वसुधैव कुटुम्बकम्—सामाजिक समरसता की भारतीय दृष्टि

नई दिल्ली प्रवास के दौरान देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार जी से शिष्टाचार भेंट की।
यह संवाद भारत की सनातन संस्कृति, समता के आधार पर समाज निर्माण, तथा ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की सार्वभौमिक भावना पर आधारित था।
पूर्व में शांतिकुंज आगमन के दौरान व्यक्त उनके भावपूर्ण जुड़ाव व श्रद्धा को स्मरण करते हुए, यह भेंट भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान में आध्यात्मिक चेतना की भूमिका पर सार्थक रही।
डॉ. वीरेंद्र कुमार जी का व्यक्तित्व सामाजिक न्याय एवं भारतीय जीवन मूल्यों का जीवंत उदाहरण है। उनका गायत्री परिवार से आत्मीय संबंध हम सभी के लिए प्रेरणा है।
Recent Post
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 90): शान्तिकुञ्ज में गायत्री तीर्थ की स्थापना
मथ...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 89): तीसरी हिमालययात्रा— ऋषिपरंपरा का बीजारोपण
हरिद्वार रहकर हमें क्या करना है और मार्ग में आने वाली कठिनाइयों का समाधान कैसे करना है? यह हमें ऊपर बताए निर्देशों के अनुसार हमसे विस्तारपूर्वक बता दिया गया। सभी बातें ...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 88): तीसरी हिमालययात्रा— ऋषिपरंपरा का बीजारोपण
&l...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 87): तीसरी हिमालययात्रा— ऋषिपरंपरा का बीजारोपण
&n...
.jpg)
.jpg)
.gif)


