आदरणीय प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या जी का इटली प्रवास | रोम में आयोजित “सेकण्ड पार्लियामेंटरी कॉन्फ़्रेन्स ऑन इंटरफेथ डायलॉग” में भारत का किया प्रतिनिधित्व

यूरोप प्रवास के क्रम में आदरणीय प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने इटली की राजधानी रोम में आयोजित सेकण्ड पार्लियामेंटरी कॉन्फ़्रेन्स ऑन इंटरफेथ डायलॉग (Second Parliamentary Conference on Interfaith Dialogue) में प्रतिभाग किया। इस वैश्विक सम्मेलन का आयोजन इटैलियन पार्लियामेंट, इंटर-पार्लियामेंटरी यूनियन एवं रिलिजन्स फ़ॉर पीस (Religions for Peace) के संयुक्त सहयोग से किया गया था। इस वर्ष का केंद्रीय विषय था — “सामूहिक भविष्य के लिए विश्वास को सशक्त बनाना एवं आशा को अपनाना” (Strengthening Trust and Embracing Hope for Our Common Future)।
इस गरिमामयी अवसर पर आदरणीय डॉ. पंड्या जी ने हिंदू धर्म पर भारत की ओर से एकमात्र प्रतिनिधि वक्ता (sole speaker from India on Hinduism) के रूप में संबोधन दिया। यह उनके लिए एक विशेष अवसर रहा कि वे सनातन धर्म की शाश्वत और सार्वभौमिक शिक्षाओं एवं युगदृष्टा परम पूज्य गुरुदेव के संदेश को 120 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों, प्रधानमंत्रियों, सांसदों, मंत्रियों एवं धार्मिक प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत कर सकें।
उन्होंने “शिक्षा हेतु शांति” (Peace for Education) विषय पर अपने विचार रखते हुए भारतीय संस्कृति में शिक्षा के वास्तविक उद्देश्य — समझदारी, करुणा एवं आत्मिक गरिमा की स्थापना — को प्रभावशाली ढंग से रेखांकित किया।
यह वैश्विक सम्मेलन, विचारों और मूल्यों के आदान-प्रदान के माध्यम से, सह-अस्तित्व एवं सहयोग पर आधारित एक ऐसे समाज के निर्माण की दिशा में महत्त्वपूर्ण पहल सिद्ध हुआ।
आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने इस अवसर पर आशा व्यक्त की कि यह संवाद वैश्विक समुदाय के मध्य सद्भाव, आत्मीयता एवं साझा मानव गरिमा की भावना को और अधिक सशक्त बनाएगा।
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