समाज की रीढ़ की तरह होता है युवा : डॉ चिन्मय पण्ड्या

शांतिकुंज में तीन दिवसीय युवा जागरण शिविर का शुभारंभ, छग के सात सौ अधिक युवा शामिल
हरिद्वार १० जून।
शांतिकुंज में तीन दिवसीय युवा जागरण शिविर का आज शुभारंभ हुआ। इस शिविर में छत्तीसगढ राज्य के सात सौ से अधिक युवा शामिल हैं।
शिविर के पहले दिन युवाओं को संबोधित करते हुए देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि युवा समाज की रीढ़ की तरह है। उन्हें परिवार, समाज व राष्ट्र की प्रगति के लिए आगे बढक़र नेतृत्व करना चाहिए। युवा आइकान ने परिवार के एक बड़े भाई की तरह युवाओं के विविध व्यक्तिगत व पारिवारिक शंकाओं का समाधान किया। उन्होंने कहा कि कोई भी समस्या बड़ी नहीं होती, बल्कि उसे टालमटोल का रवैया ही बड़ी बना देती है।
इससे पूर्व डॉ ओपी शर्मा, श्री केपी दुबे एवं छत्तीसगढ के ओपी राठौर जी ने दीप प्रज्वलन कर शिविर का शुभारंभ किया। डॉ ओपी शर्मा ने युवाओं को दुव्र्यसन से बचने व सृजन में जुट जाने का आह्वान किया। इस अवसर पर शांतिकुंज कार्यकत्ताओं सहित छत्तीसगढ़ राज्य से आये युवक, युवतियाँ उपस्थित रहे।
Recent Post

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 63): प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
जो...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 62) प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
&l...

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 61)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
चर...

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 60)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
गु...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 59)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
गु...
_(1).jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 58)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
उत...

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 57)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
सत...
.jpeg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 56)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
पि...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 55)— प्रवास का दूसरा चरण एवं कार्यक्षेत्र का निर्धारण
प्...
.jpg)