मोहाली में प्रांतीय कार्यकर्ता सम्मेलन में आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी का प्रेरणादायक उद्बोधन
अपने दो दिवसीय प्रवास के अगले चरण में देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने मोहाली में आयोजित प्रांतीय कार्यकर्ता सम्मेलन में सहभागिता की।
इस अवसर पर आदरणीय डॉ. पंड्या जी ने “व्यक्ति के अंदर के अंधकार को कैसे करें दूर” विषय पर प्रेरणादायक उद्बोधन दिया।
उन्होंने कहा— “गंगा की भांति हमारा संदेश, हमारी संस्कृति, और हमारे विचार संपूर्ण मानवता के अधिकार हैं। भारतीय संस्कृति को जगाना शेष है, भारतीय अध्ययन को जगाना शेष है। जब यह ज्योति पुनः प्रज्वलित होगी, तभी विश्व का सच्चा कल्याण संभव होगा।”
उन्होंने इस दौरान पूज्य गुरुदेव की अनुपम कृति ‘हमारी वसीयत और विरासत’ के संदर्भ में भी चर्चा करते हुए बताया कि यह ग्रंथ युग परिवर्तन की दिशा में एक आध्यात्मिक घोषणापत्र के समान है। साथ ही, आदरणीय डॉ. पंड्या जी ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को अखंड दीपक के १०० वर्ष एवं परम वंदनीय माता जी की जन्म शताब्दी वर्ष २०२६ के आयोजन के प्रति जागरूक किया तथा उन्हें आह्वान किया कि वे इस अवसर को लोकमंगल एवं युग निर्माण के उत्सव के रूप में मनाएँ।
आदरणीय डॉ. पंड्या जी के प्रेरक उद्बोधन से सभी कार्यकर्ता गहराई से प्रभावित हुए और युगधर्म की साधना में पूर्ण समर्पण के साथ योगदान देने का संकल्प व्यक्त किया।
