शांतिकुंज में तीन दिवसीय गायत्री जयंती महापर्व का भव्य शुभारंभ

हरिद्वार 3 जून।
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में तीन दिवसीय गायत्री जयंती महापर्व का आज उल्लासपूर्ण वातावरण में शुभारंभ हुआ। पर्व की शुरुआत मंगलवार प्रातः एक विशाल शोभायात्रा से हुई, जिसे शांतिकुंज के वरिष्ठ प्रतिनिधि युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह शोभायात्रा शांतिकुंज के गेट नंबर दो से आरंभ होकर हरिपुरकलां होते हुए देव संस्कृति विश्वविद्यालय पहुँची। शोभायात्रा का समापन गायत्री तीर्थ में स्थित युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य एवं वंदनीया माताजी की पावन समाधि पर आरती के साथ हुआ।
यात्रा में शांतिकुंज के अंतेवासी कार्यकर्त्ता, विभिन्न राज्यों से आये प्रशिक्षणार्थी, गायत्री परिवार के परिजनों के साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए। शोभायात्रा में घर-घर अलख जगाएंगे का गगनभेदी उद्घोष करते हुए शांतिकुंज के उदगाता बंधु अग्रिम पंक्ति में चल रहे थे। ज्योतिकलश यात्रा की सुंदर झांकी, प्रज्ञा बैंड की मधुर धुनों और शांतिकुंज के बालकों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक झलकियों ने जनमानस को आकर्षित किया।
गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने अपने संदेश में कहा कि यह पर्व आत्मिक चेतना के जागरण और राष्ट्र के नव निर्माण का आधार बनेगा। युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें गायत्री साधना, युग निर्माण एवं समाजोत्थान के इस अभियान में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।
सायंकाल गायत्री तीर्थ के मुख्य सभागार में भजन संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत आप हिम्मत बंधाकर हमें चल दिए, किंतु सामीप्य की याद तो आयेगी जैसे मार्मिक भजन से हुई, जिसने वातावरण को भावविभोर कर दिया।
गायत्री विद्यापीठ के किशोर बालक-बालिकाओं ने सुंदर सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। शांतिकुंज की बहिनों और संगीत विभाग के संगीतज्ञ भाइयों ने अपने सुमधुर गीतों के माध्यम से पूज्य गुरुदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की। शांतिकुंज मीडिया विभाग ने बताया कि इस तीन दिवसीय महापर्व में विविध आध्यात्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देश विदेश के लाखों गायत्री परिवार के सदस्य जुड़ रहे हैं।
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