श्रद्धेया जीजी के जन्मदिन-गीता जयंती पर देश-विदेश के लाखों लोगों ने दी शुभकामनाए

यह दैवी अभियान सतत आगे बढ़ता ही रहेगा। -श्रद्धेया जीजी
गायत्रीतीर्थ शान्तिकुञ्ज में गीता जयंती-23 दिसम्बर के दिन अखिल विश्व गायत्री परिवार की प्रमुख स्नेहसलिला श्रद्धेया शैल जीजी का 71वाँ जन्मदिन अत्यंत उत्साह के साथ मनाया गया। गायत्री परिवार की महान परम्परा के अनुरूप आरंभ में दीपयज्ञ के साथ करूणामयी श्रद्धेया जीजी के यशस्वी दीर्घ जीवन की प्रार्थना परम पूज्य गुरूदेव-परम वंदनीया माताजी से की गई। श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी ने उन्हें मंगल तिलक कर पुष्पहार भेंट किया। पश्चात् समस्त शान्तिकुञ्ज, देसंविवि परिवार ने अपने-अपने ढंग से स्नेहाभिवादन करते हुए उन्हें शुभकामनाएँ दीं।
शान्तिकुञ्ज में गायत्री विद्यापीठ के नौनिहालों से लेकर समस्त कार्यकर्त्ता अपनी शुभकामनाएँ लेकर श्रद्धेया जीजी, श्रद्धेय डॉक्टर साहब तक पहुँचे। किसी के कंठ से श्रद्धेया जीजी की करूणा, ममता एवं सत्प्रेरणाओं का स्मरण करने वाले स्वर थे, तो किसी के हाथों में हृदय में उमड़ते उल्लास के प्रतीक गुलाब और गुलदस्ते थे। नन्हें नौनिहाल अपने मनोभावों को उकेरते हुए चित्र-विचित्र शुभकामना संदेश लेकर पहुँचे थे। सभी ने कर्त्तव्यनिष्ठा की जीवन्त ‘गीता’ के विविध अध्यायों का स्मरण कराने वाली श्रद्धेया जीजी को उन्हीं की प्रेरणाओं के अनुरूप परम पूज्य गुरूदेव एवं परम वंदनीया माताजी के जीवन पथ पर बढ़ते चलने का आश्वासन दिया।
श्रद्धेया शैल जीजी के जन्म दिवस पर देश-विदेश से फोन और सोशल मीडिया के माध्यम से हजारों की संख्या में शुभकामना
संदेश आए। इससे पूर्व श्रद्धेया शैलदीदी के जन्मदिन के अवसर पर प्रात: 27 कुण्डीय यज्ञ में उनके उत्तम स्वास्थ्य हेतु यज्ञाहुतियाँ डाली गयीं।
सैकड़ों पीतवस्त्रधारी नर-नारियों ने मंगल प्रभात फेरी निकालीं। वहीं श्रद्धेया शैलदीदी के उत्तम एवं दीर्घ जीवन की मंगल कामना के साथ सामूहिक प्रार्थना की गयी। सायंकाल गीता जयंती के अवसर पर उत्साहपूर्वक दीपमहायज्ञ संपन्न हुआ।
स्नेहसलिला जीजी और श्रद्धेय डॉ. साहब ने परम पूज्य गुरूदेव एवं परम वंदनीया माताजी के बाद अखिल विश्व गायत्री परिवार के करोड़ों लोगों में प्यार लुटाया है, अपने स्नेहानुदानों से यह देव परिवार निरंतर बढ़ाया है। उनके जन्मदिन पर नारी उत्कर्ष के लिए किए जा रहे विशेष प्रयासों का प्रमुख रूप से स्मरण किया गया। उन्हीं के नेतृत्व में आज शान्तिकुञ्ज की अधिकांश गतिविधियों में बहिनों की अग्रणी भागीदारी है। ब्रह्मवादिनी
टोलियाँ पूरे देश में बड़े-बड़े कार्यक्रमों का संचालन कर रही हैं। आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी और कन्या कौशल शिविरों का अभियान चलाया जा रहा है। श्रद्धेया शैलदीदी कहती हैं-‘‘यह दैवीय शक्ति द्वारा संचालित मिशन है और यह सतत आगे बढ़ता ही जायेगा। कोई भी झंझावात इसे हिला नहीं सकेगा।’’
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