सर्वभूत हितरेता:
.jpg-YRHC_538mxs72)
आधार उसे कहते हैं, जिसके सहारे कुछ स्थिर रह सके, कुछ टिक सके। हम चारों ओर जो गगनचुम्बी इमारत देखते हैं, उनके आधार पर नींव के पत्थर होते हैं।
बिना आधार के सनातन धर्म भी नहीं है। सनातन धर्म का अपना एक मजबूत आधार है, जिसके ऊपर उसकी भित्ति हजारों वर्षों से मजबूती से खड़ी हुई है
वह आधार क्या है ? वह आधार है - 'सर्वभूत हितरेता: इसे दूसरे शब्दों में ऎसा भी कह सकते हैं कि सृष्टि के सम्पूर्ण जड़ - चेतन में अपनी आत्मा का दर्शन करना। अपने समान ही सबको मानना।
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
धर्म तत्त्व का धर्षण और मर्म वांग्मय 53 पृष्ठ 1.13
Recent Post
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 90): शान्तिकुञ्ज में गायत्री तीर्थ की स्थापना
मथ...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 89): तीसरी हिमालययात्रा— ऋषिपरंपरा का बीजारोपण
हरिद्वार रहकर हमें क्या करना है और मार्ग में आने वाली कठिनाइयों का समाधान कैसे करना है? यह हमें ऊपर बताए निर्देशों के अनुसार हमसे विस्तारपूर्वक बता दिया गया। सभी बातें ...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 88): तीसरी हिमालययात्रा— ऋषिपरंपरा का बीजारोपण
&l...
.jpg)
हमारी वसीयत और विरासत (भाग 87): तीसरी हिमालययात्रा— ऋषिपरंपरा का बीजारोपण
&n...
.jpg)
.jpg)
.gif)


