शांतिकुंज में भारत सहित पाँच देशों के योग प्रशिक्षुओं ने किया योगाभ्यास

हरिद्वार 21 जून।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शांतिकुंज कार्यकर्त्ता, देव संस्कृति विवि, भारत के विभिन्न राज्यों से आए हजारों योग साधक के अलावा स्लोवाकिया, अमेरिका, कनाडा, इंग्लैण्ड, वियतनाम से आए योग प्रशिक्षुओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय योग प्रशिक्षक श्री रामावतार पाटीदार ने अंतर्राष्ट्रीय योग मानकों पर आधारित योगाभ्यास कराया।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रातःकालीन बेला में वैदिक मंत्रोच्चारण, गुरु स्तवन और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। तत्पश्चात प्रशिक्षित योगाचार्यों के मार्गदर्शन में प्रतिभागियों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार विभिन्न आसनों, प्राणायाम, ध्यान और सूक्ष्म व्यायाम का अभ्यास किया।
योग प्रशिक्षुओं को दिये अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि योग भारत की एक अमूल्य देन है, जिसे आज विश्वभर में अपनाया जा रहा है। योग शारीरिक व्यायाम के साथ ही यह एक जीवनशैली है, जो हमें संतुलन, संयम और समर्पण सिखाता है।
इटली से भेजे अपने संदेश में युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि शांतिकुंज एवं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय वर्षों से योग, ध्यान और आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध एवं प्रशिक्षण का कार्य कर रहे हैं। यहाँ आने वाले साधकों को केवल योगाभ्यास ही नहीं कराया जाता, बल्कि उन्हें जीवन के चारों स्तरों शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आत्मिक पर संतुलन प्राप्त करने हेतु प्रेरित किया जाता है। इस अवसर पर व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि ने कहा कि योग केवल एक दिन की क्रिया नहीं, यह जीवन भर चलने वाली साधना है।
इस मौके पर विदेशी प्रतिभागियों ने भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि भारत आकर शांतिकुंज जैसे आध्यात्मिक स्थल में योग करना हमारे लिए अत्यंत आनंददायक और आत्मिक अनुभव रहा। यहाँ की ऊर्जा और वातावरण पूरी तरह ध्यानपूर्ण है।
शांतिकुंज मीडिया विभाग ने बताया कि इटली में युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या ने सांसदों, गणमान्य नागरिकों सहित प्रशासनिक अधिकारियों को योगाभ्यास कराया एवं योग को दैनिक जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया। वहीं रसिया में डॉ ज्ञानेश्वर मिश्र, कनाडा में श्री बालरूप शर्मा, थाइलैण्ड में श्री जयराम मोटलानी, दुबई में देसंविवि के विद्यार्थी सहित इंग्लैण्ड, फीजी, न्यूजीलैण्ड, साउथ अफ्रीका आदि देशों में शांतिकुंज टीम एवं देसंविवि के प्रशिक्षित योगाचार्यों ने योगाभ्यास कराया।
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