अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर रोम में योग धर्म समुदाय को आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी का उद्बोधन | 30 से अधिक केंद्रों में गूंजेगा युग निर्माण सत्संकल्प

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर रोम (इटली) में आयोजित एक विशेष सत्संग में योग धर्म समुदाय को देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने संबोधित किया। यह एक अत्यंत प्रेरणादायी और भावपूर्ण संगम रहा, जिसमें उन्होंने योग को केवल आसन या व्यायाम न मानकर आंतरिक रूपांतरण का एक मार्ग—एक साधना—के रूप में प्रस्तुत किया।
इस पावन अवसर पर आदरणीय डॉ. पंड्या जी ने परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा रचित युग निर्माण सत्संकल्प का भावपूर्ण वाचन किया एवं उसके गूढ़ तात्त्विक अर्थों को समुदाय के समक्ष रखा। अत्यंत हर्ष का विषय है कि योग धर्म समुदाय ने इस सत्संकल्प को अपने जीवन का अंग बनाने का संकल्प लिया है, और आने वाले समय में इसे इटली के 30 से अधिक केंद्रों पर सामूहिक रूप से पढ़ा और आचरण में लाया जाएगा।
इस अवसर पर भाई हरि सिंह जी एवं उनके समर्पित परिवार द्वारा योग धर्म के माध्यम से पूरे यूरोप में किए जा रहे कार्यों की डॉ. पंड्या जी ने विशेष रूप से सराहना की। साधना, सेवा और सादगी से युक्त उनका कार्य हजारों जीवनों को भारतीय योग, अनुशासन और आंतरिक जागरण के पथ से जोड़ रहा है। ज्ञातव्य है कि हरि सिंह जी एक दशक पूर्व शांतिकुंज आगमन के पश्चात पूज्य गुरुदेव और वंदनीया माताजी को अपने शाश्वत आध्यात्मिक पथप्रदर्शक मानकर इस मार्ग पर निष्ठा पूर्वक अग्रसर हैं।
इस आध्यात्मिक संगम में आदरणीय डॉ. पंड्या जी ने समस्त साधकों को आह्वान किया कि वे योग को केवल शरीर नहीं, बल्कि चेतना के परिष्कार, विकास, एवं युग निर्माण के हेतु अपनाएं।
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