देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में एनईपी को लेकर सारथी कार्यशाला सम्पन्न

देवसंस्कृति सारथी विद्यार्थियों द्वारा 26 अप्रैल 2025 को एनईपी जागरुकता को लेकर चल रही कार्य़शाला सम्पन्न हुई। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रुप में पधारे विश्वविद्यालय के कुलपति श्री शरद पारधीजी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विद्यार्थियों का उत्साहबर्धन किया और आवश्यक मार्गदर्शन दिया कि कैसे एनईपी मूल्य शिक्षा के साथ सर्वांगीण शिक्षा की आवश्यकता को पूरा कर रही है और निश्चित रुप से हम सभी शिक्षा क्षेत्र में क्राँति के ऐतिहासिक पलों से गुजर रहे हैं।
एनईपी समन्वयक प्रो. सुखनन्दन सिंह ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को देवसंस्कृति में एनईपी के नए प्रयोगों के साथ अवगत कराया और सारथी गतिविधियों में बढचढ़ कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया। डिप्टी डीन डॉ. सौरभ मिश्रा ने निबन्ध प्रतियोगिता में प्रतिभाग लिए विद्यार्थियों का उत्साहबर्धन किया तथा और बेहतर प्रदर्शन के लिए मार्गदर्शन किया। निबन्ध मूल्याँकन में भागीदार ईआरपी प्रमुख श्री निश्छल राय भी कार्य़क्रम में उपस्थित रहे। निबन्ध का विषय था – एनईपी-2020 का महत्व, इसका प्रभावी कार्यान्वयन और जुड़ी चुनौतियाँ।
कार्य़क्रम में कुल 50 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिनमें 33 छात्राएं तथा 17 छात्र थे। कुलपति महोदय द्वारा छात्र-छात्राओं को पुरस्कार वितरण किया गया। बीए इतिहास की छात्रा श्रुति द्विवेदी प्रथम रही, बीए इतिहास के ही कमलेश कुमार दूसरे स्थान पर तथा बीएससी गणित की छात्रा काजल देशमुख तीसरे स्थान पर रही। कुल 33 छात्र-छात्राओँ ने ऑनलाइन निबन्ध प्रतियोगिता में भाग लिया था। साथ ही तीनों सारथी विद्यार्थियों द्वारा एनईपी बूथ काउण्टर पर विद्यार्थियों की एनईपी से जुड़ी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया और नए सत्र में प्रवेश को लेकर जिज्ञासु छात्र-छात्राओं को आवश्यक मार्गदर्शन दिया।
पीएचडी छात्र विवेक सुबुद्धि, स्नातकोत्तर छात्रा अम्बिका राठौर और स्नातक छात्रा शाम्भवी शुक्ला ने सारथी के रुप में मिलजुलकर स्वागत उद्बोधन से लेकर धन्यवाद ज्ञापन तथा कार्य़क्रम का सफल सुत्र संचालन किया।
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