अंडमान के उत्तर से दक्षिण तक गुरुदेव के विचारों का प्रसार — डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने आरंभ की युग चेतना यात्रा
युगऋषि परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के विचार, प्रेम और चेतना से अंडमान को अभिभूत करने के पवित्र उद्देश्य से आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी, प्रतिकुलपति, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, एवं प्रतिनिधि, अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज, हरिद्वार ने पूरे अंडमान के प्रमुख नगरों में जनसंपर्क हेतु एक विशेष यात्रा का शुभारंभ किया।
यह यात्रा दक्षिण अंडमान टापू के श्री विजयपुरम से प्रारंभ होकर अंडमान ट्रंक रोड के माध्यम से उत्तर अंडमान की ओर अग्रसर हुई। डॉ. पंड्या जी का काफ़िला जिरकाटाँग चेकपोस्ट पहुँचा, जो भारत की चुनिंदा संरक्षित जनजातियों — विशेषतः जरवा जनजाति — के संरक्षण क्षेत्र का प्रवेशद्वार है। सघन वर्षावनों से होकर गुजरती यह सड़क अंडमान की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विविधता का प्रतीक बनी।
यात्रा के क्रम में डॉ. पंड्या जी ने मिडल स्ट्रेट, बाराटांग, साउथ क्रीक कृष्ण मंदिर, साउथ क्रीक रिसॉर्ट, अंडाजिक और कदमतला पहुँचकर पूजा-अर्चना की तथा उपस्थित श्रद्धालुओं और परिजनों को शांतिकुंज, हरिद्वार के जन्मशताब्दी महोत्सव में आमंत्रित किया।
उन्होंने परिजनों को परम पूज्य गुरुदेव का साहित्य एवं देवस्थापना का चित्र प्रदान किया, जिससे वहाँ के वातावरण में आत्मीयता, श्रद्धा और नव चेतना का संचार हुआ।
