जब किसी मंत्र की शक्ति केवल जप में नहीं, बल्कि जीवन के हर पक्ष को दिशा देने में निहित हो—तब वह राष्ट्र के भविष्य का मार्गदर्शन बन जाता है।

नई दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी की केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आदरणीय श्री पीयूष गोयल जी से आत्मीय भेंट हुई।
इस अवसर पर पूज्य गुरुदेव द्वारा प्रतिपादित “राष्ट्र समर्थ—राष्ट्र सशक्त” की संकल्पना, गायत्री मंत्र के वैज्ञानिक अर्थ, और भारतीय संस्कृति की पुनर्स्थापना हेतु आवश्यक आध्यात्मिक सशक्तिकरण जैसे विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
यह संवाद न केवल नीति और दर्शन के समन्वय की एक सुंदर झलक था, अपितु आज के भारत को एक वैज्ञानिक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक शक्ति के रूप में पुनः प्रतिष्ठित करने की दिशा में एक प्रेरणास्पद कदम भी।
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