परमतत्त्व में विलीन हो गई मिशन की मंजुल दीपशिखा चंद्रा शर्मा

गायत्री परिवार उज्जैन शाखा की कार्यवाहक रहीं श्रीमती चंद्रा शर्मा दिनांक 21 जून 2024 को परमसत्ता में विलीन हो गयीं। गायत्री तपोभूमि एवं युग निर्माण योजना के आरम्भिक दिनों से वे परम पूज्य गुरूदेव के प्रति अनन्य भाव से समर्पित रहीं। मिशन के प्राय: समस्त मूर्धन्यों के साथ मिल कर उन्होंने युग निर्माण योजना को निरंतर ऊर्ध्वगामी बनाया। श्रीमती चंद्रा शर्मा ने महिला सशक्तीकरण एवं विचार क्रांति हेतु घर-घर अलख जगाई। महाकाल की योजनाओं को फलीभूत करने हेतु उन्होंने महाकाल की नगरी उज्जैन में अनेक संगोष्ठियाँ, कार्यशालाएँ एवं बड़े-बड़े यज्ञायोजन किये। उनकी अथक सक्रियता में उनके पति श्री महेश चंद्र शर्मा का पूरा सहयोग रहा। अपने पारिवारिक दायित्वों के निर्वहन, बच्चों को संस्कारवान बनाने तथा सभी आत्मीय जनों पर स्नेह लुटाने के साथ वे मिशन के सभी कार्यों को बड़ी कर्मठता के साथ करती रहीं। उनका लोकोपकारी, प्रेरणादायी जीवन सदैव अनुकरणीय रहेगा।
Recent Post

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 63): प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
जो...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 62) प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
&l...

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 61)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
चर...

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 60)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
गु...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 59)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
गु...
_(1).jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 58)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
उत...

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 57)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
सत...
.jpeg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 56)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
पि...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 55)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
प्...
.jpg)