रोम, इटली में भारत की गौरवपूर्ण प्रस्तुति | मुख्य संसद भवन में आयोजित अंतरधार्मिक संवाद सम्मेलन के दूसरे दिवस में आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी का प्रेरणादायी उद्बोधन

यूरोप प्रवास के अंतर्गत 20 जून 2025 को इटली की राजधानी रोम स्थित मुख्य संसद भवन — चेम्बर ऑफ डिप्यूटीज़ (Palazzo Montecitorio) में आयोजित सेकण्ड पार्लियामेंटरी कॉन्फ़्रेन्स ऑन इंटरफेथ डायलॉग के दूसरे दिवस में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए “शांति के लिए शिक्षा और नैतिक नेतृत्व” विषय पर प्रभावशाली उद्बोधन दिया।
इस उच्चस्तरीय पैनल चर्चा में आदरणीय डॉ. पंड्या जी ने दक्षिण एशियाई शांति एवं मेल-मिलाप संस्थान के अध्यक्ष के रूप में भाग लेते हुए भारतीय दृष्टिकोण से शिक्षा, मूल्यों एवं अध्यात्म के अद्वैत संबंध को रेखांकित किया। उन्होंने यह संदेश दिया कि शिक्षा केवल सूचना नहीं, वरन् संस्कार, करुणा और चरित्र निर्माण का माध्यम है।
इस सत्र में मंच पर अन्य विशिष्ट वक्ताओं में उनके साथ युनेस्को महासभा की अध्यक्ष राजदूत सिमोना-मिकुलेस्कु, यूरोपीय संसद की उपाध्यक्ष एंटोनेला सबरना, मिस्र के ग्रैंड मुफ्ती के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. इब्राहीम नेगम, अफ्रीकी युवा प्रतिनिधि जॉय मुतोनी गिताउ, रिलिजन्स फ़ॉर पीस के महासचिव डॉ. फ्रांसिस कुरिया, डिकास्टरी फ़ॉर एवैंजेलाइज़ेशन के प्रो-प्रीफ़ेक्ट द मोस्ट रेवरेन्ड रिनो फिसिकेला, तथा इंटरनेशनल पैनल ऑफ पार्लियामेंटेरियन्स फ़ॉर फ़्रीडम ऑफ रिलिजन ऑर बिलीफ़ की निदेशिका सुश्री फर्नान्डा सैन मार्टिन कारास्को जैसी विश्वविख्यात विभूतियाँ भी मंच पर उपस्थित रहीं।
संपूर्ण सम्मेलन में डॉ. पंड्या जी का चिंतन एवं प्रस्तुतियाँ भारतीय संस्कृति की वैश्विक प्रासंगिकता और परम पूज्य गुरुदेव के दिव्य दृष्टिकोण की झलक बनकर उपस्थित रहीं।
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