस्या का प्रतीक है, जबकि दूसरा हाथ आकाश की ओर उठा हुआ है, जो उनके अटल संकल्प एवं गंगा अवतरण के दिव्य प्रयास का द्योतक है।
पूज्य गुरुदेव के विचार तथा राजा भगीरथ की तपस्या एवं लोकमंगल की भावना आज भी हमें यही प्रेरणा देती है कि श्रद्धा और समर्पण से प्रत्येक आयोजन को जीवंत एवं दिव्य बनाया जा सकता है।
