हमें एक-जुट होकर संकल्प के द्वारा प्रखर व्यक्तित्व बनाने की आवश्यकता है- आदरणीय डॉ चिन्मय पंडया

समाज के नव-गठन में जिम्मेदारीपूर्वक अपना योगदान करें - आदरणीय डॉ चिन्मय पंडया
|| डूंगरपुर, राजस्थान ||अपने राजस्थान प्रवास में आरंभ में दिनांक 5 अप्रैल 2024 को अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति, आदरणीय डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी, वीर राजपूतों की भूमि उदयपुर (मेवाड़) के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट पर पहुंचे जहां गायत्री परिजनों ने उनका स्वागत किया।
तत्पश्चात् वे १०८ कुंडीय गायत्री महायज्ञ के अवसर पर डूंगरपुर पहुंचे। गायत्री शक्तिपीठ डूंगरपुर में मां गायत्री का पूजन कर उन्होंने नवनिर्मित यज्ञशाला का लोकार्पण किया और दीपमहायज्ञ में उपस्थित गणमान्य अतिथियों और गायत्री परिजनों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें एक-जुट होकर संकल्प के द्वारा प्रखर व्यक्तित्व बनाने की आवश्यकता है । हम दिये की भांति अपने क्षेत्र को प्रकाशित करें तथा अपनी-अपनी आहुति देकर समाज के नव-गठन में जिम्मेदारीपूर्वक अपना योगदान करें ।
कार्यक्रम की अगली श्रृंखला में आदरणीय डॉ चिन्मय पंड्या जी गायत्री शक्तिपीठ आसपुर पहुंचे, जहां उन्होंने मां गायत्री एवं महाकाल के दर्शन कर शक्तिपीठ के नव-निर्मित भवन एवं भोजनशाला का शुभारंभ कर सभी उपस्थित परिजनों से भेंट की।
Recent Post
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 90): शान्तिकुञ्ज में गायत्री तीर्थ की स्थापना
मथ...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 89): तीसरी हिमालययात्रा— ऋषिपरंपरा का बीजारोपण
हरिद्वार रहकर हमें क्या करना है और मार्ग में आने वाली कठिनाइयों का समाधान कैसे करना है? यह हमें ऊपर बताए निर्देशों के अनुसार हमसे विस्तारपूर्वक बता दिया गया। सभी बातें ...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 88): तीसरी हिमालययात्रा— ऋषिपरंपरा का बीजारोपण
&l...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 87): तीसरी हिमालययात्रा— ऋषिपरंपरा का बीजारोपण
&n...
.jpg)
.jpg)
.gif)


