ईमानदारी तथा बेईमानी

कुछ लोग संसार में ईमानदारी से जीते हैं, और बहुत से लोग झूठ छल कपट बेईमानी करते हैं। ईमानदार लोगों को धन, सम्मान आदि कम मिलता है। झूठे बेईमान लोग जैसे तैसे छल कपट से चालाकी से बहुत सा धन भी इकट्ठा कर लेते हैं और उनके बड़े-बड़े शौक भी पूरे हो जाते हैं।
ईमानदार लोगों के पास धन संपत्ति सुविधाएं कम होने से, वे अपने सारे शौक पूरे नहीं कर पाते। कोई बात नहीं।
किसी भी शौक को पूरा करने से जो सुख मिलता है वह क्षणिक होता है थोड़ी देर का होता है। उसमें पूर्ण तृप्ति का अनुभव नहीं होता। परंतु जो ईमानदारी से थोड़े साधन संपत्ति में भी संतोष करके जीते हैं, उनके सभी शौक भले ही पूरे नहीं होते, फिर भी वे चिंता रहित तनाव रहित मस्त जीवन जीते हैं।
यदि ईमानदारी तथा बेईमानी, इन दोनों की तुलना करें, तो ईमानदारी वाला जीवन अधिक अच्छा है। इसलिए ऐसे लोग सदा आनंदित रहते हैं। उनको भूख अच्छी लगती है, नींद अच्छी आती है, और वे अपने जीवन को सफलतापूर्वक जीते हैं। आप भी सोचिए दो में से कौन-सा जीवन अपनाना चाहेंगे।
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