गायत्री परिजनों ने दुर्व्यसन को उखाड़ फेंकने और सद्विचारों की स्थापना का लिया संकल्प

|| कपासन, चित्तौड़गढ़ || मेवाड़ के श्रद्धावान, कर्मठ, भावना संपन्न, सेवाभावी, श्रमशील आदि अनेक सद्गुणों से संपन्न क्षेत्र में अपने राजस्थान प्रवास पर 4 मार्च 2024 को दीप हूं जलता रहूंगा, मैं प्रलय की आंधियों से अन्त तक लड़ता रहूंगा का संकल्प लेकर देश विदेशों में परम पूज्य गुरुदेव का संदेश पहुंचाने वाले, अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा आइकन आदरणीय डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी उदयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे जहां गायत्री परिजनों ने उनका स्वागत किया। तत्पश्चात् वे १०८ कुंडीय राष्ट्र आराधना गायत्री महायज्ञ के अवसर पर कपासन, चित्तौड़गढ़ पहुंचे, जहां गायत्री परिवार के भाई बहनों ने राजस्थान की पारंपरिक रीति से उनका स्वागत किया। कपासन के गणमान्य अतिथियों और गायत्री परिजनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इंसान भगवान के द्वारा बनाई गई सर्वोत्तम कृति है। जीवन को यज्ञमय बनाकर श्रेष्ठता का वरण करें। उन्होंने कहा कि गुरुदेव का कथन है- मेरा स्वरूप मेरे साहित्य में छिपा है, मेरे साहित्य को घर घर पहुंचा दो। गुरुदेव ने इस मिशन को प्यार और सद्भाव से सींचा है। हम सभी को गुरुदेव के सपनों को साकार करने के लिए संकल्पित होकर तन, मन, धन से जुट जाना है। प्रस्तुत है कुछ झलकियां।
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